ऑर्गेनिक फॉर्मिंग का हब बनेगा बनारस, किसानों और वैज्ञानिकों के साथ मंथन

क़ृषि कानून को लेकर एक तरफ जहाँ दिल्ली की सरहद पर किसान डटे हैं तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए जिला प्रशासन ने अनूठी पहल शुरु की है. एपीडा के सहयोग से चलाये जा रहे अभियान के तहत अब पूर्वांचल के किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित किया जा रहा है.

Update:2021-01-08 21:39 IST
ऑर्गेनिक फॉर्मिंग का हब बनेगा बनारस, किसानों और वैज्ञानिकों के साथ मंथन

वाराणसी। क़ृषि कानून को लेकर एक तरफ जहाँ दिल्ली की सरहद पर किसान डटे हैं तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए जिला प्रशासन ने अनूठी पहल शुरु की है. एपीडा के सहयोग से चलाये जा रहे अभियान के तहत अब पूर्वांचल के किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित किया जा रहा है. वैज्ञानिकों के अनुसार जैविक खेती किसानों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. इसी के मद्देनजर पूर्वांचल के किसानों को जैविक खेती की बारिकियों को बताने के लिए शुक्रवार को वैज्ञानिकों की टीम वाराणसी पहुँची. वैज्ञानिकों ने किसानों को जैविक खेती के उत्पादन, फसल की टैगिंग और निर्यात के बारे में किसानों को बताया.

सेवापुरी ब्लॉक को हब बनाने की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑर्गेनिक खेती की पद्वति पर बल दिए जाने के बाद पूरे देश में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी क्रम में वाराणसी में नीति आयोग द्वारा गोद लिए गए सेवापुरी ब्लाक में आर्गेनिक खेती पर बल दिया जा रहा है. सेवापुरी ब्लाक को आर्गेनिक खेती का हब बनाने की तैयारी के साथ शुक्रवार को कमिश्नरी सभागार में कमिश्नर दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में इस ब्लाक में आर्गेनिक खेती को कैसे बढ़ावा दिया जाए और किसानों को कैसे संतुष्ट किया जाए इसपर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें सभी स्टेक होल्डर्स ने पार्टिसिपेट किया.

इस सम्बन्ध में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री ने आर्गेनिक फार्मिंग की पद्वति पर काफी बल दिया है, जिसका प्रभाव यह रहा कि सिक्किम राज्य देश में प्रथम राज्य बन गया है जहां आर्गेनिक खेती ही की जाती है. प्रधानमंत्री की प्रेरणा से हम लोगों ने कई सारे कार्यक्रम आर्गेनिक खेती को लेकर आयोजित किये गए.

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वैज्ञानिकों ने किसानों को दिए टिप्स

इस वर्कशॉप में भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक, बीएचयू कृषि विभाग के वैज्ञानिक, इंडियन इंस्टीटियूट ऑफ़ वेजिटेबल रिसर्च संस्था के वैज्ञानिक, इंटरनेशनल राइस इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट, किसान, एपीडा, उत्तर प्रदेश सरकार के एग्रीकल्चर, हॉटीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारी कार्यदायी संस्थाओं ने प्रतिभाग किया.कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि यह वर्कशॉप सिर्फ थ्योरिटिकल नहीं थी बल्कि इसमें जो प्रैक्टिकल समस्याएं हैं आर्गेनिक खेती और उसके सर्टिफिकेशन में आने वाले समस्याएं जो हैं उनपर बहुत सार्थक चर्चा हुई, जिसमें अंत में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.कमिश्नर ने बताया कि इस वर्कशॉप में दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय किया गया है कि जब इस ब्लाक में सर्टिफाइड नंबर ऑफ़ आर्गेनिक फार्मर हो जायेंगे, जैसे 100-150 फार्मर हो जाते हैं तो हम लोग यहां मंडी में ही इनफॉर्मल ऑर्गेनिक मार्केट की शुरुआत करेंगे, जो वीकेंड में चलेगा.

आशुतोष सिंह

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