एटा में सरकारी गोलमाल: कोर्ट का आदेश नगर पालिका को मंजूर नहीं, किया ये काम
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी व अध्यक्ष से मिलकर लाखों रुपये का गोल माल किया जा चुका है। जिसमें शहीद भगत सिंह की मूर्ति का ऊपरी हिस्से की आज तक पुताई नहीं कराई गयी ।
एटा : एटा जनपद मुख्यालय अंग्रेजी शासन काल से स्थित पूर्व में रानी विक्टोरिया पार्क वर्तमान में शहीद भगत सिंह पार्क नगर पालिका के अधिकारियों व ठेकेदारों की खाऊकमाऊ नीति की भेंट चढता जा रहा है।आपको बताते चलें कि एटा के शहीद पार्क में इन दिनों कोर्ट के स्थगन आदेश के बाद भी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी दीप कुमार व अध्यक्ष मीरा गांधी द्रारा पार्क में निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
अधिशासी अधिकारी बोले निर्माण कार्य मेरे संज्ञान में नहीं
ईओ द्वारा कोर्ट से स्थगन आदेश के बाद भी निर्माण कार्य कराने की बात कहने पर उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में कहीं कोई स्टे नहीं है और न कही निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जबकि शहीद पार्क में निर्माण कार्य कराने के लिए ईट व किया गया निर्माण फोटो में स्पष्ट नजर आ रहा है किंतु ईओ को कोई निर्माण कार्य होते दिखाई ही नहीं दे रहा है। इससे पूर्व भी पालिका अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी ने पार्क में निर्माण कार्य कराये गये हैं। तथा पार्क में सीवर लाइन का एक पाॅइंट के निर्माण के लिए सर्वे कराकर स्थान भी निर्धारित कर लिया गया है।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी गोल माल
उसका भी शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारंभ करने की तैयारी की जा रही है। साथ ही कुछ दिन पूर्व ही पार्क सौन्दर्यीकरण के नाम पर भी इसी ठेकेदार राजन यादव द्वारा सिर्फ खाना पूर्ति करके नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी व अध्यक्ष से मिलकर लाखों रुपये का गोल माल किया जा चुका है। जिसमें शहीद भगत सिंह की मूर्ति का ऊपरी हिस्से की आज तक पुताई नहीं कराई गयी तथा शेष पार्क कीभी सिर्फ आधी-अधूरी दीवारों की पुताई कराके आदि खानापूर्ति करके पार्क सौन्दर्यीकरण के स्थान पर उसका रूप और खराब कर दिया गया है।
कोर्ट के आदेश की अवहेलना
पार्क के पेड़ भी कटवाये इनके अलावा लगातार निर्माण से लेकर बड़ी वोरिंग आदि कार्य कराके कोर्ट के आदेश की अवहेलना जानबूझकर की जा रही है। बीते दिन भी पार्क में हो रहे निर्माण कार्य को कराके पुनः अवहेलना की गई है ऐसा लगता है कि नगर पालिका की नजर में कोर्ट का कोई सम्मान नहीं है। वह मुझे नहीं मालूम कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं पूर्व में भी निर्माण कार्य किए जाते समय भी उन्होंने यही कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया था। ऐसा लगता है कि ईओ को तो झूठ वोले में महारत हासिल है।
शहर की जनता कर रही विरोध
आपको बताते चलें कि इससे पूर्व में अग्रेजी शासन काल से शहर के बीचोंबीच स्थित महता पार्क में भी नगर पालिका द्वारा सीवर के एक बड़े टैक का निर्माण कराके पूरे पार्क को नष्ट कर दिया गया है। जिसको लेकर एटा शहर की जनता द्वारा काफी विरोध भी किया गया था किंतु प्रशासन ने जनता को स्वच्छ वातावरण में घूमने के स्थान को पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया गया और अब दूसरे पार्क को भी समाप्त करने पर उतारू है।
युवा छात्र कल्याण परिषद ने कही यह बात
युवा छात्र कल्याण परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने नगर पालिका द्वारा शहर के पार्क में किये जा रहे नियम विरुद्ध निर्माण व जनता के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले पार्को को समाप्त करने की कठोर शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी पार्को को अतिक्रमण, कब्जा मुक्त रखने के निर्देश दिए गये हैं किंतु यहां नगर पालिका उन्हें समाप्त करने पर जुटी हुई है जो निन्दनीय है।
कोर्ट ने दिया यह आदेश
जिस पर उन्हें पुनः जानकारी देकर बताया गया है एटा की ही कोर्ट सिविल जज जूनियर डिवीजन से मूलवाद संख्या 551/15 में पार्क में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य व पार्क की नोइयत परिवर्तन न करने पर स्थगन आदेश दिया गया है। किंतु ईओ एटा जानबूझकर न्यायालय के आदेश के बाद भी उसकी अवहेलना कर रहे हैं।
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रेनवसेरे का निर्माण किया प्रारंभ
इससे पूर्व भी नगर पालिका द्वारा पार्क को समाप्त करने के उद्देश्य से रेनवसेरे का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया था। जिसे एटा के व्यापार मण्डल के नगर अध्यक्ष अतुल राठी द्रारा न्यायालय से स्टे आदेश के बाद ही रोका जा सका था। उसके बाद एक बार फिर पार्क को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। वो भी न्यायालय के आदेश की अवहेलना करके?
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