UP Election 2022: लड़की हूं, लड़ सकती हूं का कांग्रेस का नारा सिर्फ यूपी तक सीमित

UP Election 2022: वैसे तो इन चुनावों में पार्टियां महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए एक-दूसरे को पछाड़ने की कोशिश कर रही हैं लेकिन उम्मीदवारों की संख्या को लेकर कोई प्रतिद्वंदिता नहीं है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Monika
Update:2022-01-29 11:20 IST

प्रियंका गांधी (फोटो : सोशल मीडिया )

UP Election 2022:  यूपी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में कांग्रेस (Congress)  ने महिलाओं (women)  को आकर्षित करने के लिए एक हाई-प्रोफाइल अभियान चला रखा है। प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने तो लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा भी बुलंद किया हुआ है। लेकिन महिलाओं को आगे बढ़ाने का का कांग्रेस का ये उत्साह विधानसभा चुनाव (Assembly elections 2022) वाले बाकी चार राज्यों में नदारद है। पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में महिला प्रत्याशियों पर भरोसा नजर नहीं आ रहा। जहां कांग्रेस ने यूपी में 40 फीसदी महिला प्रत्याशी उतारने का भी ऐलान किया है वहीं अन्य राज्यों में 10 फीसदी महिला प्रत्याशी भी पार्टी की लिस्ट में नहीं हैं।

वैसे तो इन चुनावों में पार्टियां महिला मतदाताओं (women voters) को आकर्षित करने के लिए एक-दूसरे को पछाड़ने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उम्मीदवारों की संख्या को लेकर कोई प्रतिद्वंदिता नहीं है। पंजाब (Punjab)  में ही 2.12 करोड़ मतदाताओं में से लगभग आधा हिस्सा महिलाओं का है लेकिन महिला उम्मीदवारों की संख्या बहुत कम है। कांग्रेस ने पंजाब में 109 सीटों पर टिकटों की घोषणा की है, जिनमें से पार्टी ने केवल 11 फीसदी टिकट महिलाओं को दिए हैं। यानी मात्र 10 सीटें।

पार्टी द्वारा मैदान में उतारी गई 11 महिला उम्मीदवारों में पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल (CM Rajinder Kaur Bhattal)  (लहरा निर्वाचन क्षेत्र) हैं; दो मौजूदा कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी (दीनानगर-एससी) और रजिया सुल्ताना (मलेरकोटला); मौजूदा विधायक रूपिंदर कौर रूबी (मलोट-एससी) जो 2017 में आप के टिकट पर जीती थीं और अब कांग्रेस के साथ हैं; और नवोदित मालविका सूद (मोगा), अभिनेता सोनू सूद की बहन।

पार्टी के उम्मीदवारों में महिलाओं की कम संख्या पर कांग्रेस की चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) का कहना है कि किसी भी उम्मीदवार का टिकट (ticket) उसके महिला होने के कारण काटा नहीं गया है।

पहले महिला प्रत्याशियों को तैयार करना होता है  

जाखड़ का कहना है कि आपको चुनाव से पहले महिला प्रत्याशियों को तैयार करना होता है। ये काम ऐसा नहीं है जो रातों-रात किया जाए। यूपी में प्रियंका थीं और उन्होंने महिला उम्मीदवारों को ऊपर लाने के लिए जमीन पर काम किया। पंजाब में, प्रक्रिया शुरू हो गई है और मुझे लगता है कि उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में खुद को स्थापित करने में थोड़ा समय लगेगा। आने वाले समय में, हम उम्मीद कर सकते हैं कि और अधिक महिलाएं राजनीति में अपनी सही जगह का दावा करेंगी।

वैसे, महिला वोटरों (women voters) को आकर्षित करने के लिए, इस महीने की शुरुआत में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu)ने पंजाब में हर महिला गृहिणी को 2,000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया था, इसके अलावा ये भी वादा किया गया है कि कांग्रेस सरकार बनाती है तो हर साल आठ रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त में देंगे।

गोवा (Goa election 2022) में कांग्रेस द्वारा घोषित 40 प्रत्याशियों में मात्र 2 यानी 5 फीसदी महिलाएं हैं। ये हैं - वालपोई से मनीषा शेणवी उसगांवकर और सिओलिम से डिलाइला लोबो।

मणिपुर (Manipur election 2022)  में भी यही हाल है। कांग्रेस ने यहां 40 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है जिसमें सिर्फ दो महिला प्रत्याशी हैं। ये हैं - पटसोइ से सिटिंग विधायक ए.के. मीराबाई और ओइनम निर्वाचन क्षेत्र से थोईबी देवी।

यूपी के पड़ोसी उत्तराखंड (Uttarakhand Election 2022) में कांग्रेस की नीति महिला फोकस नजर नहीं आ रही है। यहां अभी तक पार्टी द्वारा घोषित 64 उम्मीदवारों में मात्र पांच महिला उम्मीदवारों को शामिल किया गया है। लालकुआं से तो संध्या दलकोटी का नाम घोषित होने के बाद काट दिया गया।

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