Sonbhadra News: मजदूरों के हक की आवाज बुलंद, ट्रेड यूनियनों ने किया लेबर कोड को वापस लेने के लिए प्रदर्शन

Sonbhadra News: इस दौरान लेबर कोड वापस लेने, न्यूनतम मजदूरी के वेज को रिवाइज करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आवाज उठाई गई। मांगों से संबंधित प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भी डीएलसी को सौंपा।

Update:2023-08-09 20:06 IST
Trade unions strike

Sonbhadra News: अगस्त क्रांति के उपलक्ष्य में बुधवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आवाहन पर विभिन्न श्रमिक संगठनों की तरफ से पिपरी स्थित उप श्रमायुक्त कार्यालय पर धरना दिया गया। इस दौरान लेबर कोड वापस लेने, न्यूनतम मजदूरी के वेज को रिवाइज करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आवाज उठाई गई। मांगों से संबंधित प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भी डीएलसी को सौंपा गया।

न्यूनतम मजदूरी को रिवाइज करने की मांग

अध्यक्षता कर रहे एटक के प्रदेश उपाध्यक्ष लल्लन राय और संचालन कर रहे इंटक के जिलाध्यक्ष हरदेव नारायण तिवारी ने कहा कि यूपी में लंबित न्यूनतम मजदूरी के वेज को रिवाइज करने, ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित मजदूरों को आयुष्मान कार्ड, बीमा, पेंशन, आवास आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने, निजीकरण पर रोक लगाने, मजदूर विरोधी लेबर कोड वापस लेने, पूर्व में सीमेंट निगम रहने के दौरान काम करने वाले कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार समायोजित करने, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, ठेका मजदूरों को नियमित करने, ठेका प्रथा पर रोक लगाने, बिजली कर्मचारियों को लेकर अपनाए जा रहे दमनात्मक रवैए पर रोक लगाने को लेकर लगातार मांग उठाई जा रही है, लेकिन अभी तक इसको लेकर संजीदगी नहीं दिख सकी है।

93 प्रतिशत मजदूरों की आबादी असंगठित क्षेत्र से

यूपी वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर, सीटू के जिला अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार चौबे, एचएमएस के जिला अध्यक्ष अशोक कुमार पांडे, बिजली कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री अजय सिंह, बिजली कर्मचारी यूनियन के विशंभर सिंह, सचिव अवध राज सिंह, ठेका मजदूर यूनियन के जिला मंत्री तेज धारी गुप्ता, जिला संविदा यूनियन के अध्यक्ष सुरेंद्र पाल, इंटक के प्रदेश संयुक्त सचिव उत्तम कुमार मिश्रा, इंटक महामंत्री शमीम अख्तर खान ने कहा कि 93 प्रतिशत मजदूरों की आबादी असंगठित क्षेत्र से आती है, जहां दस हजार रुपए प्रतिमाह से कम कमाई में इस महंगाई में बड़ी कठिनाई में लोगों को जीना पड़ रहा है।

मोदी सरकार कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए श्रम कानूनों को खत्म कर दी है और जो लेबर कोड लाए गए हैं। उसमें काम के घंटे 12 करने का प्रस्ताव है। जो सुविधाएं मजदूरों को मिल रही थी उनमें भी कटौती की जा रही है। हरि शंकर गौड़, तीरथ राज यादव, मोहन प्रसाद, स्वतंत्र श्रीवास्तव, लालजी साहनी, केदारनाथ चंद्रवंशी, अंबिका प्रसाद पाठक, शिव शंकर मिश्रा, जनवादी महिला समिति की नीलम, नौजवान सभा के शिवप्रसाद उपाध्याय, कृष्णा, कामरेड मारी, राजेंद्र प्रसाद आदि ने कहा कि लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है कि मजदूरों को उनके अधिकार दिए जाएं और उनके गरिमापूर्ण जीवन की गारंटी ली जाए।

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