यूपी विधानसभा बजट सत्र: सर्वदलीय बैठक में सदन को सुचारू रूप से चलाने पर जोर
विधानसभा के बजट सत्र में सत्ता पक्ष को घेरने के लिए विपक्ष ने पूरी तरह से कमर कस ली है। विपक्ष सरकार को कानून व्यवस्था गन्ना किसानों के भुगतान सीएए तथा धान खरीद पर किसानों के उत्पीडन पर लेकर सरकार पर हमले करने को तैयार है। पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण से सत्र शुरू होगा।
लखनऊ: यूपी विधानसभा का बजट सत्र गुरूवार से प्रारम्भ हो रहा है। सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाष्ण पर हंगामा होने की पूरी संभावना है। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल 13 फरवरी को 11 बजे विधानमंडल के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगी। इसके पहले आज विधानसभा अध्यक्ष हदयनारायण दीक्षित ने सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें उन्होंने सदन को शांतिपूर्ण ढंग से चलाने के लिए विपक्ष से सहयोग की अपील की।
सत्ता पक्ष को घेरने के लिए विपक्ष ने पूरी तरह से कसी कमर
विधानसभा के बजट सत्र में सत्ता पक्ष को घेरने के लिए विपक्ष ने पूरी तरह से कमर कस ली है। विपक्ष सरकार को कानून व्यवस्था गन्ना किसानों के भुगतान सीएए तथा धान खरीद पर किसानों के उत्पीडन पर लेकर सरकार पर हमले करने को तैयार है। पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण से सत्र शुरू होगा। इस दिन राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल विधानमंडल के दोनों सदनों को सम्बोधित करेंगी। इसके बाद विधायी कार्य निबटाए जाएगें। इसके अगले दिन 14 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की जाएगी। 15 और 16 फरवरी को सदन में अवकाश रहेगा।
ये भी देखें : विधानपरिषद चुनाव में सभी 11 सीटें जीतना चाहती है भाजपा
18 फरवरी को आगामी वित्तीय वर्ष का बजट रखा जाएगा
इसके अगले सप्ताह 17 फरवरी सोमवार को सदन की कार्यवाही एक बार फिर शुरू होगी। जिसमें राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू होगी। इसके अगले दिन 18 फरवरी को आगामी वित्तीय वर्ष का बजट रखा जाएगा। 19 फरवरी मंगलवार को भी बजट पर चर्चा जारी रहेगी। इसके बाद 20 फरवरी से बजट पर चर्चा शुरू होगी।
जबकि अगले दिन 21 फरवरी को महाशिवरात्रि का अवकाश होने के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित रहेगी। 22 और 23 को क्रमशः शनिवार और रविवार के अवकाश के बार 24 फरवरी को बजट पर चर्चा फिर से प्रारम्भ होगी। जो 25 26 और 27 फरवरी को भी होगी। इसके बाद 28 फरवरी को अनुदान मांगो पर विचार करने के बादफिर 29 फरवरी को शनिवार को अवकाश रहने के कारण उपवेशन नहीं होगा।
बजट सत्र की कार्यवाही अगले महीने मार्च में भी जारी रहेगी। महीने के पहले दिन एक मार्च को रविवार का अवकाश रहने के बाद अगले दिन 2 मार्च को वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पर चर्चा के साथ विपक्ष कटौती के प्रस्ताव रखेगा। इस बीच सरकार अपने विधायी कार्य भी निबटाएगी। अनुदान मांगो पर विचार 3 4 और 5 मार्च को भी जारी रहेगा। इसके बाद6 और 7 मार्च को भी विधेयकों के पुनस्थापन के साथ ही उन पर विचार और पारण किया जाएगा।
सर्वदलीय बैठक में सदन को सुचारू ढंग से चलाने पर जोर
उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने 13 फरवरी, से प्रारम्भ हो रहे विधान सभा सत्र के सुचारु संचालन के लिए सभी दलों से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया है। आज यहां विधान भवन में आहूत एक सर्वदलीय बैठक में उन्होंने कहा कि तार्किक, तथ्यपरक एवं गुणवत्तापूर्ण संवाद से जनसमस्याओं का सार्थक समाधान किया जा सकता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री तथा नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने सत्र के सुचारु संचालन में सत्ता पक्ष के पूरे सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही बाधित करने से नहीं, बल्कि सदन में प्रभावी और तर्कसंगत चर्चा से समाधान निकलता है। सदन की उच्च गरिमा और मर्यादा को बनाए रखते हुए गम्भीर चर्चा को आगे बढ़ाने से लोकतंत्र के प्रति आमजन की आस्था बढ़ती है।
ये भी देखें : वनडे रैंकिंग में कोहली को मिला टॉप स्थान, इस खिलाड़ी छिन गया ताज
राज्य सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार रहेगी
उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा दिया जाने वाला कोई भी सुझाव या कोई भी बात इतनी प्रभावी और महत्वपूर्ण होनी चाहिए कि वह प्रदेश और देश के लिए कल्याणकारी सिद्ध हो। राज्य सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार रहेगी। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पक्ष एवं विपक्ष के सहयोग से ही सदन को सुचारु रूप से चलाया जा सकता है।
बैठक में समाजवादी पार्टी के उज्ज्वल रमण सिंह, बहुजन समाज पार्टी के लालजी वर्मा, कांग्रेस पार्टी के नरेश सैनी तथा अपना दल के नील रतन सिंह पटेल ‘नीलू’ ने अपने-अपने दलों की ओर से पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।
वहीं दूसरी तरफ विधानसभा अध्यक्ष हदयनारायण दीक्षित ने बताया कि बैठक में विपक्ष ने अच्छे माहौल में सदन चलाने का आश्वासन दिया है। उन्होनं कहा कि सदन अव्यवस्थति होने से जनता का नुकसान होता है। यही नहीं जनप्रतिनिधि अपनी बात भी सरकार के सामने नहीं रख पाते हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष में विचार भिन्नता स्वाभाविक है। पर बेहतर संवाद से ही समस्याओं का समाधान निकलता है।