स्कूल प्रबंधक ने की फर्जी विद्यालय के नाम पर करोड़ों की हेराफेरी, STF ने पकड़ा
,सुल्तानपुर के संतोष कुमार सिंह को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि सांसद और विधायक निधि के करोड़ों रुपए उन्होंने ऐसे विद्यालयों के निर्माण पर खर्च कर डाले हैं जो केवल कागजों पर ही संचालित हो रहे हैं।
लखनऊ: यूपी पुलिस एसटीएफ ने रविवार को ऐसे जालसाज को धर दबोचा है जो सांसद-विधायक निधि का करोड़ों रुपया फर्जी स्कूलों के नाम पर हड़प चुका है। इसी मामले में सुल्तानपुर की पूर्व जिलाधिकारी इंदुमती और भाजपा विधायक देवमणि में भी तकरार हो चुकी है।
न्यूज़ट्रैक को मिली जानकारी के मुताबिक, सुल्तानपुर के संतोष कुमार सिंह को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि सांसद और विधायक निधि के करोड़ों रुपए उन्होंने ऐसे विद्यालयों के निर्माण पर खर्च कर डाले हैं जो केवल कागजों पर ही संचालित हो रहे हैं।
जांच में उजागर हुआ फर्जीवाड़ा
सुल्तानपुर की पूर्व जिलाधिकारी सी इंदुमती ने शिकायत मिलने पर पूरे मामले की जांच कराई थी जिसमें फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। भाजपा के स्थानीय विधायक देवमणि द्विवेदी के बारे में कहा जाता है कि संतोष सिंह को उनका संरक्षण मिल रहा है। सुल्तानपुर की पूर्व जिला अधिकारी खुद यह बात कही है कि भाजपा विधायक संतोष सिंह को बचाने के लिए अनावश्यक दबाव बना रहे हैं।
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जिलाधिकारी ने बताया है कि संतोष सिंह दरअसल एक विद्यालय संचालित करते हैं जबकि कागजों में तीन विद्यालय संचालित हो रहे हैं और इन तीन विद्यालयों के निर्माण के लिए सांसद व विधायक निधि के करोड़ों रुपए का कागजों पर व्यय दर्शाया गया है। इतना ही नहीं, इन तीनों विद्यालयों के नाम पर छात्रवृत्ति का फर्जीवाड़ा भी किया गया है। न्यूज़ट्रैक ने भाजपा विधायक और सुल्तानपुर के पूर्व जिलाधिकारी के बीच के विवाद को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया है।
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संतोष सिंह को लेकर भाजपा विधायक ने जिला अधिकारी के खिलाफ खोला था मोर्चा
सुल्तानपुर की पूर्व जिलाधिकारी इंदुमती का एक ऑडियो रिकॉर्ड वायरल हुआ है जिसमें वह दावा कर रही हैं कि संतोष सिंह को बचाने के लिए भाजपा विधायक ने उन पर अनावश्यक दबाव बनाया और जब उन्होंने भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी की बात नहीं मानी तो उन्होंने जिलाधिकारी पर झूठे आरोप लगाए हैं। कहा जाता है कि डीएम के आदेश पर हुई जांच कार्यवाही से नाराज भाजपा विधायक देवमणि ने डीएम सी इंदुमती के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। उनकी शिकायत मिलने के बाद और मीडिया में मामला उछलने पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलाधिकारी को हटा दिया गया था।
भाजपा विधायक से सुल्तानपुर की तत्कालीन जिलाधिकारी इंदुमती पर पल्स ऑक्सीमीटर व स्कैनर खरीद में मनमानी का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि भ्रष्टाचार की वजह से इन उपकरणों को कई गुना ज्यादा दाम पर खरीदा गया है। भाजपा विधायक देवमणि ने डीएम सी इंदुमती द्वारा निर्गत किए गए 84 लाइसेंसों के बाबत भी जिला प्रशासन से सूचना मांगी है।
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आरटीआई एक्टिविस्ट पूनम ठाकुर भी संतोष सिंह के फर्जीवाड़े का मामला उठा चुकी हैं, लेकिन अब समझा जाता है कि एसटीएफ की कार्रवाई के बाद संतोष कुमार सिंह की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। तीन विद्यालयों के फर्जीवाड़े से सरकार को करोड़ों का चूना लगाने वाले संतोष सिंह पर अदालत की ओर से पहले ही गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है।
रिपोर्ट: अखिलेश तिवारी
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