सुल्तानपुर: हत्या के केस में दो दशक से ज़्यादा वक़्त बीतने के बाद मिला इंसाफ

एडीजे चतुर्थ कोर्ट ने 24 साल पहले युवक की गोली मारकर हत्या किए जाने के केस में एक क्लर्क समेत दो आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें उम्र कैद एवं पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सुनाई है। कोर्ट ने एविडेंस के अभाव में एक आरोपी को बरी किया है।

Update: 2019-03-20 08:59 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

सुल्तानपुर: एडीजे चतुर्थ कोर्ट ने 24 साल पहले युवक की गोली मारकर हत्या किए जाने के केस में एक क्लर्क समेत दो आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें उम्र कैद एवं पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सुनाई है। कोर्ट ने एविडेंस के अभाव में एक आरोपी को बरी किया है।

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ये है पूरा मामला

गोसाईगंज थाना क्षेत्र के इटकौली गांव निवासी राजेन्द्र कुमार शर्मा ने पांच अगस्त 1995 की रात हुई घटना का जिक्र करते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि उसका चचेरा भाई अर्जुन शर्मा अपने परिवार वालों के साथ सो रहा था।

इसी दौरान कुछ लोग उसके दरवाजे पर आकर टार्च जलाये, जिस पर अर्जुन शर्मा ने मना किया तो उन लोगों ने अर्जुन को गोली मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई। केस में अज्ञात लोगो के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। इंवेस्टीगेशन में पुरानी रंजिश को लेकर हत्या की वजह सामने आयी। जिसमें गांव के सगीर अहमद, शिक्षण संस्थान के क्लर्क मुस्तफ़ा कमाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई।

विचारण के दौरान मृतक के पिता सीताराम व भाभी आशा देवी के बयान के आधार पर जियाउल कमर को भी विचारण के लिए तलब किया गया। तीनो आरोपियो के खिलाफ एडीजे चतुर्थ की कोर्ट में सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से 9 गवाह पेश हुए, साक्ष्य के दौरान वादी मुकदमा राजेंद्र कुमार शर्मा पक्षद्रोही घोषित हो गया।

उसके विषय मे यह भी पता चला कि अर्जुन शर्मा के परिवार से वह अंदरूनी रंजिश रखता था, इसलिए सब कुछ जानते हुए भी आरोपियो को जानबूझकर नामजद ही नही किया। फिलहाल शेष गवाहो ने घटना का समर्थन किया।

वहीं बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्को को प्रस्तुत कर उन्हें बेकसूर बताया। सबको सुनने के पश्चात सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार शुक्ला की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में आरोपी जियाउल कमर को बरी कर दिया।

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