आन्दोलन की तरफ बुनकर, फ्लैट रेट पर हो बिजली बिल की मांग

बनारसी साड़ियों को सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में पसंद किया जाता है। लेकिन पिछ्ले कुछ सालों से साड़ी बनाने वाले बुनकर बेहाल हैं।

Update: 2020-10-15 12:25 GMT
बुनकरों ने गुरुवार से अनिश्चिकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। 

वाराणसी कोरोनकाल में बुनकरों की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। पहले लॉकडाऊन की मार और अब बिजली का झटका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के बुनकर प्रदेश सरकार से नाराज है। फ्लैट रेट पर बिजली बिल की मांग करने वाले बुनकर एक बार फिर से आन्दोलन की राह पर हैं। बुनकरों ने गुरुवार से अनिश्चिकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।

पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग

बनारसी साड़ियों को सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में पसंद किया जाता है। लेकिन पिछ्ले कुछ सालों से साड़ी बनाने वाले बुनकर बेहाल हैं। आर्थिक मन्दी से साड़ी उद्योग तबाही के कगार पर पहुंच चुका है। ऐसे में बिजली विभाग के नये नियम ने बुनकरों की कमर तोड़ दी है। बिजली विभाग पहले बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली उप्लब्ध कराती थी। मतलब एक पावर लूम के लिये फिक्स चार्ज देना पड़ता था। लेकिन अब मीटर के हिसाब से बिल देना पड़ेगा।

 

बुनकर शमीम अहमद ने तल्ख़ लहजे में कहा कि सरकार हमें बिजली पर सब्सिडी देती थी। फ़्लैट बिजली बिल का भुगतान हम करते आये हैं। इसमें हम कई बार क़र्ज़ लेने की वजह से कर्ज़दार भी हैं। ऐसे में सरकार ने फ़्लैट बिजली रेट व्यवस्था खत्म करके अन्याय किया है। अब हम और कर्ज़दार हो जायेंगे तो हमारे बच्चे खाएंगे क्या। बिजली का बिल हम कैसे भरेंगे। सरकार जब तक हमारी मांग नहीं मांगेगी हम हड़ताल नहीं खत्म करेंगे।

 

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फोटो-सोशल मीडिया

 

पहले ही सरकार को दिया था अल्टीमेटम

फ़्लैट रेट बिजली बिल की मांग के साथ धरनारत बुनकरों को 3 सितम्बर को प्रदेश सरकार ने आश्वासन दिया था जिसके बाद बुनकर काम पर वापस लौट आये थे। सरकार के आश्वासन के बाद एक महीने से अधिक का समय बीत गया लेकिन पुरानी व्यवस्था बहाल नहीं की गयी। इस बात से आक्रोशित बुनकरों ने गुरुवार से एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।

 

पावर लूम के कारीगर शमीम अहमद ने बताया कि हम पावर लूम चलाते हैं, जो बिजली से ही चलता है और बिजली का बिल इतना महंगा, कैसे कमायेंगे हम। शमीम अहमद ने बताया कि हम अगर आज की तारीख में 700 की साड़ी बना रहे हैं तो उसपर हमें सिर्फ 500 रुपया मिल रहा है। हमारा 200 रुपये तक का नुक्सान हो रहा है। ऐसे में बिजली बिल का अतिरिक्त भार बुनकरों को ख़त्म कर देगी।

 

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फोटो-सोशल मीडिया

इन इलाकों छाया सन्नाटा

बुनकर बाहुल इलाकों मदनपुरा, रेवड़ी तालाब, भेलूपुर, बजरडीहा, लोहता, दोषीपुरा, बड़ीबाज़ार, कोयला बाज़ार, नक्खी घाट, सरैया, पीलीकोठी, गोलगड्डा जलालीपुरा आदि इलाकों में पावर लूम और हैंडलूम की खटर-पटर बंद है। किसी भी बुनकर के घर काम नहीं हो रहा है। सभी सरकार की वादाखिलाफी से नाराज़ है।

रिपोर्टर आशुतोष सिंह

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