गोरखपुर में बोले CM योगी- विकास के लिए बाधक ये लोग, तुरंत करें खारिज
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिवसीय इस मंथन में निकले निष्कर्ष पर नीति बनाने के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाई जाएगी जो तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। आने वाले समय में पूर्वांचल में आर्थिक विकास के साथ सामाजिक उन्नयन भी दिखेगा।
गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि महात्मा बुद्ध के विचार ‘अप्प दीपो भवः’ से प्रेरित होकर प्रत्येक व्यक्ति को आगे आकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के सतत विकास में सहभागी बनना पड़ेगा। दुनिया के प्रथम मानव मनु से जुड़ी भूमि पूर्वी उत्तर प्रदेश प्राकृतिक रूप से समृद्ध है। इस भूमि को ईश्वर ने सब कुछ दिया है, लेकिन हम ईश्वर के भरोसे रह कर इसकी प्रगति केलिये कोई अतिरिक्त प्रयास नहीं किया।
स्थानीय स्तर पर होगा समस्याओं का समाधान
गोरखपुर विश्वविद्यालय में तीन दिन के मंथन के बाद जिन समस्याओं को चिन्हित किया गया है उनका समाधान स्थानीय स्तर पर ही होगा। इसमें स्थानीय संस्थाओं खास कर अकादमिक संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य में पिछले तीन साल में इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के लिए किए गए समन्वित प्रयासों का अनुभव वैश्विक महामारी कोरोना को काबू करने के काम आया। इसकी सराहना के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी विवश होना पड़ा। इन्हीं अनुभवों के आधार पर हमें पूर्वांचल के सतत और समग्र विकास की कार्ययोजना बनानी होगी जिसमें सभी संस्थाओं को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए समन्वित योगदान देना होगा।
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इंसेफेलाइटिस के चलते पचास हजार से अधिक हुईं मौतें
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर विश्वविद्यालय व नियोजन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘पूर्वांचल के सतत विकास: मुद्दे, रणनीति व भावी दिशा’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी के समापन समारोह में बोल रहे थे। शनिवार शाम गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वर्चुअल शामिल हुए सीएम योगी ने कहा कि 1977 से लेकर 2017 तक इंसेफेलाइटिस के चलते पचास हजार से अधिक मौतें हुईं। राज्य के 38 जिले इससे प्रभावित थे। 2017 में हमारी सरकार ने इसे काबू में करने को कोई अतिरिक्त बजट नहीं दिया बल्कि स्वास्थ्य विभाग को नोडल बनाकर अन्य कई विभागों के समन्वित प्रयास से महज तीन साल में इस पर नियंत्रण पा लिया।
ठीक इसी प्रकार के प्रयास पूर्वांचल के विकास को लेकर किए जा सकते हैं। कहा कि लक्ष्य स्पष्ट हो तो बजट और मैन पॉवर की समस्या बाधक नहीं बनती। चुनौतियों में ही मार्ग निकालना होगा। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में प्रकृति और ईश्वर की विशेष कृपा है। दुनिया की सबसे उर्वर भूमि और सबसे अधिक मीठा जल हमारे पूर्वांचल में है, लेकिन जब हम अतिरिक्त प्रयास छोड़ देते हैं तो प्रतिस्पर्धा में पीछे छूट जाते है। विरोधी जब आपके खिलाफ बोलते हैं तो मानिए कि हम कुछ कर रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोगों की नकारात्मक सोच से पूर्वांचल गरीबी व पिछड़ेपन का शिकार रहा। विकास में बाधक लोगों को दूध में से मक्खी की तरह निकाल फेकना होगा।
मंथन के निष्कर्ष पर नीति बनाने को बनाएंगे मंत्रिमंडलीय उप समिति
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिवसीय इस मंथन में निकले निष्कर्ष पर नीति बनाने के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाई जाएगी जो तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। आने वाले समय में पूर्वांचल में आर्थिक विकास के साथ सामाजिक उन्नयन भी दिखेगा। उन्होंने पूर्वांचल के समग्र व सतत विकास के लिए नियोजन विभाग और पूर्वांचल विकास बोर्ड को इस दिशा में हर संस्था को जोड़ने को प्रेरित किया।
शासन की योजनाओं से छात्रों को जोड़ना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय व अन्य शैक्षणिक संस्थान सिर्फ डिग्री देने तक सीमित न रहें। छात्रों को शासन की योजनाओं से जोड़ने के लिए भी उन्हें आगे आना होगा। शासन की नीतियों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना होगा। सैद्धांतिक के साथ कार्य के व्यावहारिक पक्ष को भी बताना होगा, तभी आत्म निर्भर भारत की परिकल्पना साकार होगी। उन्होंने शिक्षण संस्थानों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के असली मन्तव्य को समझने और तदनुसार अमल करने का सुझाव भी दिया।
स्थानीय स्तर पर निकालें समस्याओं का समाधान
सीएम योगी ने कहा कि क्षेत्र की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही निकालना होगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में 2017 में जब पहली बार दीपोत्सव हुआ तो 51 हजार दीये पूरे प्रदेश से जुटाने पड़े। हम दीयों व मूर्तियों के लिए चीन पर निर्भर हो गए थे जबकि यहां सबकुछ मौजूद था। कोरोना काल में चीन पर निर्भरता खत्म हुई, माटी कला को बढ़ावा मिला तो इस बार हर घर मिट्टी के दीये जले। अयोध्या के दीपोत्सव में सात लाख दीये जगमग हुए।
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स्वागत संबोधन करते हुए प्रमुख सचिव नियोजन आमोद कुमार ने संगोष्ठी का सारांश प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि पांच सेक्टर में हुए 45 तकनीकी और 8 विशेष सत्रों में कृषि, श्रम शक्ति, शिक्षा, जल प्रबंधन, उद्योग आदि के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण अनुशंसाएं मिली हैं। समापन समारोह की अध्यक्षता गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह ने की। इस अवसर पर पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र दयालु, नरेंद्र सिंह, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डॉ केवी राजू, राज्य सभा सदस्य जय प्रकाश निषाद आदि भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन गोरखपुर विश्वविद्यालय में रक्षा अध्ययन विभाग के प्रो हर्ष कुमार सिन्हा ने किया।
पूर्णिमा श्रीवास्तव