इस मौलाना ने स्वामी विवेकानंद की बात कर जिंदा की गंगा-जमुनी तहजीब
जयसिंहपुर के सुरौली गांव में बुधवार को आयोजित हुई मजलिस में मुज्जफरनगर से आए मौलाना सै. क़मर गाजी ने मजलिस को ख़िताब किया। उन्होंने कहा कि एक इंसान को दुनिया में जीने के लिए तीन चीजों की जरूरत होती है।
सुल्तानपुर: जयसिंहपुर के सुरौली गांव में बुधवार को आयोजित हुई मजलिस में मुज्जफरनगर से आए मौलाना सै. क़मर गाजी ने मजलिस को ख़िताब किया। उन्होंने कहा कि एक इंसान को दुनिया में जीने के लिए तीन चीजों की जरूरत होती है। गाइडेन्स, माहौल और एजुकेशन। मौलाना ने गंगा-जमुनी तहजीब को जिंदा करते हुए कहा 'स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि इंसान दो साल में बोलना सीख जाता है, लेकिन क्या बोलना है, कब बोलना है इसके लिए जिंदगी बीत जाती है।'
मां-बाप धार्मिक हैं तभी बेटा धार्मिक हो सकता है- मौलाना
सुरौली स्थित अज़ाखानए बाक़रिया में लोगों को ख़िताब करते हुए मौलाना ने कहा कि अगर मां-बाप धार्मिक हैं तभी बेटा धार्मिक हो सकता है। इसलिए कि बच्चा जब पैदा होता है तो एक कोरा कागज होता है, जिस तरह कोरे कागज पर जो लिखा जाता है वो ही दिखता है, अच्छा लिखा गया है तो अच्छा पढ़ने में आएगा, बुरा लिखा गया है तो वो पढ़ने में आएगा। ठीक उसी तरह मां-बाप धार्मिक होंगे, नमाजी होंगे, सोशल होंगे तो बच्चा वैसा ही करेगा अगर मां-बाप ऐसे नही हैं तो बच्चों में भी ये चीजें नही पाई जाएगी।
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मौलाना ने आगे कहा कि एक बच्चे के लिए दूसरी चीज माहौल है, अगर उसे अच्छा माहौल मिलेगा तो उसमें अच्छाईयां नजर आएंगी और बुरा माहौल मिलेगा तो बुराई नजर आएगी। उन्होंने कहा के बाप पूरी फैमली के साथ बैठकर फिल्म देख रहा अगर नमाज का समय आ गया और बाप अकेले नमाज पढ़ने के लिए गया और बेटे बेटी को सही समय पर नमाज की तालीम नही की, तो वो बच्चा कभी भी समय की कीमत को नही समझेगा। मौलाना ने ये भी कहा के एक बच्चे के लिए एजुकेशन सबसे अहम चीज है। अगर बच्चे के पास एजुकेशन नही है तो उसकी जिंदगी बेकार है। अंत में मौलाना ने कर्बला के शहीदों का जिक्र करते हुए मजलिस को समाप्त किया।
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