मोदी-कोविद समेत इनको आज मिलेगा शिलान्यास का प्रसाद, ये है बड़ा वजह

बैठक के बारे में कहा जा रहा है कि इसमें 70 एकड़ परिसर के लिए मास्टर प्लान पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा । जिसके बाद अयोध्या फैजाबाद विकास प्राधिकरण में नक्षा स्वीकृति के लिए आवेदन किया जाएगा। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है

Update: 2020-08-17 07:40 GMT
मोदी-कोविद समेत इनको आज मिलेगा शिलान्यास का प्रसाद, ये है बड़ा वजह

लखनऊ। वर्षो पुराने विवाद के समाधान के बाद रामजन्मभूमि मंदिर के षिलान्यास कार्यक्रम के बाद इसके प्रसाद को लेकर राममंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राज आज दिल्ली पहुंचकर इस आंदोलन से जुडे रहे भाजपा के शीर्ष नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और डा मुरली मनोहर जोषी को रामलला का प्रसाद देंगें।

इनके अलावा रामजन्मभूमि शिलान्यास का प्रसाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी भेंट किया जाएगा।

गौरतलब है कि अयोध्या आंदोलन में बढचढकर हिस्सा लेने वाले वयोवद्व नेता लालकृष्ण आडवाणी और डा मुरलीमनोहर जोषी गत पांच अगस्त को राममंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में कोरोना के कारण शामिल नहीं हो सके थें।

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राज इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी भेंट करेंगे और उनको मंदिर निर्माण के लिए हो रहे कामों की जानकारी देंगे। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अगली बैठक 20 अगस्त काो नई दिल्ली में प्रस्तावित है।

अगली बैठक 20 अगस्त को

रामजन्मभूमि तीर्थ छेत्र ट्रस्ट की अगली बैठक दिल्ली में 20 अगस्त को प्रस्तावित है। इस बीच चंपत राय पीएम मोदी, राष्ट्रपति आडवाणी, जोशी समेत अन्य देश के दिग्गज नेताओ को राम जन्मभूमि के भूमिपूजन का प्रसाद भेंट करेंगे। ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास गुड़गांव के अस्पताल में भर्ती है लिहाजा वो ट्रस्ट की बैठक में शामिल नहीं होंगे। वह पिछले एक सप्ताह से कोरोना से संक्रमित होकर अपना इलाज मेदान्ता में करा रहे हैं।

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बैठक के बारे में कहा जा रहा है कि इसमें 70 एकड़ परिसर के लिए मास्टर प्लान पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा । जिसके बाद अयोध्या फैजाबाद विकास प्राधिकरण में नक्षा स्वीकृति के लिए आवेदन किया जाएगा। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शिलान्यास कार्यक्रम के बाद यह पहली बैठक है। इस बैठक में ही मंदिर के निर्माण और डियायन आदि के बारे में अंतिम फैसला लिया जाएगा।

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