इन जिलों में पहुंची श्रमिकों से भरी स्पेशल ट्रेन, प्रियंका गांधी ने किया ट्वीट- कही ये बात

भाग्यशाली हैं वो श्रमिक जिन्हे घर आने के लिए सरकार की ओर से चलाई गई ट्रेने नसीब हो गईं। लेकिन अब भी ऐसे श्रमिक और उनके परिवार के सदस्य मौजूद हैं जो मंजिल तक पहुंचने के लिए पैदल का सफर कर रहे।

Update:2020-05-07 17:49 IST

रायबरेली: श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 1200 लोग रायबरेली में पहुंचे। ट्रेन से आए लोगों ने बताया कि वे लोग अहमदाबाद से 600 रुपए टिकट देकर यहां तक पहुंचे हैं। उधर यहां आ रहे श्रमिकों के आने से पहले कमिश्नर मुकेश मेश्राम और आईजी एसके भगत समेत डीएम शुभ्रा सक्सेना, एसपी स्वप्निल ममगई रेलवे स्टेशन पर मौजूद थे, उन्होंने हर आने वालों से उनकी समस्या के बारे में जानकारी की।

श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 1200 लोग पहुंचे रायबरेली

उधर जब यात्री यहां पहुंचे तो उमेश सिकरिया नाम के व्यापारी श्रमिको की मदद के लिए आगे आए। उन्होंने बताया कि लगभग 1250 यात्री बसों से ले जाए जा रहे हैं। इन सभी के लिए जलपान की व्यवस्था की गई है, ये लोग अपने गंतव्य स्थान पर जाने से पहले फल और बिस्कुट की व्यवस्था की गई। हम राजस्थान के रहने वाले हैं, हमारे पूर्वज में हमेशा से समाज सेवा का जज्बा रहा है।

बुधवार को साबरमती रेलवे स्टेशन से 1200 मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन रायबरेली पहुंची। इस ट्रेन से अहमदाबाद से आए एक युवा श्रमिक ने बताया कि उसे मिर्जापुर जाना है। युवक अहमदाबाद में जाब करता था, उसने बताया कि अहमदाबाद से 600 रुपए का टिकट लेकर वो यहां तक पहुंचा है। हां उसने ये अवश्य बताया कि उसे ट्रेन में खाना-पीना मिला है।

रायपुर के लिए महिलाए भी पैदल निकली, 5 और 8 माह का गर्भ, 100 किलोमीटर का तय किया सफर

भाग्यशाली हैं वो श्रमिक जिन्हे घर आने के लिए सरकार की ओर से चलाई गई ट्रेने नसीब हो गईं। लेकिन अब भी ऐसे श्रमिक और उनके परिवार के सदस्य मौजूद हैं जो मंजिल तक पहुंचने के लिए पैदल का सफर कर रहे। छत्तीसगढ़ के रायपुर जा रही दो गर्भवती महिलाएं ऐसे ही लोगों में हैं जो 100 किलोमीटर का पैदल सफर करके लखनऊ से रायबरेली पहुंची हैं।

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जानकारी के अनुसार रायबरेली में हाईवे के किनारे दो दर्जन से अधिक मजदूर छत्तीसगढ़ जाने के लिए बैठे हुए थे। यह मजदूर लखनऊ से पैदल चलकर यहां रायबरेली तक आए हैं।

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अब यहां बैठ कर आराम कर रहे हैं। इनमे मौजूद जीवन निसार नाम के श्रमिक ने बताया कि लखनऊ में पिछले 40 दिनों से यह इंतजार में थे कि सरकार इन्हें अपने गांव भेजेगी लेकिन इनकी उम्मीदें टूट गई है।

इन मजदूरो के साथ महिलाए और भी हैं। जिनमे दो महिलाएं गर्भवती है, 5 महीने और 8 महीने का गर्भ पेट में लेकर दोनो महिलाए लखनऊ से 100 किलोमीटर की यात्रा करके रायबरेली तक आई हैं और अभी छत्तीसगढ़ के रायपुर तक ये ऐसे ही जाएगी। श्रमिक की पत्नी मंदाकिनी निसार का कहना है कि अब सरकार से कोई उम्मीद नहीं बची है।

