यूपी दिवस मनाने में राम नाईक की बड़ी भूमिका, जानिए कब हुई थी शुरूआत
उत्तर प्रदेश का ज्ञात इतिहास लगभग 4000 वर्ष पुराना है, जब आर्यों ने अपना पहला कदम इस जगह पर रखा। इस समय वैदिक सभ्यता का प्रारम्भ हुआ और उत्तर प्रदेश में इसका जन्म हुआ।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की स्थापना को भले ही 70 साल हो गए हों पर इसकी स्थापना को लेकर उत्सव मनाने का काम पिछले चार वर्षो से शुरू हुआ जब यहां भाजपा सरकार का गठन हुआ। इसके पीछे महाराष्ट्र के रहने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रामनाईक की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। उन्ही के प्रयास के चलते उत्तर प्रदेश दिवस मनाने की परम्परा की शुरूआत हुई। इस साल मनाया जाने वाले उत्तर प्रदेश दिवस चौथा समारोह होगा। इस बार राजधानी लखनऊ के साथ नोएडा में भी उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन किया जा रहा है।
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वैदिक काम में इसे मध्य देश कहा जाता था
उत्तर प्रदेश का ज्ञात इतिहास लगभग 4000 वर्ष पुराना है, जब आर्यों ने अपना पहला कदम इस जगह पर रखा। इस समय वैदिक सभ्यता का प्रारम्भ हुआ और उत्तर प्रदेश में इसका जन्म हुआ। समय के साथ आर्य भारत के दूरस्थ भागों में फैल गये। संसार के प्राचीनतम शहरों में एक माना जाने वाला वाराणसी शहर यहीं पर स्थित है। वाराणसी के पास स्थित सारनाथ का चैखन्डी स्तूप भगवान बुद्ध के प्रथम प्रवचन की याद दिलाता है। समय के साथ यह क्षेत्र छोटे-छोटे राज्यों में बँट गया या फिर बड़े साम्राज्यों गुर्जर प्रतिहार, गुप्त, मोर्य और कुषाण का हिस्सा बन गया। ७वीं शताब्दी में कन्नौज गुप्त साम्राज्य का प्रमुख केन्द्र था।
ब्रिटिश काल में इसे यूनाइटेड प्रॉविन्स के नाम कहा जाता था
राज्य को वैदिक काल में ब्रहमर्षि देश या मध्य देश कहा जाता था। उत्तर प्रदेश 24 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया जब भारत के गवर्नर जनरल ने यूनाइटेड प्राविंसेज (आल्टरेशन ऑफ नेम) ऑर्डर 1950 पारित किया। अस्तित्व में आने के पहले ब्रिटिश काल में उत्तर प्रदेश को यूनाइटेड प्रॉविन्स के नाम से जाना जाता था।
उत्तर प्रदेश की स्थापना को हो 71 वर्ष
उत्तर प्रदेश की अबतक राजनीतिक बदलाव के चलते इसका एक हिस्से उत्तराखंड का गठन भी नौ नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश को काटकर किया गया। उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक की पहल पर वर्ष 2018 से उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाने लगा। उत्तर प्रदेश की स्थापना को वर्ष 2021 में 71 वर्ष हो जाएंगे।
महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश दिवस मनाने की शुरूआत हुई
उत्तर प्रदेश दिवस उत्तर प्रदेश से कई वर्ष पूर्व महाराष्ट्र में मनाया जाता आ रहा है। साल 1989 में 24 जनवरी को सबसे पहले महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश दिवस के रूप में मनाया गया था। परन्तु इसका कुछ खास असर नहीं पड़ सका। परंतु उनके यह प्रयत्न सफल नहीं हुए । जब केंद्रीय मंत्री राम नाईक उत्तर प्रदेश के राज्य पाल बने, तो अमरजीत मिश्र ने अपना प्रस्ताव उनके समक्ष रखा और वे भी उनसे सहमत हो गये। अब इस कार्यक्रम को हर साल मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में हर साल उस राज्य के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि होते है।
राम नाईक की बात अखिलेश यादव ने नहीं मानी
पूर्व राज्यपाल राम नाईक जिस समय प्रदेश के गर्वनर बने तो उस समय प्रदेश में अखिलेष यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की सरकार थी। तत्कालीन राज्यपाल रामनाईक ने इसके लिए उन्हे कई बार पत्र लिखा लेकिन जब 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तो उन्होंने रामनाईक की बात को गंभीरता से लेते हुए इसकी पहल की और वर्ष 2018 से उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाता है। यह चौथा मौका है जब उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जायेगा।
पूर्व राज्यपाल रामनाईक के प्रयास से शुरू हुआ उत्तर प्रदेश दिवस
रामनाईक महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। उन्होंने महाराष्ट्र दिवस की ही तरह उत्तर प्रदेश दिवस मनाने का प्रस्ताव किया ताकि राज्य की जनता को अपने प्रदेश के इतिहास और संस्कृति की जानकारी मिल सके। राम नाईक ने कुछ समय पहले कहा था, ''मुझे यकीन है कि विदेश में रह रहे सभी उत्तर भारतीय उत्तरप्रदेश दिवस मनाना शुरू करेंगे. ठीक उसी तरह जैसे वे राम नवमी और जन्माष्टमी मनाते हैं.'' अब तक राज्य में बड़ी संख्या में लोगों को जानकारी नहीं थी कि उत्तर प्रदेश की स्थापना कब हुई थी?
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल 24 जनवरी को 11 बजे इसका उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन शहीद पथ पर अवध शिल्प ग्राम में होगा। जिसका आयोजन पर्यटन विभाग कर रहा है। इन्हीं प्रदर्शनियों में से एक बहुत ही खास प्रदर्शनी अवध शिल्प ग्राम में लगने वाली है।
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