Sonbhadra News: दीवार गिरने से महिला मजदूर की मौत, NTPC के चार अफसरों पर FIR का आदेश

Sonbhadra News: दीवार गिरने से महिला मजदूर की मौत के मामले में नया मोड़ सामने आया है। मामले में एनटीपीसी के चार अफसरों और ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।

Update: 2024-06-05 13:52 GMT

NTPC शक्तिनगर की फाइल फोटो। (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: शक्तिनगर स्थित एनटीपीसी की मदर यूनिट सिंगरौली थर्मल पावर प्रोजेक्ट के विस्तार के लिए ढहाए जा रहे आवासों के दौरान दिवार ढहने से एक महिला मजदूर की मौत मामले में नया मोड़ आ गया है। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) एक्ट आबिद शमीम की अदालत ने धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए, प्रकरण को प्रथमदृष्ट्या गंभीर मामला माना है और आवेदन में उल्लिखित तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए एनटीपीसी के एजीएम, एचआर सहित चार अफसरों और संबंधित ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर का आदेश पारित किया है। मामले में प्रभारी निरीक्षक शक्तिनगर को प्रार्थना पत्र में वर्णित तथ्यों के आधार पर मामला दर्ज करके संबंधित पुलिस अधिकारी से मामले की विवेचना करने और विवेचना के परिणाम से न्यायालय को अवगत कराने का आदेश दिया गया है।

बिना चेतावनी के गिरा दी गई थी दीवार

सीमावर्ती मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला अंतर्गत चितरंगी थाना क्षेत्र के खोखवागांव निवासी बाबादीन गोड़ ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल कर अपनी मां हीरामती के मृत्यु के लिए ठेकेदार अनिल राय, संपदा अधिकारी असीम शेखर सिंह, एजीएम एचआर सिद्धार्थ मण्डल, वरिष्ठ प्रबंधक पवन पांडेय तथा सहायक मैनेजर रमाकान्त साहू को दोषी ठहराया था और उनके खिलाफ एफआईआर का आदेश दिए जाने की याचना की थी। प्रार्थना पत्र के जरिए उसका कहना था कि उसकी मां हीरामती की मृत्यु एनटीपीसी के उच्चाधिकारियों के जबरन कृत्य के चलते दीवार गिराए जाने से दब कर हो गई। छह फरवरी 2024 की सुबह साढ़े नौ बजे हुई घटना का जिक्र करते हुए बताया गया कि उसकी मां मजदूर थी। वह मजदूरी करने के लिए अनिल राय के बुलाने पर ज्यालामुखी कालोनी में गई थी। उसी समय आरोपी पक्ष की ओर से यह जानते हुए कि मजदूरों के द्वारा कार्य किया जा रहा है, दीवार को जबरन बिना किसी चेतावनी के जेसीबी से धक्का मरवा कर गिरवा दिया गया।

कोर्ट ने दिया विवेचना का आदेश

इसके चलते उसकी मां हीरामती की मृत्यु हो गई। उसने पुलिस से गुहार लगाई। कोई मदद न मिलने पर न्यायालय के सामने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। न्यायालय में पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों, दी गई दलीलों और प्रकरण को थाने से भेजी गई विस्तृत आख्या का परिशीलन किया तो गया कि प्रार्थना पत्र के प्रकाश में कोई अभियोग यानी एफआईआर पंजीकृत नहीं है। विपक्षीगण पर आरोप कि उन्होंने बिना चेतावनी दिए जेसीबी से दीवार गिरा दिया जिसमें आवेदक की मां दब गई और उसकी मृत्यु हो गयी। कोर्ट ने माना कि प्रपत्रों के अवलोकन से प्रथम दृष्ट्या संज्ञेय एवं गंभीर मामला प्रतीत होता है जिसकी विवेचना पुलिस द्वारा कराया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। इसको दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय की तरफ से प्रभारी निरीक्षक थाना शक्तिनगर को आदेशित किया गया है कि वह आवेदक के प्रार्थना पत्र में वर्णित तथ्यों के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कराकर संबंधित पुलिस अधिकारी से मामले की विवेचना कराना सुनिश्चित करें और विवेचना के परिणाम से न्यायालय को अवगत करावें। 

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