वाराणसी: 27 साल में तीसरी बार टूटेगी गंगा आरती की परंपरा, ये है वजह
इस सम्बन्ध में गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि सूतक काल में सभी देवालयों के कपाट बंद हो जाते हैं। ऐसे में मां गंगा की आरती भी सूतक काल के पहले संपन्न करवा ली जाएगी।
वाराणसी: पिछले 27 सालों के दौरान मंगलवार को ऐसा तीसरा मौका आया है जब वाराणसी की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती की परंपरा टूट जाएगी। शाम के बजाय मंगलवार को दिन में ही आरती होगी। इसके पीछे की वजह भी जान लीजिए।
यह भी पढ़ें: आज भी वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड अपने सचिन दबाकर बैठे हैं
दरअसल चंद्रग्रहण के कारण लगने वाले सूतक काल की वजह से ऐसा होने जा रहा है। 16 जुलाई की रात में वृहद् चंद्र ग्रहण लग रहा है। चंद्र ग्रहण के सूतक काल लगने से पहले प्रसिद्द आरती दिन में 3 बजे शुरू होगी।
यह भी पढ़ें: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सबसे ज्यादा पसंद है ये फल
सूतककाल में बंद रहेंगे देवालय
इस सम्बन्ध में गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि सूतक काल में सभी देवालयों के कपाट बंद हो जाते हैं। ऐसे में मां गंगा की आरती भी सूतक काल के पहले संपन्न करवा ली जाएगी। सुशांत मिश्रा ने बताया कि इसके पहले 8 अगस्त 2017 और 27 जुलाई 2018 को भी सूतक काल के पहले दिन में गंगा आरती की गयी थी। इस वर्ष भी यह आरती दिन में कराई जा रही है।
यह भी पढ़ें: गुरु पूर्णिमा के पर्व पर जानिये महर्षि व्यास के बारे में 18 रोचक बातें
ये है चंद्रग्रहण का समय
बताया जा रहा है कि 16 जुलाई को चंदग्रहण रात एक बजकर 32 मिनट पर शुरु होकर सुबह 4 बजकर 30 तक रहेगा। शास्त्रों के अनुसार चंद्रग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले लगता है। ऐसे में 16 जुलाई को 4 बजकर 25 मिनट से सूतक शुरु होगा। जो 17 जुलाई सुबह 4 बजकर 40 मिनट पर खत्म होगा।