मुख्य सचिव ने HC में दी सफाई, कहा- पंप मालिकों के खिलाफ नहीं बरती जा रही नरमी

Update: 2017-05-25 14:53 GMT
घटतौली मामला: पेट्रोल पंप मालिकों को HC से राहत नहीं, सरकार ने कहा- इनका कारनामा विश्वासघात भरा

लखनऊ: पेट्रोल पंपों पर घटतौली मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश के पर मुख्य सचिव राहुल भटनागर गुरुवार (25 मई) को कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान उन्होंने 2 मई के सरकारी आदेश के बारे में सफाई दी और कोर्ट को भरोसा दिलाया कि 30 जून तक प्रदेश के सभी पेट्रोल पंपों का निरीक्षण कर लिया जाएगा।

मुख्य सचिव ने न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार (द्वितीय) की खंडपीठ को बताया कि प्रदेश में कुल 6,500 पेट्रोल पंप हैं। इन सभी का निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि 1,881 पंपों का निरीक्षण किया जा चुका है।

मात्र 9 एफआईआर पर कोर्ट असंतुष्ट

कोर्ट के के पूछने पर मुख्य सचिव ने बताया कि 137 पंपों पर गड़बड़ियां पाई गईं हैं। इस संबंध में 9 एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उन्होंने सफाई दी, कि आमलोगों को पेट्रोल और डीजल की दिक्कत न हो इसीलिए 2 मई का शासनादेश पारित करते हुए, निर्देश दिए गए थे कि जिस वितरण इकाई में गड़बड़ी पाई जाए, मात्र उसे ही सीज किया जाए। हालांकि, 137 पंपों पर गड़बड़ी और मात्र 9 एफआईआर की बात पर कोर्ट ने असंतोष प्रकट किया।

पूछा- गिरफ्तार में कितने पंप मालिक?

कोर्ट ने यह भी पूछा, कि 'इस मामले में जिन 29 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उसमें कितने पंप मालिक हैं और कितने वर्कर?' इस पर मुख्य सचिव ने कहा, कि इसमें कुछ पंप मालिक भी हैं। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि जहां भी गड़बड़ियां पाई गईं हैं, उनकी वीडियोग्राफी भी हुई है। साथ ही कोर्ट को भरोसा दिलाया कि 30 जून तक पंपों का निरीक्षण कर लिया जाएगा। इसके बाद जिन पंपों पर गड़बड़ी पाई जाएगी, उनके मालिकों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।

वहीं एसटीएफ के प्रश्न पर मुख्य सचिव ने कहा कि एसटीएफ इस मामले से जुड़े कुछ पहलुओं पर अब भी जांच जारी है। वहीं, तेल कंपनियों की ओर से भी सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया। कोर्ट अपना आदेश बाद में जारी करेगा।

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