Sonbhadra News: एंबुलेंस की जीवनरक्षक सेवाओं से खिलवाड़, सीएमओ ने पकड़ी गड़बड़ी, 24 घंटे में तलब की पूरी रिपोर्ट
Sonbhadra News: सीएमओ डा. अश्वनी कुमार के निरीक्षण में दोनों एंबुलेंस सेवाओं में, एंबुलेंस में उपलब्ध रहने वाली जीवनरक्षक सेवाओं की अनदेखी से हड़कंप की स्थिति बन गई है।
Sonbhadra News: प्रदेश में लोगों की जीवनरक्षा के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही 102 और 108 नंबर एंबुलेंस सेवाओं के संचालन में खासी लापरवाही बरती जा रही है। सीएमओ डा. अश्वनी कुमार के निरीक्षण में दोनों एंबुलेंस सेवाओं में, एंबुलेंस में उपलब्ध रहने वाली जीवनरक्षक सेवाओं की अनदेखी से हड़कंप की स्थिति बन गई है। नाराजगी जताते हुए सीएमओ, ने एंबुलेंस सेवाओं का संचालन करने वालों से 24 घंटे के भीतर, जिले में संचालित सभी एंबुलेंसों की स्थिति और जरूरी सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर रिपोर्ट तलब की है। लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
किसी एंबुलेंस में जमा मिली धूल तो किसी से गायब मिला ड्रग्स ट्रे
बताते चलें कि जिले में 24 108 नंबर वाली एंबुलेन्स, 22 102 नंबर वाली एंबुलेंस और चार एएलएस एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है। सभी एंबुलेंस सेवाओं का उद्देश्य मरीजों को त्वरित चिकित्सा और जीवन रक्षक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराना है। इसके संचालन की स्थिति जांचने के लिए सीएमओ डा. अश्वनी कुमार ने शनिवार को 102 और 108 एंबुलेंस सेवा की औचक जांच की। सबसे पहले उन्होंने 108 एंबुलेंस यूपी32-ईजी-4321 का निरीक्षण किया। इस एंबुलेंस पर चालक के रूप में संतोष कुमार यादव और ईएमटी के रूप में गोपाल वर्मा की ड्यूटी थी।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि एंबलुेन्स की सीट, स्ट्रेचर पर काफी धूल जमा था। आक्सीजन सिलेंडर में आक्सीजन उपलब्ध था। इमरजेंसी ड्रग ट्रे में सभी जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध नहीं थी। इसी तरह आईस बाक्स में कोल्ड बाक्स नदारद था, केवल बर्फ का टुकड़ा उपलब्ध था। नेबुलाइजर मशीन के जरिए नेबुलाइजेशन के लिए रेसप्युल्स उपलब्ध नही था। स्वीचबोर्ड में करंट नहीं आ रहा था। अग्निशमन उपकरण से उसके निर्माण और समाप्ति तिथि दर्शाने वाला स्टीकर उखड़ा हुआ था।
नेबुलाइजर मशीन-रेसप्युल्स भी पाए गए नदारद
इसी तरह 102 एंबुलेंस यूपी32-ईजी-6952, जिसके चालक सुभाषचंद्र मौर्या और ईएमटी चंद्र प्रकाश चौहान थे, का निरीक्षण करने पर पाया गया कि यहां से इमरजेन्सी ड्रग ट्रे ही गायब है। केवल कुछ जीवन रक्षक दवाएं एक कागज के डिब्बे में रखी गयी थीं। जीवनरक्षक दवाओं की चेक लिस्ट भी नदारद थी। नेबुलाइजर मशीन और उसका रेसप्युल्स दोनों गायब थे। बताया गया कि जिले में संचालित एंबुलेंस सेवाओं की निगरानी दो ईएमई और एक कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा की जाती है, बावजूद एंबुलेंस में उपलब्ध रहने वाली जीवनरक्षक सेवाओं के प्रति उदासीनता की स्थिति बनी हुई है।
तत्काल दूर करें खामियां, 24 घंटे में दे रिपोर्ट: सीएमओ
बरती जा रही लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए सीएमओ डा. अश्वनी कुमार ने जहां मौके पर मौजूद मिले ईएमई संतोष कुमार सिह और कार्यक्रम प्रबंधक संदीप पटेल को खासी फटकार लगाई। वहीं, उन्हें निर्देशित किया कि पाई गई खामियों को दूर कराते हुए, सभी 108, 102 और एएलएस एंबुलेंस का निरीक्षण करते हुए, 24 घंटे के अंदर रिर्पोट प्रस्तुत की जाए, अन्यथा की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी जाएगी।