Sonbhadra News: मजदूरी बाकी होने के बावजूद पंचायत मित्र की दोबारा पोस्टिंग से भड़के ग्रामीण, प्रदर्शन

Sonbhadra News: मनरेगा घोटाले को लेकर खासा सुर्खियां बटोर चुकी म्योरपुर ब्लॉक की आरंगपानी ग्राम पंचायत यहां तैनात एक पंचायत मित्र और संबंधित अधिकारियों-कर्मियों की लापरवाही को लेकर फिर चर्चा में है।

Update:2024-06-18 20:15 IST

प्रदर्शन कर अपनी मांगे रखते ग्रामीण।  Photo- Newstrack

Sonbhadra News: मनरेगा घोटाले को लेकर खासा सुर्खियां बटोर चुका म्योरपुर ब्लाक की आरंगपानी ग्राम पंचायत यहां तैनात एक पंचायत मित्र और संबंधित अधिकारियों-कर्मियों की लापरवाही और मनमानी को लेकर सुर्ख़ियों में है। आरोप है कि जहां इस ग्राम पंचायत के 13 कार्यों की मजदूरी, पांच वर्ष से अटकी पड़ी हैं। वहीं, श्रमिकों की हाजिरी भरने में मनमानी करने वाले पंचायत मित्र को तीन बार इस्तीफे के बाद भी दोबारा तैनाती दे दी गई। इससे नाराज ग्रामीणों ने मंगलवार को ब्लॉक मुख्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया और नारे लगाए। लोगों ने मामले में कड़ा एक्शन न लिए जाने पर जिला मुख्यालय पहुंचकर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है। 

13 साल से बकाया है मजदूरी

प्रदर्शनकारियों में शामिल राजवंती आदि ग्रामीणों का कहना था कि मनरेगा से जुड़े 13 कार्यों की मजदूरी पांच साल सेे बकाया है। इसको लेकर अब तक कोई प्रक्रिया अमल में नहीं आ सकी है जबकि ग्रामीण इसको लेकर कई बार आवाज उठा चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीणों को हाजिरी भरने में पंचायत मित्र की मनमानी सामने आई थी। उधर, पंचायत मित्र ने तीन साल पूर्व इस्तीफा भी दे दिया था। एक बार नहीं, तीन-तीन बार इस्तीफा दिया। इसके बावजूद संबंधित अधिकारियों के सामने ऐसी कौन सी मजबूरी आ गई कि 10 दिन पूर्व उसे फिर से आरंगपानी ग्राम पंचायत में पोस्टिंग दे दी गई।

पोस्टिंग के बाद कार्य बंद कराने का आरोप

ग्रामीणों का कहना था कि आरोपी पंचायत मित्र ने जहां कई मजदूरों की जॉब कार्ड पर हाजिरी नहीं लगाई थी और कई कार्यों का भुगतान निकालकर गबन भी कर लिया। जब ग्रामीणों ने आवाज उठानी शुरू कर दी तो संबंधित पंचायत मित्र ने तीन साल पूर्व इस्तीफा दे दिया था। अब 10 दिन पूर्व अचानक से उसकी तैनाती ने जहां कई सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत मित्र ने गांव में आते ही चल रहे बाउली गहरीकरण कार्य को बंद करा दिया है। उधर, ब्लॉक प्रमुख मानसिंह गोंड़ का कहना था कि यह प्रकरण उनके कार्यकाल का है। भुगतान न होने का क्या कारण है, इसके बारे में जानकारी जुटाकर वह आवश्यक पहल करेंगे। साथ ही पंचायत मित्र को दोबारा किन हालातों मेें तैनाती दी गई, इस पर संबंधित अधिकारियों से वार्ता की जाएगी।

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