वाराणसी पहुंच रही 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस', बचाएगी कोरोना मरीजों की जान

वाराणसी समेत लखनऊ और फैजाबाद में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए ऑक्सीजन एक्सप्रेस भेजने की तैयारी कर ली है।

Reporter :  Ashutosh Singh
Published By :  Roshni Khan
Update:2021-04-21 16:19 IST

वाराणसी: काशी में कोरोना का कहर जारी है। पिछली बार की तुलना में इस बार खतरा कई गुना ज्यादा है। नया म्यूटेंट वायरस तेजी से फैल रहा है, साथ ही लोगों की जान भी तेजी से ले रहा है। एक तरफ मरीजों की संख्या में तेजी देखी जा रही है तो दूसरी ओर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर जोर बढ़ता जा रहा है।

अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं। ऑक्सीजन की सप्लाई की भी भारी कमी देखने को मिल रही है। ऐसे में कोरोना संक्रमण को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने बड़ी कवायद शुरू कर दी है। वाराणसी समेत लखनऊ और फैजाबाद में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए ऑक्सीजन एक्सप्रेस भेजने की तैयारी कर ली है। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल मुख्यालय से मिले निर्देश के बाद वाराणसी के कैंट स्टेशन पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं।

टैंकरों को उतारने के लिए बनाया जा रहा रैंप

इस क्रम में बुधवार को एडीआरएम रवि प्रकाश चतुर्वेदी ने मौका मुआयना किया। इस दौरान अब तक हुई तैयारियों को बारीकी से परखा। रवि प्रकाश ने कहा कि लखनऊ मंडल मुख्यालय से डीआरएम का निर्देश मिला है कि तैयारी पूरी कर ली जाएं। इस क्रम में कैंट स्टेशन के माल गोदाम के प्लेटफॉर्म का जायजा लिया गया। आक्सीजन टैंकर उतरने के लिए रैप बना दिया गया है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने से पहले 16 डीबीकेएम रैक का ट्रायल हुआ। लखनऊ से आए रैक से मालगोदाम शेड पर बने रैंप के समीप ऑक्सीजन लदे वाहनों के लोड व अनलोड करने का ट्रायल किया गया। इसके बाद यह रैक लखनऊ भेज दिया गया। उम्‍मीद है कि यह अब वापसी में अयोध्‍या (फैजाबाद) में उतारने के बाद सीधे वाराणसी आएगी।

ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहे अस्पतालों को मिलेगी राहत

फिलहाल अभी तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस कब आएगी, कहां से आएगी, इसकी जानकारी लखनऊ मंडल मुख्यालय से नहीं दी गई है। हां यह जरूर है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस अविलंब बनारस पहुंच सकती है। रविप्रकाश ने बताया कि रेलवे स्तर पर जो जिम्मेदारी दी गई है उसमें ऑक्सीजन एक्सप्रेस का रैक बनारस पहुंचने के बाद ऑक्सीजन से भरे टैंकरों को प्लेटफार्म पर उतार कर जिला प्रशासन के हवाले करना है। आगे की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है। जिसके लिए जिलाधिकारी को कोऑर्डिनेटर बनाया गया है। ऑक्सीजन से भरे टैंकर किस प्लांट में जाएंगे, किस अस्पताल में लगाए जाएंगे, यह सब जिला प्रशासन तय करेगा।

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