UP: विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने शुक्रवार को बजट सत्र के तहत चल रही सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

Update:2020-02-28 21:31 IST

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने शुक्रवार को बजट सत्र के तहत चल रही सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। बीती 13 फरवरी को शुरू हुए 16 दिन के बजट सत्र में कुल 10 दिन सदन की बैठके हुई। बजट सत्र के दौरान कुल 61 घण्टे 41 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली। 10 दिन के उपवेशनों में अल्पसूचित प्रश्न-142, तारांकित प्रश्न-1066, अतरांकित प्रश्न-1091 प्राप्त हुए।

इनमें कुछ 584 प्रश्न उत्तरित हुए। नियम-301 की कुल 413 सूचनाएं प्राप्त हुई जिनमें से 259 स्वीकृत हुई। नियम-51 के अन्तर्गत 632 सूचनाएं प्राप्त हुई जिनमें 80 सूचनाएं स्वीकृत हुई और 375 सूचनाओं पर ध्यानाकर्षण किया गया।

नियम-56 के अन्तर्गत 78 सूचनाएं प्राप्त हुई जिनमें 22 सूचनाएं ग्राह्यता के लिए सुनी गयी और 34 पर ध्यानाकर्षण हुआ, और अन्य सूचनाओं को भी आवश्यक कार्यवाही के लिए सरकार को प्रेषित किया गया। इस सत्र में 1416 याचिकाएं प्राप्त हुई जिनमें से 1259 ग्राह्य होकर सदन में प्रस्तुत की गयी।

राज्यपाल ने अभिभाषण में किया सबका धन्यवाद

विधानसभा में राज्यपाल अभिभाषण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चैधरी समेत 68 दलीय नेताओं व सदस्यों ने भाग लिया। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए पेश बजट पर चर्चा में मुख्यमंत्री तथा नेता प्रतिपक्ष समेत 70 दलीय नेताओं व सदस्यों ने हिस्सा लिया। बजट में कुल 11 विधेयक पारित किए गये। जिनमें पक्ष विपक्ष की तरफ से महत्वपूर्ण चर्चाएं हुई।

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विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सत्र की समाप्ति पर सदन के सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि सभी दलीय नेताओं और सदस्यों ने सारगर्भित चर्चा में भाग लिया। कार्यवाही की गुणवत्ता की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि कार्यवाही में समयावधि ही महत्वपूर्ण नहीं होती है, बहस की गुणवत्ता और मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श की महत्ता से ही कार्यवाही का मूल्यांकन किया जाना चाहिए।

कम हुई वाध्यता

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कानून व्यवस्था के प्रश्न पर भी विधान सभा में कई बार महत्वपूर्ण वाद-विवाद हुआ। विपक्ष के अपने आंकड़े और तथ्य रहे हैं ओर सरकार के अपने, लेकिन वाद-विवाद में सभा की रूचि और गम्भीरता आकर्षण का विषय बनी रही। सभा में किसानों की समस्यायें भी पूरी शिद्दत के साथ उठायी गयी। छुट्टे जानवरों की समस्या, आलू किसानों और गन्ना किसानों की समस्या को दूर करने की दृष्टि से विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही गम्भीर दिखायी पड़े।

विद्युत, कृषि, प्रशासन, जल आपूर्ति सहित अविलम्बनीय महत्व के तमाम प्रश्नों पर विधान सभा में गम्भीर वाद-विवाद हुआ। उन्होंने कहा कि इस सदन की यह विशेषता रही कि व्यवधान बहुत कम हुआ।

विधानसभा अध्यक्ष ने तमाम व्यस्तताओं के बावजूद मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ की सदन में उपस्थिति की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल अभिभाषण और बजट की चर्चा में उपस्थित होकर सदन में उठाये गये विषयों पर अपना विस्तृत उत्तर भाषण दिया और समय-समय पर सदन के तमाम महत्वपूर्ण उठने वाले विषयों पर हस्तक्षेप करते हुए सदन की आशंकाओं का समाधान किया।

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मुख्यमंत्री ने सदस्यों की विधायक निधि को दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ की घोषणा की। सदस्यों के वेतन भत्तों में बढ़ोत्तरी के लिए संसदीय कार्यमंत्री की अध्यक्षता में विचार के लिए एक समिति की घोषणा की।

 

विपक्ष की करी तारीफ

विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चैधरी समेत सभी दलीय नेताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष निरंतर सदन में मौजूद रहे। अधिकांश उठने वाले मुद्दों पर हस्तक्षेप करते हुए बड़े ही महत्वपूर्ण व सामायिक सुझाव दिए। उससे सदन के सदस्यों का ज्ञानवर्धन हुआ।

नेता बहुजन समाज पार्टी लाल जी वर्मा ने महत्वपवूर्ण विषयों पर अपनी विशेष रूचि के साथ अधिकांश समय सदन में मौजूद रहे। प्रत्येक मुद्दों पर अपने बौद्विक ज्ञान से समस्याओं के कारगर हल के लिए सरकार को सुझाव दिए। कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ के दलीय नेता के रूप में मुद्दों को सफलतापूर्वक व कारगर ढंग से उठाने की प्रशंसा की।

नील रतन पटेल के सहज स्वभाव एवं समय के अन्तर्गत अपने विषय को रखने के बारे में उनकी कार्यपद्वति को सराहा। ओम प्रकाश राजभर के मधुर मुस्कान एवं प्रभावकारी ढंग से मुद्दों को उठाने के प्रति प्रशंसा भाव व्यक्त किया। विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा के प्रमुख सचिव, प्रदीप कुमार दुबे तथा विधान सभा व शासन के अधिकारियों व कर्मियों सभी का सदन संचालन में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

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