Sonbhadra: खनन पट्टा की बजाय गांव में लगा पेड़, एनजीटी को सौंपी रिपोर्ट
Sonbhadra News: एनजीटी में दाखिल की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच के समय पौधरोपण के मसले पर बताया गया कि पट्टा क्षेत्र की परिधि के आसपास पेड़ विकसित नहीं हो सके।;
Sonbhadra News: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की तरफ से दिए गए निर्देश के क्रम में जिले के सात खनन पट्टों की जांच में पौधरोपण को लेकर अजीबोगरीब तर्क की बात सामने आई है। संयुक्त समिति की तरफ से तीन दिन पूर्व एनजीटी में दाखिल की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच के समय पौधरोपण के मसले पर यह बताया गया कि पट्टा क्षेत्र की परिधि के आसपास पेड़ विकसित करने के सारे प्रयास विफल रहे। इसके पीछे मिट्टी की कमी का दावाकरते हुए, बरसात के मौसम में आस-पास के गांवों में पेड़ लगाने की जानकारी दी गई है लेकिन इस बाबत कोई प्रमाण ज्वाइंट कमेटी के सामने प्रस्तुत नहीं किया जा सका।
इन खदानों की हुई जांच
बताते चलें कि एनजीटी में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया गया था कि कई पट्टाधारक एरिया से आगे बढ़कर खनन कर रहे हैं। दर्शाए गए आराजी नंबर के आधार पर संयुक्त समिति जांच करने पहुंची तो पाया कि संबंधित एरिया में सात खदानें संचालित हैं। इसके आधार पर मेसर्स श्री महादेव इंटरप्राइजेज (डोलो स्टोन माइनिंग प्रोजेक्ट), आराजी नंबर 7536 ग, मेसर्स श्री महादेव इंटरप्राइजेज (डोलोस्टोन माइनिंग प्रोजेक्ट), आराजी नंबर 4949ख, मेसर्स बाबा खाटू इंडस्ट्रीज आराजी नंबर 4478 छ, केडी संसाधन प्राइवेट लिमिटेड (डोलो स्टोन), आराजी नंबर 5593 ज्ञ (खंड-8), मेसर्स बालाजी स्टोन वर्क्स, गाटा संख्या 4860 क एवं 4810 सहित सात खदानों की जांच की गई।
जांच में मिली इन खामियों पर कार्रवाई की सिफारिश
उपरोक्त खदानों में मिली खामियों को लेकर संयुक्त समिति की रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि खनन स्थल की सीमा का निर्धारण करने वाले सभी खंभे खड़े होने चाहिए और इनके सीमांकन के साथ, समय-समय पर संबंधित विभाग की तरफ से इसकी समीक्षा की जानी चािहए। खनन विवरण वाला बोर्ड न लगे होने को लेकर भी आपत्ति जताई गई है। जल छिड़काव के लिए टैंक स्थापित न किए जाने, तौल कांटा न लगे होने की भी जानकारी दी गई है।
खाटू इंडस्ट्रीज प्राप्त करे सीटीओ
संयुक्त समिति की रिपोर्ट में जहां, मेसर्स सुरेश गिरिी स्टोन माइन, अराजी नंबर 7407 के लिए निदेशालय की तरफ से हैवी अर्थ मूविंग मशीनरी की अनुमति न मिलने की जानकारी दी गई है। वहीं, मेसर्स बाबा खाटू इंडस्ट्रीज आराजी नं.4478 को हिदायत दी गई है कि वह राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से वैध सीटीओ प्रपत्र प्राप्त कर ही खनन गतिविधियों का संचालन करे। अन्यथा की स्थिति में यूपीपीसीबी कानून के अनुसार कार्रवाई शुरू करेगा। मेसर्स केडी संसाधन प्राइवेट लिमिटेड (डोलो स्टोन) आराजी नंबर 5593क (खंड-8) को हिदायत दी गई है कि वह गड्ढों में जमा पानी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए कार्रवाई करें और खदान के पानी के उपयोग की खनन योजना और अनुपालन रिपोर्ट बनाकर एक माह के भीतर खनन निदेशालय के समक्ष प्रस्तुत करे।