Sonbhadra: यूपी-छत्तीसगढ़ के बीच सीधी रेलवे लाइन की मांग, निकाली जाएगी 144 किमी लंबी पदयात्रा, सोनभद्र से होगी शुरूआत
Sonbhadra News: सरगुजा रेल संघर्ष समिति के संयोजन में निकलने वाली 144 किमी लंबी इस पदयात्रा की शुरूआत, जिले के रेणुकूट रेलवे स्टेशन के पास से होगी। इस कार्यक्रम में सांसद सहित कई गणमान्य और सोनभद्र व छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जनपद की चर्चित शख्सियतें शामिल होंगी।
Sonbhadra News: यूपी के आखिरी छोर पर बसे सोनभद्र और छत्तीसगढ़ के सरगुजा-अंबिकापुर इलाके को सीधे रेलवे लाइन से जोड़ने के लिए पहली सितंबर से पदयात्रा निकाली जाएगी। सरगुजा रेल संघर्ष समिति के संयोजन में निकलने वाली 144 किमी लंबी इस पदयात्रा की शुरूआत, जिले के रेणुकूट रेलवे स्टेशन के पास से होगी। इस कार्यक्रम में सांसद सहित कई गणमान्य और सोनभद्र व छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जनपद की चर्चित शख्सियतें शामिल होंगी।
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अभी सड़क मार्ग से ही है आवागमन की सुविधा
इसको लेकर संघर्ष मोर्चा की तरफ से जहां हस्ताक्षर अभियान जारी है। चार दिन तक चलने वाली पदयात्रा का समापन 4 सितंबर को अंबिकापुर में किया जाएगा। बताते चलें कि यूपी के सोनभद्र और छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के बीच आवागमन का साधन अभी सड़क मार्ग ही है। दोनों राज्यों के बीच आवागमन की सुविधा और सुगम आने के साथ ही खनिजों की ढुलाई एवं अन्य व्यापारिक वस्तुओं के परिवहन के लिए लंबे समय से सोनभद्र से अंबिकापुर के बीच सीधी रेललाइन की मांग की जा रहा है। इसको देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से रेणुकूट से अंबिकापुर के बीच 144 किमी लंबी रेल लाइन निर्माण के प्रस्ताव को हरी झंडी देने के साथ ही सर्वे कार्य शुरू करा दिया गया है।
144 किमी लंबी रेललाइन के लिए 1400 करोड़़ की है जरूरत
प्रस्तावित 144 किमी लंबे रेल मार्ग में सर्वे के जरिए रेणुकूट-अबिकापुर के बीच 11 स्टेशनों का भी निर्माण प्रस्तावित किया गया हैं। इसमें आठ की स्थापना छत्तीसगढ़ और तीन का निर्माण यूपी में किया जाना है। निर्माण कार्य के लिए 1400 करोड़़ का बजट भी प्रस्तावित किया गया है लेकिन अब तक बजट अवमुक्त न किए जाने की स्थिति को देखते हुए, सरगुजा रेल संघर्ष समिति की तरफ से पहली से लेकर चार सितंबर तक जिले के रेणुकूट से छत्तीसगढ के अंबिकापुर तक 144 किमी लंबी जनजागरण पदयात्रा निकाले जाने का निर्णय लिया गया है, जिसकी शुरूआत पहली सितंबर को रेणुकूट से की जाएगी।
सांसद सहित कई चर्चित शख्सियतें होंगी शामिल
पूर्व विधायक देवेश्वर सिंह की अगुवाई में निकलने वाली इस यात्रा के शुभारंभ पर राज्यसभा सांसद रामसकल, समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गोंड़, रॉबर्ट्सगंज विधायक भूपेश चौबे, राष्ट्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री काउंसिल, रेल मंत्रालय के सदस्य श्रीकृष्ण गौतम सहित अन्य की मौजूदगी देखने को मिलेगी। पहले दिन की पूरी यात्रा सोनभद्र में होगी। रात्रि विश्राम सेवाकुंज आश्रम, कारीडांड चपकी में करने के बाद यात्रा टोली अगले दिन छत्तीसगढ़ मे प्रवेश कर जाएगी। चार सितंबर को पदयात्रा अंबिकापुर पहुंचेगी, जहां इसका समापन किया जाएगा।
सोनभद्र से निकली रेललाइन का अंबिकापुर-सूरजपुर लाइन में होगा जुड़ा़व
राष्ट्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री काउंसिल, रेल मंत्रालय के सदस्य श्रीकृष्ण गौतम ने बताया कि प्रस्तावित रेल लाइन रेणुकूट से निकलकर सूरजपुर जिले के सिलफिली मंजीरा गांव के पास, अंबिकापुर-सूरजपुर रेल लाइन में जाकर जुड़नी है। सरगुजा संभाग (अंबिकापुर, मंजीरा, मायापुर, प्रतापपुर, देवरी, डांडकरवां, वाड्रफनगर और पशुपतिपुर) में आठ स्टेशन और सोनभद्र में तीन स्टेशन (कराकाची, किरविल और रेणुकूट) प्रस्तावित है।
खनिज ढुलाई का मिलेगा नया रास्ता, बाशिंदों को भी मिलेगी सहूलित
बता दें कि रेणुकूट-अंबिकापुर रेललाइन का निर्माण होने से जहां कोयला सहित अन्य महत्वपूर्ण खनिजों का एक नया रास्ता मिल जाएगा। वहीं लंबी दूरी की सुपरफास्ट-एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए भी एक नया और वैकल्पिक रास्ता तैयार हो जाएगा। इससे यूपी के पूर्वांचल और छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के बीच जहां आवाजाही आसान हो जाएगी। वहीं, सोनभद्र और अंबिकापुर के बीच के बाशिंदों के लिए भी देश के महानगरों के लिए सीधी ट्रेन सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे यूपी-छत्तीसगढ़ के साथ व्यापारिक रिश्तों में मजबूती के साथ ही, दोनों राज्यों की एक बड़ी आबादी, खासकर आदिवासी-वनवासी समुदाय को आवागमन का बड़ा सहारा उपलब्ध हो जाएगा।