UP IAS Week 2023: 2020 से बंद आईएएस वीक फिर से शुरू करेगी योगी सरकार, यहां देखें पूरी डिटेल
UP IAS Week 2023: सीएम योगी आदित्यनाथ से अनुमति मिलने के बाद ही कार्यक्रम की रूपरेखा तय की जाएगी।
UP IAS Week 2023: उत्तर प्रदेश में हर साल नौकरशाहों द्वारा आईएएस एसोसिएशन सप्ताह (IAS Week) और वार्षिक आम बैठक (एजीएम) कराने की वर्षों पुरानी परंपरा रही है। जो बीते कुछ सालों से ठप है। नौकरशाही के हलकों में एकबार फिर से इसके शुरू होने की सुगबुगाहट है। प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी इस साल फिर से इसकी शुरूआत करना चाहते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ से अनुमति मिलने के बाद ही कार्यक्रम की रूपरेखा तय की जाएगी। इसके लिए जल्द आईएएस एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकता है।
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दरअसल, बीते बुधवार को मुख्य वार्षिक डीएस मिश्र द्वारा आईएएस एसोसिएशन की वार्षिक पत्रिका विमोचन किया गया था। इसके बाद से IAS Week और एजीएम के आयोजन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। साल 2018 को छोड़कर 2013 से लेकर 2019 तक हर साल एजीएम और आईएएस वीक का आयोजन किया जाता था।
2020 से ठप है आयोजन
IAS Week और एजीएम का आयोजन साल 2020 से ठप है। एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान 2020 से इसका आयोजन ठंडे बस्ते में है। लेकिन अब जैसा कि कोरोना का खतरा खत्म हो चुका है, ऐसे में इसे अब और नहीं टाला जा सकता। इस परंपरा को पहली बार 2007 से 2012 यानी मायावती के मुख्यमंत्री रहते हुए बंद किया गया था।
राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद साल 2013 से आईएएस एसोसिएशन वार्षिक बैठक कराने का संकल्प लिया। जिसके बाद साल 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 और 2019 के दिसंबर में इसका आयोजन होता रहा। इस दौरान बीच में केवल साल 2018 में आयोजन नहीं हो सका था।
IAS Week के प्रारूप को बदलने की तैयारी
आईएएस एसोसिएशन से जुड़े एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि IAS Week के प्रारूप को मौजूदा जरूरतों के हिसाब से बदलने की योजना चल रही है। आईएएस सप्ताह को और अधिक उपयोगी बनाए जाने की कोशिश हो रही है ताकि यह एक महज सांस्कृतिक कार्यक्रम बनकर न रह जाए। सीनियर अधिकारी राज्य के विकास से संबंधित प्रासंगित विषयों पर चर्चा कर सकें और लोगो के बीच नौकरशाही को लेकर सकारात्मक संदेश जाए, इसकी भी कोशिश की जा रही है।
IAS Week की क्यों है अहमियत ?
एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि IAS Week सरीखे कार्यक्रम राज्य की नौकरशाही के लिए काफी अहम हैं। अतीत इसका गवाह है। आईएएस सप्ताह के दौरान कैडर के विभिन्न बैच के अधिकारी आपस में मिलते हैं, जिससे उनमें भाईचारा बढ़ता है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल के साथ बातचीत से विधायिका और कार्यपालिका को और करीब से एक दूसरे को जानने में मदद मिलती है और किसी को लेकर तनाव होता है तो उसे भी दूर करने में मदद मिलती है।
इसके अलावा इस तरह के आयोजन में अधिकारी भी आत्मनिरीक्षण करते हैं और कैडर की बेहतरी की मांग रखने के साथ-साथ अपने सुझाव भी देते हैं। आईएएस एसोसिएशन की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में पदोन्नति, प्रतिनियुक्ति और यहां तक कि अधिक्रमण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने का मौका मिलता है। कुल मिलाकर वार्षिक आयोजन कैडर के भीतर के बंधन को मजबूत करता है। IAS Week में सेवानिवृत अधिकारी भी शामिल होते हैं।