श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अमेठी-रायबरेली में पहुंचे श्रमिक, प्रियंका ने ट्वीट कर लिखा ''कांग्रेस आपका रेल भाड़ा अदा करेगी

उत्तर प्रदेश के अमेठी और रायबरेली जिले में श्रमिक स्पेशल ट्रेन से मजदूर लाए गए हैं। इन मजदूरो के जिले में पहुंचने के बाद सियासत तेज हो गई है। ''कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने ट्वीट कर कहा है कि हमने रायबरेली व अमेठी के डीएम से दूसरे राज्यों से आए लोगों की सूची मांगी है। जिससे हम टिकट के पैसे उन्हें दे सकें। यहां के लिए दो सहायता नं भी हैं जिन पर टिकट की फोटो, पता भेजने से कांग्रेस आपका रेल भाड़ा अदा करेगी।''

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प्रियंका गांधी ने दोनो ही जिलो के जिलाध्ययक्षों का नंबर जारी किया है।

अमेठी से जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल का नंबर 8795834675, 9415610734 और रायबरेली से जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी का नंबर 9515436744, 9264926243 जारी किया है।

आपको बता दें कि आज गुरुवार को अमेठी में साबरमती से ट्रेन अमेठी आई। जिस पर 42 जिलों के 1212 श्रमिक सवार थे। इनमे अमेठी के 283 श्रमिक भी शामिल हैं। जिनकी थर्मल स्कैनिंग और अन्य जांचे कराई गई और फिर सरकारी बसों से सभी को उनके घर भेजा गया।

वही कल यानी बुधवार दोपहर रायबरेली में भी अहमदाबाद से श्रमिक स्पेशल ट्रेन आई थी, जिस पर कुल 1200 पैसेंजर्स सवार थे। इनमें रायबरेली के 46 यात्री भी शामिल थे। कल और आज आए यात्रियों से 600 और 650 रुपए टिकट के लिए गए हैं।

गुजरात से इटावा पहुंचे श्रमिक

इटावा कोविड 19 महामारी के चलते लगभग 44 दिनों से समूचे देश के लॉक डाउन जारी है जिसके चलते अलग अलग प्रदेशो के श्रमिक अलग अलग राज्यों में फंसे हुए श्रमिकों की मांग के बाद सरकार ने श्रमिको को उनके जनपद तक पहुंचाने का निर्णय लिया है जिससे लोग अपने अपने घरों में सुरक्षित रह सके इसी के चलते आज सुबह तड़के गुजरात के सूरत से गोरखपुर होते हुए ट्रेन व बसों से इटावा जनपद पहुँचे श्रमिक और उनके परिवार जहां इटावा के NH2 के पास बृज गोपाल विद्यालय में बने कोविड सेंटर में गुजरात से आये श्रमिकों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई।

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इटावा गुजरात के सूरत से होते हुए झांसी, लखनऊ, से गोरखपुर होते हुए वापस इटावा पहुँचे 14 श्रमिकों का NH2 पर बने कोविड सेंटर पर थर्मल स्क्रीनिग की गई जिसके बाद उनको वहाँ से बिना किसी साधन के अपने अपने गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया, श्रमिक हिमांषु ने बताया कि वो सूरत से चले थे रास्ते मे भी प्रसाशन की ओर से खाने पीने को ज्यादा कुछ नही दिया गया जो वह अपने साथ लेकर चले थे उसी से उन्होंने गुजारा किया यहां पर जब गोरखपुर से बसों द्वारा आये तो जांच करके खाने पीने के लिए कोई समान नही दिया गया बस जांच करके अपने अपने घर वालो को बुलाने के लिए कहा गया जबकि लॉक डाउन में पुलिस किसी को निकलने नही दे रही अब मुसीबत यह है कि 40 किलो मीटर दूर जाने के लिए अब हमारे पास कोई संसाधन नही है हमारे साथ महिलाएं और छोटे छोटे बच्चे भी साथ है वही हिमांषु और दूसरे श्रमिक ने बताया कि सूरत में किसी वॉलंटियर द्वारा ट्रेन टिकिट उपलब्ध करवाए गए जिसपर टिकिट पर लिखी राशि से अधिक पेसो की वसूली की गई।

 

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