Block Pramukh Election 2021: पूर्व मंत्री का भी नहीं चला जादू, सभी सीटों पर भाजपा+अपना दल (एस) का कब्जा

प्रमुख के चुनाव में सत्ता की हनक और बाहुबल की धमक का जादू सिर चढ़कर बोला।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-07-10 12:47 GMT

निर्वाचित ब्लॉक प्रमुख को प्रमाण पत्र प्रदान करते निर्वाचन अधिकारी (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Block Pramukh Election 2021: प्रमुख के चुनाव में सत्ता की हनक और बाहुबल की धमक का जादू सिर चढ़कर बोला। सात बार के विधायक एवं मंत्री रह चुके विजय सिंह गोंड़ की भी हालत सामान्य नेताओं की तरह ही बनी रही और अब तक के इतिहास में दुद्धी में पहली बार निर्विरोध प्रमुखी हासिल करने के साथ ही एनडीए गठबंधन (भाजपा+अद एस) ने पांच सीटों पर निर्विरोध और पांच पर मतदान के बाद कब्जा जमाया।

सत्ता की हनक को देखते हुए सपा ने पहले ही पांच सीटों पर वाकओवर दे दिया था। लेकिन निर्दल के रूप में क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने पर्चा खरीदकर कर गेम उलझा दिया था। बावजूद इसके भाजपा के लोगों ने गुणा-गणित बिठाकर राबर्ट्सगंज में अजीत रावत और चतरा में शक्ति सिंह पटेल का निर्वाचन निर्विरोध करा लिया। वहीं बभनी में जरायम की दुनिया से होकर शिवपाल यादव की पार्टी से सियासत में इंट्री करने वाले वाले राजन सिंह ने अपना दल एस के उम्मीदवार के रूप में अपनी पत्नी बेबी सिंह का बभनी से निर्विरोध निर्वाचन करवाने में कामयाबी पा ली।


सत्ता की धमक तो थी ही, खुद के बाहुबल और पूर्व एमएलसी विनीत सिंह खेमे से मिले समर्थन ने चुनावी राह और आसान कर दी। यहां के पूर्व प्रमुख एवं बसपा नेता कासिम हुसैन का भी खेमा राजन के साथ खड़ा नजर आया। वहीं नामांकन वापसी के दिन जोर लगा कर जहां अपना दल एस ने म्योरपुर में मानसिंह गोंड़ का निर्वाचन निर्विरोध कराने में बाजी मारी। वहीं दुद्धी में भी भाजपा उम्मीदवार रंजना चौधरी का निर्विरोध निर्वाचन कराकर सपा नेता एवं पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड़ की वर्षों से बनी हनक का इतिहास पलटकर रख दिया गया।


ओबरा विधानसभा क्षेत्र के चोपन ब्लॉक में भी बाजी भाजपा विधायक संजीव गोंड़ के नाम रही। यहां उनकी पत्नी लीला देवी गोंड़ 80 मतों से निर्वाचित हुईं। जिले की सबसे प्रतिष्ठापरक सीट नगवां में भी बाजी सत्ता पक्ष के हाथ लगी। यहां कांटे के संघर्ष में 43 में 23 मत पाकर आलोक सिंह प्रमुख बने। इस जीत ने जहां नगवां में सत्ता पक्ष की जीत आसान न होने का मिथक तोड़ा। वहीं पूर्व प्रमुख प्रवीण सिंह का खेमा इस बार एनडीए गठबंधन के साथ खड़ा नजर आया। नवसृजित करमा और कोन ब्लॉक में भी प्रमुखी सत्ता पक्ष के ही नाम रही। यहां से क्रमशः भाजपा की सीमा कोल 42 मत और रूबी मिश्रा 40 मत पाकर यहां की पहली प्रमुख निर्वाचित हुईं।


भाजपा के लिए असहजता की स्थिति उत्पन्न करने वाली घोरावल की भी प्रमुखी भाजपा के खाते में गई यहां से दीपक सिंह पटेल 85 मत पाकर निर्वाचित हुए। इस चुनाव परिणाम की खास बात यह रही कि जिन पांच सीटों पर चुनाव हुए, उसमें नगवां ही एक ऐसी सीट थी जिसमें सपा मुकाबले में दिखी। शेष सभी जगह भाजपा के प्रत्याशियों ने एकतरफा जीत दर्ज की। बता दें कि एनडीए गठबंधन की तरफ से करमा, कोन, चतरा, नगवां, राबर्ट्सगंज, घोरावल, चोपन, दुद्धी में भाजपा और म्योरपुर, बभनी में अपना दल एस के उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था। 

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