जमीन में जिंदा दफन हो गये दो मासूम, दहल उठा ये पूरा इलाका
गुलरिहा थाना क्षेत्र के मंगलपुर स्थित ईंट भट्टे पर शुक्रवार की सुबह दीवार ढहने से दो बच्चे जिंदा दफन हो गए। बच्चों के गायब होने पर जब उनके मां- बाप ने खोजबीन शुरू की तब घटना का पता चला।
गोरखपुर: गुलरिहा थाना क्षेत्र के मंगलपुर स्थित ईंट भट्टे पर शुक्रवार की सुबह दीवार ढहने से दो बच्चे जिंदा दफन हो गए। बच्चों के गायब होने पर जब उनके मां- बाप ने खोजबीन शुरू की तब घटना का पता चला।
बच्चों की डेड बॉडी निकलवा कर पोस्टमार्टम कराने के बजाय भट्ठा मालिक ने मामले को दबाने का प्रयास किया। क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक ईंट भट्टों पर रांची- झारखंड के सैकड़ों मजदूर काम करते हैं। उनके परिवार के लोग भी उन्हीं ईट भट्टों पर रहते हैं। मां-बाप जब काम पर जाते हैं तो कैंपस में ही उनके बच्चे कच्ची-पक्की ईंटों के ढेर पर खेलते रहते हैं।
मंगलपुर के साईं ईंट भट्टे पर झारखंड के बरगांव के विरसा उरांव का परिवार काम करता है। उसके दोनों बच्चे हरीश(4) और सुजीत(2) खेल रहे थे। तभी अचानक भट्ठे की दीवार ढह गई। हादसे में दोनों दब गए। कुछ देर बाद मां-बाप ने तलाश शुरू की घटना की जानकारी हुई।
किसी तरह से बच्चों को बाहर निकाला गया। लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। लोगों का कहना है कि ईंट भट्ठा सरहरी स्टेट के राय अनूप प्रसाद का है। घटना की सूचना पर सरहरी चौकी प्रभारी धनंजय राय, राजस्व कर्मचारी मौके पर गए।
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झांसी में दीवार गिरने पर 5 की मौत
उत्तर प्रदेश के झांसी में दीवार गिरने पर 15 मजदूर दब गए थे। इस हादसे में पांच मजदूरों की मौत हो गई थी। जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गये थे।
ये घटना बरुआसागर थाना क्षेत्र के लक्ष्मनपुरा गांव में हुई थी। जानकारी के मुताबिक यहां स्टोन क्रशर की दीवार पर कुछ मजदूर प्लास्टर कर रहे थे। तभी अचानक ये हादसा हुआ था।
वहीं हादसे के बाद कैलाश स्टोन क्रशर सवालों के घेरे में आ गया था। आरोप है कि क्रशर की दीवार बनाने वाले मजदूरों का न तो कोई रजिस्ट्रेशन था, न हीं उन्हें कोई सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए गए थे।
बिना किसी सुरक्षा उपकरणों से ही क्रशर पर मजदूरों से काम करवाया जा रहा था। मामले में कैलाश स्टोन क्रशर के मालिक भी सवालों के घेरे में थे। लोगों का कहना था कि क्रशर की समय पर जांच होती तो इतना बड़ा हादसा टाला जा सकता था।
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