पंचायत चुनाव:सालों से बदहाल हमीरपुर का गांव, मतदान से पहले विकास की आस
सरकारी योजनाओं का लाभ गरीब जनता तक नहीं पहुंच पाता, जिससे 5 साल बीत जाने के बाद भी गांवों की तस्वीर जस की तस बनी है
हमीरपुर : आजकल पंचायत चुनाव को लेकर राज्य भर में राजनीति सरगर्मियां तेज हो गई है। पंचायत चुनाव के उम्मीदवार लोगों को रिझाने और अपने पक्ष में मतदान करने में जुटे हुए हैं, लेकिन एक बात जो लोगों को खल रही है कि क्या गांवों के हालात बदलने में ये उम्मीद्वार आने वाले समय खरे उतरेंगे।
चाहे जिला हमीरपुर के गांव हो या बात किसी भी और गांव के हालातों की करें । ज्यादातर गांवों के हालात जस के तस है। आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। गांव की उन्नति व विकास के लिए सरकार की तमाम योजनाएं धरी की धरी है, मतलब आती है लेकिन उन योजनाओं का लाभ गरीब जनता तक नहीं पहुंच पाता, जिससे 5 साल बीत जाने के बाद भी गांवों की तस्वीर जस की तस बनी रह जाती हैं ।
गांव में अव्यवस्था का बोलबाला
ऐसे ही एक गांव का मामला जो जनपद के गोहाण्ड विकासखंड के इटायल ग्राम पंचायत का है। जहां आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। यहां ग्राम प्रधान के कार्यकाल के पांच साल बीत जाने के बाद भी गांव में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है।
ग्रामीणों ने बताया कि बरसात होते ही तालाब से सरकारी स्कूल तक रास्ता कीचड़ में बदल जाता हैं। जिस पर चलना मुश्किल हो जाता है। ग्रामीण पिछले 10 सालों से बराबर इसी तरह से कीचड़ से होते हुए निकलने को मजबूर हैं, जबकि लोगों द्वारा इस संबंध में उच्च अधिकारियों से भी शिकायत की गई, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है ।
जनता परेशान
ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 5 साल के कार्यकाल में गांव के विकास के लिए कुछ नहीं किया है जिसको लेकर ग्रामीणों नाराजगी है और अब इस चुनाव में मतदान का सही इस्तेमाल करने के मूड में है ताकि गांव विकास हो सके और लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिले।