प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए 'प्रधान' से लेकर 'मंत्री' तक देना पड़ता है पैसा!
यूपी के शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास मुहैया कराने के नाम पर रिश्वतखोरी करने का मामला सामने आया है। यहां एक वीडियो भी तेजी के साथ वायरल हो रहा है।
शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास मुहैया कराने के नाम पर रिश्वतखोरी करने का मामला सामने आया है। यहां एक वीडियो भी तेजी के साथ वायरल हो रहा है। जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ग्राम प्रधान ये कहते हुआ सुनाई दे रहा है कि जब प्रधानमंत्री आवास पास कराते है तो तुरंत बाबू को दस हजार देना पङता है।
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इतना ही नहीं प्रधान ये भी कह रहा है कि इसके अलावा पैसा मंत्री और उपर बैठे अधिकारियों तक पहुंचाया जाता है। पैसा पहुचाने का काम हमारे सेक्रेटरी का होता है। वीडियो मे दिख रहा प्रधान ब्लाक जलालाबाद के गुनारा गांव का है। इस गांव के प्रधान और सेक्रेटरी मोहम्मद इलियास पर आवास दिलाने के नाम रिश्वतखोरी का आरोप लगा है। खास बात ये है कि वायरल वीडियो मे ग्राम प्रधान रिश्वतखोरी का पैसा कहां कहां देना पङता है ये भी बता रहा है।
ग्राम प्रधान वीडियो में साफ कहता दिखाई और सुनाई दे रहा है कि दस हजार रुपये आफिस के बाबू को तुरंत देना पङता है। एक आवास का करीब 35 हजार रुपये लाभार्थी को देना पङता है। दस हजार बाबू लेता है और बाकी का पैसा मंत्री से लेकर उपर तक जाता है। पैसा पहुचाने का काम हमारे सेक्रेटरी का होता है।
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इस गांव मे 197 प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीबो को आवास दिए गए थे। जिनमे से 97 आवास तो बनवा दिए गए। लेकिन बाकी बचे 50 आवास के बदले रिश्वत न मिलने पर प्रधान ने आवास रोक दिए है। वीडियो मे लाभार्थी जमीन पर बैठा प्रधान की खुशामद कर रहा है। कि अभी पैसे नही है। जैसे पैसा आएगा हम दे देंगे।
लेकिन प्रधान की रिश्वतखोरी का आलम ये है कि गरीब लाभार्थी को 1600 रुपये देना पङ गया और उसका वीडियो वायरल हो गया। प्रधान और सेक्रेटरी से परेशान अब गरीब लाभार्थियों ने आलाधिकारियों के चक्कर लगाना शुरू कर दिए है। ग्रामिणों ने जिलाधिकारी को कार्यवाही के लिए पत्र लिखा है। फिलहाल शिकायत के बाद सीडीओ ने ग्रामिणों को कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
ग्रामीणों का कहना है कि सेक्रेटरी मोहम्मद इलियास पिछले 12 साल से एक ही ब्लाक पर कार्यरत है। उसका ट्रांसफर नही होता है। साथ ही जब कोई लाभार्थी पैसा देने से इंकार कर देता है तो वह आवास देने से मना कर देता है। और बाबूओ से मिलकर लिस्ट से नाम कटवा देता है। साथ ही ग्रामिणों का कहना है कि रिश्वत देने का विरोध करने पर ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी जान से मारने की धमकी देता है।
वहीं अब इस मामले में जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी का कहना है कि वायरल वीडियो की जांच कराई जाएगी। आरोप सही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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