खुला विकास का राज: सामने आई 22 साल पुरानी गाथा, जिसने पलट दी कई जिंदगियां
यूपी के कानपुर में पुलिसकांड को लेकर बड़ी जानकारी मिली है। सामने आई जानकारी में पता चला है कि एनकाउंटर में मारा गया माफिया विकास दुबे और शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा से 22 साल पहले भी आमने-सामने आए थे।
लखनऊ। यूपी के कानपुर में पुलिसकांड को लेकर बड़ी जानकारी मिली है। सामने आई जानकारी में पता चला है कि एनकाउंटर में मारा गया माफिया विकास दुबे और शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा से 22 साल पहले भी आमने-सामने आए थे। 22 साल पहले भी दोनों ने एक दूसरे पर फायर किया था, जो मिस हो गया था। कानपुर में 2-3 जुलाई की रात को पुलिस हत्याकांड के पीछे 22 साल पुरानी दुश्मनी का असर था, जिसने एक ही झटके में सब कुछ पलट के रख दिया।
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विकास दुबे और इंस्पेक्टर में मारपीट भी हुई
बात है दिसंबर, 1998 की, जब कानपुर की कल्याणपुर पुलिस ने माफिया विकास दुबे को गिरफ्तार किया था। उस समय विकास दुबे बिकरु गांव का प्रधान था। विकास दुबे और तत्कालीन इंस्पेक्टर कल्याणपुर हरिमोहन यादव में किसी बात को लेकर भिड़ंत हुई थी। जिसके चलते विकास दुबे और इंस्पेक्टर में मारपीट भी हुई थी।
शहीद हुए देवेंद्र मिश्रा उस समय कल्याणपुर थाने में सिपाही थे। विकास के इंस्पेक्टर से भिड़ने पर देवेंद्र ने विकास पर फायर किया था लेकिन फायर मिस हो गया था।
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विकास 30 पुड़िया स्मैक और बंदूक के साथ गिरफ्तार
तभी विकास ने देवेंद्र मिश्रा पर पलट कर फायर कर दिया लेकिन विकास का फायर भी मिस हो गया था। फिर इसके बाद विकास और देवेंद्र भिड़ गए थे और विकास गिरफ्तार हुआ था। उस समय विकास 30 पुड़िया स्मैक और बंदूक के साथ गिरफ्तार हुआ था।
साथ ही ये भी बताया जाता है कि उस समय से ही विकास दुबे देवेंद्र मिश्रा को अपना दुश्मन मानता था। अब 22 साल बाद इतिहास फिर दोहराया गया और दोनों आमने-सामने आ गए। शायद इसी दुश्मनी के चलते विकास ने देवेंद्र की हत्या की।
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उसने नहीं उसके साथियों ने मारा
आपको बता दें उज्जैन पुलिस को दिए अपने कुबूलनामे में विकास दुबे ने माना था कि देवेंद्र मिश्रा की उससे नहीं बनती थी। हालांकि उसने कहा था कि देवेंद्र मिश्रा को उसने नहीं उसके साथियों ने मारा था।
साथ ही पैर काटने की बात पर पकड़े जाने पर विकास ने बताया था कि देवेंद्र मिश्रा कहते थे विकास का एक पैर खराब है दूसरा भी खराब कर दूंगा। इस पर उसके साथियों ने देवेंद्र मिश्रा का पैर काटा था। दुश्मनी के चलते कानपुर में पुलिस हत्याकांड हुआ।
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