विधानसभा में मचा हंगामा, पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर सपा-कांग्रेस का वॉकआउट

शासकीय एवं शासकीय सहायता प्राप्त अशासकीय शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्रों को दशमोत्तर कक्षाओं में शत-प्रतिशत निःशुल्क प्रवेश की सुविधा अनुमान्य है।

Update: 2021-02-25 15:15 GMT
फोटो— सोशल मीडिया

लखनऊ: विधानसभा में आज पेट्रोल -डीजल के बढ़ती कीमतों और किसानों की समस्याओं का मुद्दा छाया रहा। विपक्षी सदस्यों ने इसे लेकर राज्य सरकार पर आम आदमी और किसानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। जबकि राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें अन्र्तराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी कीमतों के कारण प्रभावित हुई हैं। सत्ता पक्ष की तरफ से यह भी कहा गया कि दूसरे राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हैं। सरकार के इस जवाब से असंतुष्ट होकर समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस के सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया।

सुहेलदेव समाज पार्टी

 

इससे पहले आज पूर्वान्ह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सुहेलदेव समाज पार्टी के सदस्य ओमप्रकाश राजभर ने लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा के मंडप में भी संविधान निर्माता डा अम्बेडकर का चित्र लगाने की मांग की। इस पर विधानसभा अध्यक्ष हदयनारायण दीक्षित ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के सदस्य उमाशंकर सिंह पहले ही इस बात की मांग कर चुके हैं

जल्द ही राज्य सरकार सदन की इस मांग को पूरा करने का काम करेगी। प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्य नरेन्द्र पाल सिंह वर्मा और पिंकी यादव ने सवाल किया कि प्रदेश में बढ़ती हुई मंहगाई को देखते हुए क्या राज्य सरकार डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस व अन्य आवश्यक वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स को कम करने पर विचार करेगी।

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मंत्री सतीश महाना ने सदन को अवगत कराया

 

सत्ता पक्ष की तरफ से जवाब देते हुए औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने सदन को अवगत कराया कि राज्य सरकार ने 2014 के बाद इन वस्तुओं पर किसी भी तरह की टैक्स बढोत्तरी नहीं की है। यह रेट वहीं हैं जो समाजवादी पार्टी की सरकार में थें। उन्होंने यह भी कहा कि एलपीजी पर राज्य सरकार कोई टैक्स नहीं लेती है। इस पर समाजवादी पार्टी सदस्य नरेन्द्र पाल सिंह वर्मा ने कोरोना के संकट के बाद पिछले साल मार्च से लगातार दाम बढ रहे हैं।

इस पर कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर तय होते हैं। इसका निर्धारण उत्तर प्रदेश विधानसभा नहीं करती है। महाना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर न जाने कितने अमीर लोगों ने अपनी गैस सब्सिडी छोड़ने का काम किया है जिसका लाभ उन गरीब 8 करोड महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन के माध्यम से दिया गया है। उन्होंने कहा कि जहां तक किसानों की बात है तो इस समय प्रदेश में बिजली आपूर्ति की बेहतरीन व्यवस्था के चलते ट्यूबवेल चलाने के लिए किसानों को पेट्रोल डीजल की जरूरत ही नहीं पड़ रही है।

सिलेंडर महंगा होने के कारण

 

इस बीच कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि गरीब महिलाएं पहले धुंए से रोती थी अब सिलेंडर महंगा होने के कारण रो रही हैं। सरकार की नीतियों के चलते ही आज किसान महिलाएं और युवा पीढ़ी परेशान है। इसके बाद कांग्रेस के सदस्यों ने सदन का वाकआउट किया। इस पर कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने कहा कि कांग्रेस सदस्य पहले ही मन बना चुके थें कि उन्हे सदन का बहिष्कार करना है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि अभी तो पूरा उत्तर भी नहीं आया इसके पहले ही कांग्रेस सदस्यों ने सदन का बहिष्कार कर दिया। महाना ने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में पेट्रोल डीजल के दाम उत्तर प्रदेश में कम है।

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समाजवादी पार्टी सदस्यों ने भी सदन से वाकआउट किया

सत्ता पक्ष के इस जवाब से नाराज होकर समाजवादी पार्टी सदस्यों ने भी सदन से वाकआउट किया। बहुजन समाज पार्टी के सदस्य आजाद अरिमर्दन ने सत्ता पक्ष से जानना चाहा कि प्रदेश के अनुसूचित जाति,जनजाति के छात्र एवं छात्राओं को उच्च शिक्षा संस्थानों में निशुल्क प्रवेश देने की व्यवस्था क्या बन्द कर दी गयी है।

इस पर समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने अपनी असहमति जताते हुए सदन को अवगत कराया कि शासकीय एवं शासकीय सहायता प्राप्त अशासकीय शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्रों को दशमोत्तर कक्षाओं में शत-प्रतिशत निःशुल्क प्रवेश की सुविधा अनुमन्य है। सभी पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान किये जाने का प्राविधान है।

 

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सदन का बहिष्कार

सत्ता पक्ष के इस उत्तर से बहुजन समाज पार्टी के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सदन का बहिष्कार किया। इसी तरह समाजवादी पार्टी के सदस्य मोहम्मद फहीम इरफान के सवाल के जवाब में कृषि मंत्री सूर्य प्रतापशाही ने बताया कि प्रदेश की मण्डियों को ई-नेम परियोजना से आच्छादित किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत प्रदेश के किसान व व्यापारी, प्रदेश की मण्डियों के साथ-साथ देश की अन्य मण्डियों के माध्यम से क्रय-विक्रय कर सकते हैं। जिससे इनके क्रय-विक्रय पर कोई भी शुल्क नहीं लगता है।

 

रिपोर्ट श्रीधर अग्निहोत्री

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