8वीं तक के स्कूल खोलने की मांग, मेरठ में शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

शिक्षकों ने स्कूल बंद करने के खिलाफ कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन मेरठ के DM को सौंपा

Published By :  Ashiki
Update: 2021-04-05 11:52 GMT

फाइल फोटो 

मेरठ: उत्त्तर प्रदेश के मेरठ में कोविड-19 के चलते बंद पड़े शिशु कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूल खोले जाने की मांग उठने लगी है। वित्तविहीन शिक्षक महासभा उत्तर प्रदेश जनपद मेरठ के बैनर तले आज शिक्षकों द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार स्कूल बंद करने के खिलाफ कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन मेरठ के जिलाधिकारी के अलावा जिला विद्यावय निरीक्षक को सौंपा गया।

स्कूलों को खोलने की मांग

ज्ञापन में कक्षा एक से लेकर आठ तक के स्कूलों को खोलने की अनुमति दिए जाने की मांग की गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि यदि स्कूल बंद करने जरुरी हैं तो प्राथमिक,माध्यमिक एवं उच्च स्तर तक पढ़ाने वाले निजी विद्यालयों के शिक्षकों को भरण-पोषण हेतु प्रति माह उचित मानदेय उपलब्ध कराया जाए।


शिक्षक महासभा की मेरठ-सहारनपुर शिक्षक खंड प्रभारी सरला चौधरी ने इस मौके पर मीडिया को बताया कि प्रदेश की शिक्षा में 85 फीसदी से अधिक योगदान करने वाले निजी विद्यालयों का पिछले 22 मार्च 2020 से कोरोना काल का अवकाश होने के कारण स्थिति दयनीय हो गई है।

चूंकि यह अध्यापक जमा होने वाली फीस से ही वेतन प्राप्त करते हैं। परन्तु विद्यालयों में बच्चों के न आने तथा अभिभावकों द्वारा फीस जमा न करने से पिछले एक वर्ष से भुखमरी की समस्या से परेशान हैं। अब पुनः नया सत्र 2021-22 ,जो एक अप्रैल 2021 से शुरु होना था उसमें भी कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यालय चरणबद्ध तरीके से बंद होने से इन विद्यालयों के छात्र, शिक्षक तथा विदयालय बर्बादी की कगार पर हैं।


यहां बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होली से पूर्व प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कक्षा-1 से आठ तक के सभी स्कूलों में 24 मार्च से 31 मार्च तक अवकाश घोषित कर दिया था। एक अप्रैल को स्कूल खुलते इसे पूर्व ही अवकाश 11 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया।

रिपोर्ट: सुशील कुमार, मेरठ

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