विकास दुबे के एनकाउंटर पर बड़ा खुलासा, तो इसलिए कोर्ट में दायर की गई थी याचिका

कानपुर एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात अपराधी विकास दुबे के मामले में शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की भी मांग की गई है।

Update:2020-07-10 11:30 IST

नई दिल्ली: कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर में मार गिराया गया है। उसके मारे जाने की खबर आने के बाद से उसके एनकाउंटर पर सवाल उठे रहे है।

सोशल मीडिया में ऐसी भी पोस्ट देखने को मिल रही है, जिसमें ये कहा जा रहा है कि उन्हें पहले से ही अंदेशा था कि पुलिस विकास को उज्जैन से यूपी ले जाकर एनकाउंटर कर सकती है। अब विकास से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण जानकारी निकलकर सामने आ रही है।

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सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी याचिका

इसके मुताबिक कानपुर एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात अपराधी विकास दुबे के मामले में शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी।

याचिका में यूपी पुलिस की भूमिका की जांच करने की मांग के साथ ही विकास दुबे का एनकाउंटर किए जाने की आशंका जाहिर की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका वकील घनश्याम उपाध्याय ने दायर की थी। याचिकाकर्ता वकील ने इस सम्बन्ध में आज ही मामले की सुनवाई करने के लिए कहा था लेकिन उससे पहले ही विका दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया गया।

याचिका दाखिल करने वाले वकील ने कहा कि जिस तरह से यूपी पुलिस विकास दुबे के घर, शॉपिंग मॉल व गाड़ियों को तोड़ रही है उसको देखते हुए यूपी पुलिस पर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

याचिकाकर्ता ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच के लिए एक समय सीमा तय की जाए, जिससे ये तय हो कि विकास दुबे का एनकाउंटर न किया जा सके और उसकी जान बचाई जा सके।

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विकास ने खुद सरेंडर किया था: वकील

याचिका में बताया गया है कि विकास दुबे को पकड़ा नहीं गया है जबकि उसने एनकाउंटर से बचने के लिए खुद गिरफ्तारी दी है। यही नहीं याचिका में आशंका जताई गई थी कि यूपी पुलिस विकास का एनकाउंटर कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में वकील ने अपनी बात रखते हुए कहा था कि मीडिया रिपोर्ट से ऐसा लग रहा है कि विकास दुबे ने खुद महाकाल मंदिर के गार्ड को इस बात की जानकारी दी थी कि वह कानपुर का विकास दुबे है, जिसे पुलिस ढूंढ रही है।

याचिका में इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की भी मांग की गई है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, विकास दुबे के शव को मुठभेड़ के बाद हैलट अस्पताल में रखा गया है। एसएसपी और अस्पताल के डॉक्टरों ने विकास दुबे के मारे जाने की पुष्टि की है। कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने भी गैंगस्टर विकास दुबे के मारे जाने की पुष्टि कर दी है।

बताते चलें कि शुक्रवार सुबह जब यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को उज्जैन से ला रही थी तभी उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया।

सूत्रों की मानें तो इसके बाद विकास दुबे ने मौके से फरार होने की कोशिश की जिसके बाद उसे एनकाउंटर में मार गिराया गया।

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