रायबरेली के CMO मानवीय संवेदनाएं भी भूले, अधिकारी को नहीं मिल रहा इलाज
प्रशासनिक अधिकारी का आरोप है कि मदद मांगने के बाद भी CMO ने सहयोग नहीं किया। उन्होंने पलटकर हाल तक नहीं जाना।
रायबरेली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रायबरेली में स्वास्थ्य अधिकारी कितने अति संवेदनशील है, उसका अंदाजा जिले ADM (FR) के पत्र से लगाया जा सकता है। परिवार सहित संक्रमित हुए प्रशासनिक अधिकारी का आरोप है कि मदद मांगने के बाद भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) वीरेंद्र सिंह ने सहयोग नहीं किया। हद ये है कि पांच दिन हो गए उन्होंने पलटकर हाल तक नहीं जाना और न ही ट्रीटमेंट दिया। तो उन्होंने एक पत्र सूचना विभाग के वाट्स ऐप ग्रुप पर डाला है। करीब डेढ़ घंटे बाद जिला प्रशासन ने पत्र का संज्ञान लिया, गाड़ी भेजकर एडीएम एफआर को बुलाया और फिर इलाज शुरू कराया।
सूचना विभाग के ग्रुप में रायबरेली के एडीएम एफआर प्रेम प्रकाश उपाध्याय ने लिखा है कि, 20 अप्रैल से राजकीय कालोनी में अपने आवास बी 1 पर जुकाम, खांसी और बुखार से परिवार सहित पीड़ित हूं। इस संबंध में सीएमओ से वार्ता कर RT PCR कराने के लिए कहा। काफी विलंब होने पर नायब तहसीलदार रितेश से RT PCR जल्दी कराने के लिए कहा।
नायब तहसीलदार के प्रयास से 20 अप्रैल को RT PCR जांच हो गई। जिसकी रिपोर्ट 96 घंटे बाद भी अभी तक पता नहीं चली। यही नहीं उन्होंने लिखा पांच दिन से कोई मेडिकल सहयोग नहीं मिला। सीएमओ ने पलटकर के न तो कभी हाल चाल ही लिया, न कोई दवा-न कोई सजेशन। जिससे मेरा ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया है।
यूपी में कोरोना बरपा रहा कहर
बता दें कि, शुक्रवार को जांच के बाद रिकॉर्ड 461 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। इसी के साथ जिले में 3962 एक्टिव मरीज हो गए हैं। जिले में संक्रमण के बादजान गंवाने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 188 हो गई है। कल 5 लोगों की मौत हुई थी।जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डीएस अस्थाना ने बताया कि जिले में शुक्रवार को 2400 लोगों की जांच की गई, जिसमें 461 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। पहले से संक्रमित 36 मरीज स्वस्थ हो गए। शुक्रवार को 3962 एक्टिव मरीजों में 2545 मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है।