UP MLC Elections: राजनीतिक गलियारों में बसपा के रुख का इंतजार

विधान परिषद के चुनाव में एक सीट पर जीत हासिल करने के लिए करीब 32 वोटों की जरूरत पड़ेगी। अगर किसी को प्रथम वरीयता के 32 वोट ना मिले, तो दूसरी वरीयता के वोटों से फैसला होगा। ऐसे में भाजपा को अपना 11वां प्रत्याशी उतारने से पहले काफी मंथन करना होगा।

Update: 2021-01-16 17:56 GMT
समाजवादी पार्टी के दो पूर्व विधान परिषद सदस्यों राजेन्द्र चैधरी और अहमद हसन के नामांकन के बाद अब सबकी निगाह बहुजन समाज पार्टी पर टिकी है।

लखनऊ: विधान परिषद की रिक्त हुई 12 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में अब तक भाजपा के 10 प्रत्याषी घोषित हो चुके हैं। समाजवादी पार्टी के दो पूर्व विधान परिषद सदस्यों राजेन्द्र चैधरी और अहमद हसन के नामांकन के बाद अब सबकी निगाह बहुजन समाज पार्टी पर टिकी है। अब तक बसपा ने अपने पत्ते नही खोले हैं जबकि नामांकन का अंतिम दिन 18 जनवरी है।

विधान परिषद के चुनाव में एक सीट पर जीत हासिल करने के लिए करीब 32 वोटों की जरूरत पड़ेगी। अगर किसी को प्रथम वरीयता के 32 वोट ना मिले, तो दूसरी वरीयता के वोटों से फैसला होगा। ऐसे में भाजपा को अपना 11वां प्रत्याशी उतारने से पहले काफी मंथन करना होगा।

BJP 11वां प्रत्याशी उतारने से पहले सोचना पड़ेगा

भाजपा को अब अपना 11वां प्रत्याशी मैदान में उतारने से पहले काफी सोचना पड़ेगा। प्रदेश विधान सभा में समाजवादी पार्टी के सदस्यों की संख्या को देखते हुए उसे विधान परिषद की एक सीट पर कामयाबी मिलना तो तय था मगर दूसरी सीट के लिए जरूरी 32 वोटों के लिए दूसरे दलों के विधायकों को अपने पाले में करना पड़ेगा।

ये भी पढ़ें...बाबू लाल मीणा के खिलाफ कर्मचारी लामबंद, मुख्य सचिव से की कार्रवाई की मांग

सपा को दूसरा प्रत्याशी जिताने के लिए दूसरी पार्टियों का चाहिए सहयोग

बीते राज्यसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के छह विधायक सपा के पाले में नजर आए थे। सपा को दूसरा प्रत्याशी जिताने के लिए 17-18 विधायकों के वोट चाहिए। ऐसे से कांग्रेस और सुभासपा के अलावा निर्दल विधायकों की भी जरूरत होगी।

ये भी पढ़ें...उत्तर प्रदेश दिवस पर दिखेगी सीतापुर के विकास की झलक, तैयारियों में जुटा जिला

इसके लिए सपा जोड़-तोड़ के प्रयास करेगी। कांग्रेस के सात विधायकों में से दो के बागी होने के पास अब उसके पास केवल पांच विधायक है। कांग्रेस के 5 विधायक सपा के साथ जा सकते हैं। सपा को अपने दोनों प्रत्याशियों की जीत के लिए करीब 18 वोट हासिल करने होंगे। इनके साथ सपा को सुभासपा व अन्य पार्टियों के बागी और निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी जुटाना पड़ेगा। अगर बसपा अपना प्रत्याशी नहीं उतारती है, तो सीधे तौर पर सपा की जीत तय हो जाएगी। अब देखना होगा कि राजनीतिक दल कौन सी सियासी गणित लगाकर इस 12वीं सीट पर कब्जा करते हैं।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News