Mirzapur News: मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए भक्तों को नहीं चलना होगा पैदल, गृहमंत्री अमित शाह रोपवे की देंगे सौगात
Mirzapur News: देश के गृहमंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विंध्य कारी डोर भूमि पूजन और रोपवे का उद्घाटन करने के लिए आ रहे है।
Mirzapur News: विंध्याचल पर्वत पर स्थित मां विंध्यवासिनी का मंदिर प्राचीन काल से स्थित हैं। यह मंदिर विश्व विख्यात मां विंध्यवासिनी धाम के नाम से जाना जाता है। विंध्याचल मंदिर में नवरात्र के समय माँ विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए दूर-दूर से देश विदेश से भक्तगण आते हैं।
विंध्याचल दर्शन करने के बाद त्रिकोण दर्शन परिक्रमा का बहुत बड़ा महत्व है। जिसको भक्तगण लगभग 15 किलोमीटर की परिक्रमा पैदल चलकर करना पड़ता है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समय से पर्यटन को बढ़ावा देने और मां के दर्शन को सुलभ करने के लिये विंध्याचल में पर्यटन विभाग की तरफ से रोपवे बनाने की योजना तैयार की गई थी जिस पर युद्ध स्तर पर काम चल रहा था।
गृहमंत्री करेंगे आज रोपवे का उद्घाटन
देश के गृहमंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विंध्य कारी डोर भूमि पूजन और रोपवे का उद्घाटन करने के लिए आ रहे है। यह नवरात्रों में माँ के दर्शन करने आने वाले भक्तों को रोपवे की सवारी करने का मौका मिलेगा । रोपवे चालू होने के बाद विंध्याचल में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगा साथ ही लोगों को विंध्य पर्वत की पहाड़ियों का अनोखा नजारा भी देखने को मिलेगा।
अब पांच मिनट में पहुंच सकेंगे अष्टभुजा और काली को मंदिर में
नई दिल्ली की एक कंपनी को रोप-वे निर्माण का करार वर्ष 2014 में हुआ था। 2014 से रोपवे निर्माण का कार्य लगभग 6 वर्ष के बाद रोपवे पूरी तरह बनकर तैयार हो गया है। पर्यटन विभाग की ओर से पीपीपी मॉडल पर रोपवे का निर्माण कराए जाने से अष्टभुजा और काली खोह में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को ऊंची पहाड़ी वाले रास्तो पर घंटों पैदल नहीं चलना पड़ेगा।
265 मीटर ऊंचे रोपवे से कालीखोह व अस्तभूजा मंदिर तक पहुंचने में सिर्फ 5 मिनट लगेंगे।
अब नही चढ़नी होगी सैकड़ों सीढ़ियां
विंध्याचल मंदिर में साल भर में विंध्यवासिनी देवी, कालीखोह में महाकाली और अष्टभुजा में माँ सरस्वती के दर्शन करने के लिए देश विदेश से भक्त कोने-कोने से आते हैं। यह सिलसिला सदियों से चलता रहता है। नवरात्रि के अवसर पर माँ विंध्यवासिनी के भक्तों की भीड़ और बढ़ जाती है।
विंध्य धाम में आने वाले लोग त्रिकोण दर्शन करना नहीं भूलते हैं। 15 किलोमीटर की पैदल यात्रा और सैकड़ों सीढ़ियों को चढ़ने के बाद मां के भक्त महालक्ष्मी ,महाकाली और मां सरस्वती के त्रिकोण दर्शन करते हैं । यंहा पर देश के भक्तों के साथ विदेशी भक्तगण भी यहां अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं।