Sonbhadra News: 135 टीमें करेंगी घर-घर टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग, पांच तक चलेगा सक्रिय मरीजों के खोज का विशेष अभियान
Sonbhadra News: जिले में नए सक्रिय टीवी मरीजों की खोज को लेकर जहां विशेष अभियान चलाया जाएगा। वहीं, 135 टीमों के जरिए घर-घर जाकर संदेहास्पद टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी।
Sonbhadra News: जिले में नए सक्रिय टीवी मरीजों की खोज को लेकर जहां विशेष अभियान चलाया जाएगा। वहीं, 135 टीमों के जरिए घर-घर जाकर संदेहास्पद टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी। बृहस्पतिवार (23 नवंबर) को इस अभियान की शुरूआत की जाएगी। पांच दिसंबर तक चलने वाले इस अभियान में, जिले की 20 प्रतिशत आबादी को जहां कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, अभियान में किसी तरह की लापरवाही न होने पाए, इसके लिए ब्लाक स्तर पर निगरानी के लिए टीमें तो गठित की ही गई हैं, अलग से 25 सुपरवाइजरों की तैनाती कर निगरानी का दायित्व सौंपा गया है।
बताते चलें कि प्रदूषण प्रभावित जिला होने के कारण, सोनभद्र की परिस्थितियां टीबी के लिहाज से खासी संवेदनशील हैं। जहां क्रशर बेल्ट और औद्योगिक इलाकों में टीबी के मरीजों की अच्छी-खासी तादाद देखने को मिलती है। वहीं, सामान्य एरिया में भी प्रदूषण का ग्राफ बढ़ने के साथ ही टीबी के मरीजों की संख्या बढने लगी है। बताते हैं कि ऐसे मरीज जो अब तक चिन्हित नहीं हुए हैं या उनकी सूचना स्वास्थ्य महकमे तक नहीं पहुंची हैं, उन्हें खोज निकालने के लिए, 10 दिवसीय विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है।
प्रत्येक टीम में तीन-तीन सदस्य करेंगे संभावित क्षय रोगियों की तलाश
सीएमओ डा. अश्वनी कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों की कुल 135 टीमें संभावित क्षय रोग से ग्रसित व्यक्तियों का चिन्हीकरण और स्क्रीनिंग का काम करेंगी। प्रत्येक टीम में तीन-तीन स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। 10 दिवसीय अभियान के जरिए जिले की 20 प्रतिशत आबादी को अभियान से आच्छादित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसकी निगरानी के लिए 25 सुपरवाइजर तैनात किए गए हैं। स्क्रीनिंग में संदिग्ध क्षय रोगियों के बगलम का नमूना जांच के लिए लिया जाएगा। बलगम की जांच संबंधित व्यक्ति के घर से, नजदीकी क्षय जांच केंद्र पर कराई जाएगी। आवश्यक समझ में आने पर सबंधित व्यक्ति को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर एक्सरे भी कराया जाएगा।
संबंधितों को रोजाना देनी होगी अभियान के प्रगति की रिपोर्टः
सीएमओ ने बताया कि उनकी अगुवाई वाली जिला स्तरीय मानीटरिंग कमेटी इसकी निगरानी करेगी। वहीं, जिला क्षय रोग अधिकारी, क्षय विभाग के जिला स्तरीय कोआर्डिनेटर और राज्य स्तर से नामित डब्ल्यूएचओ कंस्लटेंट भी अभियान को लेकर भ्रमण बनाए रखेंगे। अभियान के प्रगति की रोजाना की रिपोर्ट भी संबंधितों को प्रेषित करनी होगी, जिसे सीएमओ स्तर से राज्य स्तर पर भेजा जाएगा।
टीबी मरीजों की खोज के लिए यहां होगा विशेष फोकसः
टीबी के सक्रिय मरीजों के खोज अभियान के दौरान अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार, हाई रिस्क वाले चिन्हित समूहों/स्थलों, सब्जी मंडी, फल मंडी, लेबर मार्केट, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईंट भट्ठे, स्टोन क्रशर, खदानें, साप्ताहिक बाजार पर अभियान का विशेष फोकस होगा।