बैंक में करोड़ों का गबन: पकड़ा गया आरोपी, फ्रॉड में ये भी शामिल...
दिसम्बर 2018 में जब अरूणिमा पर्वतारोहण के लिए बाहर थीं, उस दौरान बहन लक्ष्मी ने 17 लाख, ओम प्रकाश ने 24 लाख, राहुल ने 41 लाख तथा जगदेव ने 14 लाख रूपये आहरित कर लिया था।
अंबेडकरनगर: पद्यमश्री डॉ. अरूणिमा सिन्हा के ट्रस्ट अरूणिमा फाउन्डेशन के नाम से कूटरचित दस्तावेजों के सहारे खाता खोलकर लाखों रूपये का गबन किये जाने के मामले में पुलिस ने आरोपी ओम प्रकाश को जेल भेज दिया है। इसके अलावा लखनऊ के चौक शाखा के एचडीएफसी बैंक के पूर्व प्रबन्धक व वर्तमान प्रबन्धक समेत तीन अन्य कर्मचारियों को भी इस फ्राड में सम्मिलित होने का दोषी पाया गया है।
पद्यमश्री अरूणिमा फाउन्डेशन ट्रस्ट का एचडीएफसी में खुलवाया था फर्जी खाता
थानाध्यक्ष सरोजिनी नगर आनन्द शाही ने बताया कि ओम प्रकाश को जेल भेज दिया गया है तथा एक अन्य आरोपी जगदेव प्रसाद की तलाश की जा रही है। इसके अलावां अरूणिमा की बहन लक्ष्मी तथा भाई राहुल की गिरफ्तारी में उच्च न्यायालय का अन्तरिम आदेश आड़े आ रहा है। यह अन्तरिम स्थगन आदेश बीस जुलाई तक प्रभावी है। उल्लेखनीय है कि पद्यम श्री व तेनजिंग नार्गी एवार्ड से सम्मानित अरूणिमा ने अरूणिमा फाउन्डेशन ट्रस्ट का बैंक आफ इण्डिया की सरोजनी नगर शाखा में खाता खोला था।
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कूट रचित दस्तावेजों के सहारे बैंक कर्मियों ने खोला था खाता
दिसम्बर 2018 में जब अरूणिमा पर्वतारोहण के लिए बाहर थीं, उस दौरान बहन लक्ष्मी ने 17 लाख, ओम प्रकाश ने 24 लाख, राहुल ने 41 लाख तथा जगदेव ने 14 लाख रूपये आहरित कर लिया था। इसे देखते हुए अरूणिमा ने बैंक आफ इण्डिया के खाते से आहरण पर रोक लगा दी थी। इसी के उपरान्त अरूणिमा की अनुपस्थिति में ही ट्रस्ट के अध्यक्ष ओम प्रकाश ने एचडीएफसी बैंक की चैक शाखा में कूट रचित दस्तावेज के सहारे खाता संख्या 50200035822009 खुलवाया था।
तत्कालीन शाखा प्रबन्धक समेत पांच कर्मचारी पाये गये दोषी
ओम प्रकाश ने अरूणिमा फाउन्डेशन को मदद करने वाली संस्था स्किल इंडिया में भी इसी खाते की सूचना भेजी और प्राप्त धनराशि का गबन कर लिया। लगभग चार माह बाद इस फर्जी खाते की जानकारी होने पर अरूणिमा ने बैंक के शाखा प्रबन्धक से जानकारी चाही थी तो उसने तुरन्त खाते के संचालन पर रोक लगा दिया था। इसके उपरान्त अरूणिमा ने बैंक कर्मियों के अलावां ओम प्रकाश, लक्ष्मी, राहुल व जगदेव प्रसाद के विरूद्ध सरोजिनी नगर थाने में मुकदमा पंजीकृत करवाया था।
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बहन व भाई भी धोखाधड़ी में रहे शामिल
अरूणिमा की छवि को खराब करने के लिए ही ओम प्रकाश व उनकी पत्नी लक्ष्मी ने विधानभवन के सामने लखनऊ में आत्महत्या के प्रयास का नाटक रचा था। फिलहाल जांच में तत्कालीन प्रबन्धक वैभव टण्डन, कर्मचारी अरूण तिवारी, अमन सेठ, शिशिर मल्होत्रा व मौजूदा प्रबन्धक मनू शर्मा को दोषी पाया है। सब पर किसी न किसी रूप में खाता खुलवाने के दौरान किये गये फर्जीवाड़े में सहयोग का आरोप है। इसके अलावां दोषी पाये गये ओमप्रकाश को पुलिस ने जेल भेज दिया है।