पुलिस को मिले सिर्फ चीथड़े, दो महीने से 2 लाशों के साथ रह रही थी ये महिला
ऐसा कहा जाता है मरने के बाद तो सब ही आपका साथ छोड़ देतें हैं। अगर कोई इंसान मर जाता है तो लोग उससे कुछ दिन तक याद करतें हैं। फिर कुछ टाइम बाद उसे भूल जातें हैं।
अयोध्या: ऐसा कहा जाता है मरने के बाद तो सब ही आपका साथ छोड़ देतें हैं। अगर कोई इंसान मर जाता है तो लोग उससे कुछ दिन तक याद करतें हैं। फिर कुछ टाइम बाद उसे भूल जातें हैं। लेकिन क्या कभी आपने ये सुना की मरने के बाद कोई इंसान डेड बॉडी के साथ 2 महीने से उसके साथ रह रही हो। जी हां हम आपको ऐसा ही एक किस्सा बतातें हैं।
ये घटना है अयोध्या की जहां अपनी मां व बहन के शव के साथ एक युवती दो माह से रह रही थी। मकान से शव के सड़ने की बदबू आने पर पड़ोसियों ने इसकी सूचना दी तो घर का दरवाजा तोड़ने पर मां और बेटी के कंकाल मिले जबकि युवती वहां पर सोती पाई गई।
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हादसा नगर कोतवाली के देवकाली चौकी स्थित आदर्श नगर कॉलोनी का है। जहां पड़ोसी बताते हैं कि घर में रहने वाली तीनों महिलाएं मानसिक रूप से बीमार थीं, इसलिए कोई उनसे मतलब नहीं रखता था। मकान से बदबू आने की शिकायत एक माह से पुलिस से की जा रही थी।
पूर्व एसडीएम विजेंद्र श्रीवास्तव का परिवार था
पुलिस के मुताबिक यह परिवार एक पूर्व एसडीएम विजेंद्र श्रीवास्तव का था जिनकी 1990 में ही मौत हो गई थी। घर में मां व दो बेटियां थीं जो अव्यवस्थित बताई जा रही हैं।
नगर कोतवाली पुलिस को 7 नवंबर गुरुवार को सूचना मिली कि देवकाली चौकी के आदर्श नगर कॉलोनी में पूर्व एसडीएम विजेंद्र श्रीवास्तव के घर के अंदर से बदबू आ रही है। सूचना मिलने पर पहुंची नगर कोतवाली पुलिस ने जब घर का दरवाजा तोड़ा तो अंदर दो महिलाओं की सड़ी-गली लाश मिली। तो वहीं दूसरे कमरे में एक युवती सोती मिली। जांच की रिपोर्ट में पता चला कि यह परिवार पूर्व एसडीएम विजेंद्र श्रीवास्तव का है जिनकी मौत 90 के दशक में हो चुकी है। परिवार में उनकी पत्नी व तीन बेटियां थीं। पत्नी व दो बेटियों की मानसिक हालत ठीक नहीं थी।
जिसमें से एक बेटी जो स्वस्थ बताई जाती है, उसकी मौत दो माह पूर्व ही हो गई थी। वर्तमान में मां और दो बेटियां साथ रह रही थीं। विगत कई करीब डेढ़ माह से उस घर में कोई हलचल नहीं हो रही थी, 7 नवंबर गुरुवार की दोपहर तेज बदबू आने पर कुछ लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, मौके पर जब पुलिस पहुंची तो उसे घर के अंदर मां-बेटी का शव मिला, जबकि एक बेटी बगल की कमरे में सोती हुई मिली।
सिटी सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया ये
वहां के सिटी सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि पूर्व एसडीएम के परिवार में उनकी पत्नी पुष्पा श्रीवास्तव, बेटी बीना श्रीवास्तव, व दीपा श्रीवास्तव रहती थीं यह सभी मानसिक रूप से बीमार थीं। इनकी एक बेटी जो मानसिक रूप से स्वस्थ थी उसकी कुछ माह पूर्व मौत हो गई थी।
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7 नवंबर गुरुवार को सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने मां-बेटी के शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। जबकि मानसिक रूप से बीमार दूसरी बेटी दीपा को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि मौत का कारण क्या है, यह पोस्टमार्टम के बाद स्पष्ट होगा। दूसरी बेटी दीपा अभी कुछ बताने की स्थिति में नहीं है।