Umesh pal Murder Case: अतीक गैंग के पांच गुर्गों को मिला था ये टारगेट, रेकी करने से असलहा छुपाने तक के कामों को दिया अंज

Umesh pal Murder Case: CP रमित शर्मा के मुताबिक नियाज़ अहमद ने उमेश पाल हत्याकांड से पहले रेकी की थी। अतीक के बेटे असद ने सजद को आईफोन दिया था, सजद ने ही उमेश पाल की लोकेशन दी थी।

Update:2023-03-22 19:23 IST

Umesh pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड से परत दर परत पर्दा हटने पर और अधिक लोगों की संलिप्तता इसमें नजर आ रही है। सामने आ रहा है कि अतीक गैंग के एक पूरे सिस्टम ने किस तरह अलग-अलग काम किए और इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया गया।

इस मामले में पुलिस ने नियाज़ अहमद, मोहम्मद सजद, कैश अहमद, राकेश कुमार, मोहम्मद अरशद खान उर्फ अरशद कटरा को गिरफ्तार किया है। उनकी निशानदेही पर 74 लाख 62 हजार की नगदी व असलहे बरामद किए गए थे। CP रमित शर्मा के मुताबिक नियाज़ अहमद ने उमेश पाल हत्याकांड से पहले रेकी की थी। अतीक के बेटे असद ने सजद को आईफोन दिया था, सजद ने ही उमेश पाल की लोकेशन दी थी। अरशद खान उर्फ अरशद कटरा भी इस हत्याकांड की साजिश में शामिल था। कैश अहमद अतीक का ड्राइवर था, पिछले 16 सालों से वो अतीक के लिए कार्य करता था, कैश की निशानदेही पर ही नगदी और असलहों की बरामदगी की गई। जबकि राकेश कुमार अतीक के घर का कार्य 19 सालों से कर रहा था, असलहों को छिपाने में उसकी अहम भूमिका थी।

पांचों आरोपियों को दिए गए थे अलग-अलग काम

नियाज अहमद

प्रयागराज के धूमनगंज का रहने वाला नियाज को असद ने अपनी टीम में शामिल किया और व्हाट्सएप कॉलिंग करके अतीक से बात कराई थी। आरोप है कि धूमनगंज से लेकर कचहरी तक उमेश पाल का पीछा इसी ने किया था और अतीक अहमद घर पर हुई बैठक में भी शामिल रहा। नियाज के ऊपर धन उगाई के भी कई आरोप हैं।

कैश अहमद

कैश अतीक अहमद का बीते 16 साल से गाड़ी का ड्राइवर था। शाइस्ता परवीन के कहने पर असलहे और लाखों रुपए इसी ने छुपाए थे। अतीक और शाइस्ता के कहने पर सभी काम करता था। इसी की निशानदेही पर पुलिस को मंगलवार को लाखों रुपए और असलहे का जखीरा मिला।

मोहम्मद सजर

सजर पर उमेश पाल के घर से निकलते ही असद को सूचना देने का आरोप लगा है। जयंतीपुर का रहने वाले मोहम्मद सजर को असद ने आईफोन दिया था और इसी आईफोन के जरिए सजर ने पूरी सूचना असद को दी थी।

राकेश कुमार

राकेश अतीक अहमद का सबसे पुराना नौकर है। असलहों को छुपाने में राकेश ने मदद की थी। इससे पुलिस अतीक और शाइस्ता के पुराने राज पता लगाने में लगी हुई है। इसे लाला के नाम से भी लोग बुलाते हैं। बीते 19 सालों से अतीक अहमद का सारा हिसाब किताब राकेश संभाल रहा था।

अरशद कटरा

प्रयागराज के कटरा इलाके का रहने वाला अरशद असद का साथी था। यह भी अतीक के घर पर हुई बैठक में शामिल हुआ था। अरशद के मोबाइल की भी छानबीन पुलिस कर रही है।

अतीक अहमद के बच्चों की कस्टडी का मामला, 24 मार्च लगी अगली तारीख

अतीक अहमद के बच्चों की कस्टडी के मामले में वकीलों की हड़ताल के कारण अगली तारीख 24 मार्च की लगा दी गई है। आज विशेष सुनवाई के दौरान कोर्ट ने धूमनगंज थाने को फटकार लगाते हुए कहा कि अगली सुनवाई में पूरी आख्या पेश करें, नहीं तो अवमानना की नोटिस जारी होगी।

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