Sonbhadra News: टॉपर की जुबानी: देश के दुश्मनों को धूल चटाना चाहते हैं जिला टॉपर अक्षय, विपिन रावत को मानते हैं आदर्श

Sonbhadra News: सोनभद्र जिले से यूपी बोर्ड परीक्षा परिणाम में टॉप 10 में जगह बनाने वाले अक्षय कुमार देश की सेवा करना चाहते हैं। साथ ही उन्हें क्रिकेट खेलना काफी पसंद है।

Update: 2024-04-20 14:49 GMT

Sonbhadra News: एक सामान्य कृषक परिवार के रहने वाले अक्षय कुमार ने जिले के इंटर के परीक्षा परिणाम में पहला स्थान प्राप्त करने के साथ ही, 96.20 प्रतिशत अंक के साथ यूपी के टॉप 10 की सूची में नौवें स्थान पर जगह बनाने में कामयाबी पाई है। उनकी चाहत नेशनल डिफेंस एकेडमी के जरिए, भारतीय सशस्त्र सेना में शामिल होने और उसके जरिए देश के सरहदों की रक्षा करते हुए, देश के दुश्मनों को धूल चटाने की है।

अक्षय ने हाईस्कूल में भी अजिर्त किया था बेहतर परीक्षा परिणाम

एक सामान्य कृषक परिवार से आने वाले पगिया-खैराही क्षेत्र के अंगद कुशवाहा के लाडले अक्षय कुमार ने हाईस्कूल की परीक्षा में रजा मेमोरियल हाईस्कूल के जरिए 90.5 प्रतिशत अंक अर्जित कर जिले में 10वां स्थान प्राप्त किया था। मिली सफलता से गदगद अक्षय ने आगे बढ़ने के जज्बे को और अधिक उड़ान देते हुए, इंटर में न केवल जिले में पहला स्थान हासिल करने में सफलता पाई बल्कि यूपी के टॉपटेन में भी नौवां स्थान अर्जित कर, सोनभद्र की उपब्धियों में एक नया अध्याय जोड़ दिया।

अक्षय जनरल विपिन रावत को मानते हैं अपना आदर्श

न्यूजट्रैक से हुई सीधी बातचीत में अक्षय कुमार ने कहा कि वह जनरल विपिन रावत को अपना आदर्श मानते हैं। उनकी इच्छा है कि एनडीए के जरिए प्रशिक्षण हासिल कर भारतीय सशस्त्र सेना में शामिल होकर देश सेवा और देश की सरहदों की रक्षा करते हुए दुश्मनों को धूल चटाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें।

मिठाइयों में गुलाबजामुन, खेल में क्रिकेट-कबड्डी हैं सबसे ज्यादा पसंद: अक्षय

अक्षय को मिठाइयों में जहां गुलाबजामुन सबसे ज्यादा पसंद है। वहीं, क्रिकेट और कबड्डी सबसे पसंदीदा खेल हैं। मैथ सबसे रूचिकर सब्जेक्ट होने के साथ ही, इतिहास के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करना और ऐतिहासिक स्थलों को करीब से जानना उनका शौक है।

सफलता के लिए कठिन परिश्रम, अनुशासनित जीवन जरूरी: अक्षय

तीन भाई-बहनों में दूसरे नंबर के अक्षय कुमार कहते हैं कि सफलता के लिए कठिन परिश्रम और अनुशासित जीवन जरूरी तो है ही, सबसे ज्यादा जरूरी है कि किसी भी परिस्थिति में परीक्षा या पढ़ाई का तनाव खुद पर हावी न होने दें। पढ़ाई को शौक समझें और ज्यादा से ज्यादा समय पढ़ाई को दें ताकि सफलता के साथ ही, मंजिल आसानी से हासिल की जा सके।

टॉप 10 के लिए सात से आठ घंटे रोजाना करनी पड़ी पढाई

अक्षय बताते हैं कि हाईस्कूल में जिले के टॉपटेन में जगह मिलने के बाद उनका हौसला बढ़ा तो उन्होंने पढाई के घंटे बढ़ा दिए। पढ़ाई को दबाव समझने की बजाय, इंज्वाय के तौर पर लिया और शुरूआत में रोजाना चार से पांच घंटे पढ़ाई की। जैसे-जैसे परीक्षा का समय नजदीक आता गया। वैसे-वैसे पढ़ाई का समय बढ़ता गया। आखिरी तीन महीनों में रोजाना सात से आठ घंटे पढ़ाई का क्रम जारी रखा।

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