यूपी सरकार अभियान चलाकर 25 को खिलायेगी कृमि मुक्ति की दवा

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के स्टेट नोडल हेड तथा मातृ-शिशु कल्याण विभाग के निदेशक डा. सुरेश चन्द्रा ने बताया कि बच्चों में कृमि संक्रमण से जुड़े जन स्वास्थ्य समस्या से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सरकार द्वारा 25 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जा रहा है।

Update:2019-02-22 20:43 IST

लखनऊ: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के स्टेट नोडल हेड तथा मातृ-शिशु कल्याण विभाग के निदेशक डा. सुरेश चन्द्रा ने बताया कि बच्चों में कृमि संक्रमण से जुड़े जन स्वास्थ्य समस्या से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सरकार द्वारा 25 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जा रहा है।

इसके तहत उत्तर प्रदेश़ के चयनित आगरा, अलीगढ़, बागपत, बिजनौर, बदायूं, बुलन्दशहर, एटा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, जेे0पी0 नगर, झाँसी, काशीराम नगर, ललितपुर, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, मुज़फ्फरनगर, रामपुर, सहारनपुर, संभल, शामली सहित 25 जनपदों के सभी स्कूल और आंगनवाड़ी में 1 से 19 साल तक के सभी बच्चों और किशोरों को एल्बेंडाजोल की दवाई खिलाकर कृमि मुक्त किया जायेगा। डा0 सुरेश चन्द्रा ने यह जानकारी शुक्रवार को विधानसभा रोड स्थित एक सभागार में आयोजित एक पत्रकारवार्ता मे दी।

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उन्होंने बताया कि जो बच्चे इस अभियान में किसी कारणवश छूट जायेंगे उन्हें 01 मार्च को माॅप-अप दिवस पर दवा खिला कर कृमि मुक्त किया जायेगा। कृमि संक्रमण का बच्चों के स्वास्थ्य और उनके समग्र विकास पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है। कृमि संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एल्बेंडाजॉल (400 मि.ग्रा) दवाई का सेवन एक सुरक्षित, लाभदायक एवं प्रभावी उपाय है जो साक्ष्य आधारित और वैश्विक स्तर पर स्वीकृत है।

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उन्होंने बताया कि 1-19 वर्ष के सभी बच्चों एवं किशोरों के पोषण स्तर में सुधर लाने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की तैयारी में राज्य सरकार ने भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार बच्चों को दवाई खिलाने के लिए 82047 शि़क्षकों और 57738 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया है। कृमि नियंत्रण की एल्बेंडाजॉल दवाई के सेवन से प्रतिकूल घटना होने की संभावना बहुत कम होती हैै। जिन बच्चों को तीव्र कृमि संक्रमण होता है, आमतौर पर उन्हे ही मामूली प्रतिकूल असर (साईट इफेक्टस) होते हैं, जैसे कि जी मिचलाना, पेट में हल्का दर्द, उल्टी, दस्त, और थकान आदि। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकृत अधिकारियों को इसके लिए प्रशिक्षित किया गया है।

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राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के महाप्रबन्धक डा. मनोज शुक्ला ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अगस्त 2018 चरण में पूरे प्रदेश में 5.05 करोड बच्चो और किशोर/किशोरियों को 2.17 लाख स्कूलों और 1.82 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों में कृमि नियंत्रण की दवा खिलाई गयी थी। इनमें निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 1.15 करोड थी और 27.1 लाख स्कूल न जाने वाले बच्चे भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग (बेसिक), माध्यमिक शिक्षा विभाग, पंचायतीराज विभाग, मध्याह्न भोजन प्राधिकरण (एम0डी0एम), एवं स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) व अन्य विभागो के संगठित प्रयासों और एविडेंस एक्शन के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।

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