Sonbhadra News: ‘थाना-चौकियां फूंक दी जाएंगी’! पूर्व सांसद ने खोया आपा, आदिवासी-वनकर्मियों के विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया

Sonbhadra News: समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव सिंह गोंड़ और पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने पुलिसकर्मिेयों को जमकर खरीखोटी सुनाने के साथ ही आदिवासी पक्ष की तरफ से केस दर्ज करने की हिदायत दी।

Update:2023-08-31 20:52 IST
UP Minister of State for Social Welfare assures justice to tribals

Sonbhadra News: मांची थाना क्षेत्र के केवटम में तीन दिन पूर्व मवेशी चराने को लेकर हुए विवाद के बाद काटे गए बवाल मामले में एकतरफा कार्रवाई को लेकर सत्तापक्ष की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। आदिवासियों में आक्रोश की स्थिति देखते सदर विधायक भूपेश चौबे ने जहां बुधवार को केवटम पहुंचकर आदिवासियों को न्याय दिलाने का भरोसा दिया। वहीं, समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव सिंह गोंड़ और पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने गुरूवार को केवटम में चौपाल लगाकर ग्रामीणों से घटना का हाल जाना।

आदिवासी पक्ष की तरफ से केस दर्ज करने का निर्देश

समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव सिंह गोंड़ और पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने पुलिसकर्मिेयों को जमकर खरीखोटी सुनाने के साथ ही आदिवासी पक्ष की तरफ से केस दर्ज करने की हिदायत दी। वन रेंजर सतेंद्र कुमार सिंह, वन दरोगा राजेंद्र शर्मा सहित अन्य के खिलाफ तहरीर भी मांची पुलिस को सौंप दी गई है।

वनकर्मियों पर होगी कार्रवाई: संजीव

मंत्री संजीव सिंह गोंड़ ने कहा कि उन्हें जो घटना मालूम हुई है कि उसके मुताबिक वन दरोगा राजेंद्र शर्मा सहयोगियों के साथ आए और तेजन शर्मा की पिटाई करते हुए वन चौकी पर ले गए। परिवार के लोग एतराज जताए तो उनके साथ भी मारपीट की गई। इससे आक्रोशित ग्रामीण जब नाराजगी जताने वन चौकी पहुंचे तो वहां वन दरोगा ने फायरिंग कर ग्रामीणों को डराने की कोशिश की। कहा कि आदिवासियों का यहां पुश्तैनी जोतकोड है लेकिन वन विभाग के लोग पूरे नगवां ब्लाक लगातार आदिवासियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। इसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आदिवासियों को न्याय दिलाया जाएगा। कहा कि इसको लेकर उन्होंने वनमंत्री से भी बात की है। उन्होंने घटना में शामिल वनकर्मियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है।

भड़के पूर्व सांसद ने पुलिसकर्मियों पर जमकर निकाली भड़ास

मंत्री संजीव सिंह गोंड़ और पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार आदि की तरफ से केवटम गांव में पंचायत भवन पर चौपाल लगाकर ग्रामीणों की शिकायत सुनी गई। इस दौरान सीओ सदर आशीष मिश्रा और मांची थाने के पुलिसकर्मियों की टीम भी मौके पर बनी रही। आदिवासियों की तरफ से मामला न दर्ज किए जाने को लेकर केवटम में मत्री संजय सिंह गोंड़ की अगुवाई में लगाई गई चौपाल में पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने पुलिस के लोगों पर जमकर भड़ास निकाली और आदिवासी खेमे की तरफ से मामला दर्ज न करने को लेकर नाराजगी जताने के साथ ही, एकतरफा कार्रवाई को आदिवासियों को भड़का देने वाला कृत्य बता डाला।

कई बार पूर्व सांसद ने खोया आपा, कहा- मणिपुर में आदिवासियों के चलते हाहाकार

आदिवासी समुदाय की खरवार बिरादरी से जुड़ा मामला होने के कारण, चौपाल के दौरान पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार के तीखे तेवर देखने ही बने। उन्होंने आदिवासी पक्ष का मामला दर्ज न किए जाने को लेकर जहां मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को जमकर खरीखोटी सुनाई। वहीं, बीच-बीच में आपा खोते हुए, कई गलत शब्द भी निकाल डाले। कहा कि यह जानते हुए, आदिवासियों को भड़काने का काम किया जा रहा है कि इससे आग लग जाएगी। थाना-चौकियां फूंक दी जाएंगी। पूर्व सांसद ने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा कि इन्हीं आदिवासियों की वजह से मणिपुर में हाहाकार मचा हुआ है और सरकार फेल है।

लोकसभा चुनाव में खरवार वोटरों की अहम भूमिका, डैमेज कंट्रोल में जुटा सत्तापक्ष

बता दें कि बता दें कि राबटर्सगंज संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा है, जिसमें ओबरा, राबटर्सगंज और चकिया विधानसभा क्षेत्र में खरवार मतदाता जिताउ समीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पूर्व सांसद छोटेलाल को वर्ष 2014 में मिले टिकट में भी खरवार वोटरों के समीकरण ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसको देखते हुए, कहीं यह मामला खरवार बिरादरी में नाराजगी का सबब न बन जाए, इसको लेकर भी सत्तापक्ष डैमेज कंट्रोल में जुटा हुआ है। बता दें कि तीन दिन पूर्व मवेशी चराने को लेकर हुए विवाद के बाद जहां वन कर्मियों ने आदिवासियों की पिटाई कर दी थी। वहीं गुस्साए आदिवासियों ने वनचौकी का घेराव कर जमकर बवाल काटा था।

वनकर्मियों पर नहीं दर्ज हुआ केस तो कांग्रेस करेगी आंदोलन

कांग्रेसियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केवटम जाकर आदिवासियों से मुलाकात की और उनको न्याय दिलाने के लिए संघर्ष का भरोसा दिया। कांग्रेस प्रवक्ता शत्रुंजय मिश्रा ने कहा कि बीजेपी सरकार में आदिवासियों पर उत्पीड़न की घटनाएं आम बात हो गई हैं। कहा कि कांग्रेस सरकार ने आदिवासियों को वनाधिकार कानून के तहत जंगल की जमीन पर मालिकाना हक देने का काम किया, लेकिन आज आदिवासियों पर सूखी लकड़ी काटने, कृषि करने, महुवा आदि लेने पर फर्जी मुकदमे में फंसाया जा रहा है। वन विभाग के रेंजर और दरोगा पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाते हुए कहा कि उन पर मुकदमा दर्ज नही किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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