Sonbhadra Crime News: पुलिस ने कई बच्चों को छुड़ाया, ले जा रहे थे बंधुआ मजदूरी कराने, तीन गिरफ्तार
पुलिस ने बंधुआ मजदूरी के लिए ले जा रहे कई बच्चों को छुड़ाया, इन सभी को मेरठ काम करने के लिए ले जाया जा रहा था।
Sonbhadra Crime News: मध्य प्रदेश के सिंगरौली से सोनभद्र के रास्ते यूपी के बागपत बंधुआ मजदूरी कराने के लिए ले जाए जा रहे चार किशोरों को राबर्ट्सगंज पुलिस ने सोमवार को मुक्त कराने के साथ ही तीन को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों से पूछताछ में मध्यप्रदेश से सटे सोनभद्र के सीमावर्ती क्षेत्र और सिंगरौली से कई बच्चों को मेरठ, बागपत सहित अन्य जगहों पर ले जाए जाने की जानकारी मिली है।
उसके आधार पर जांच आगे बढ़ा दी गई है। उधर, बाल संरक्षण विभाग की तरफ से तीनों बच्चों को बालगृह में रखा गया है। परिवारजनों को इसकी सूचना भेजी गई है। उनके आने के बाद सत्यापन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके बाद बच्चों को उनको सुपुर्द कर दिया जाएगा।सोमवार को तड़के सुबह किसी ने पुलिस को सूचना दी थी कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से सात नाबालिग बच्चों को ह्यूमन ट्रैफिकिंग के जरिए बागपत ले जाया जा रहा है।
बच्चों से बंधुआ मजदूर के रुप में काम कराया जाएगा
वहां उनसे बंधुआ मजदूर के रुप में काम कराया जाएगा। इस पर प्रभारी निरीक्षक राबर्ट्सगंज सुभाष राय द्वारी चौकी इंचार्ज हिंदुआरी सहित अन्य को लेकर हिंदुआरी तिराहे पर घेराबंदी कर वाहनों की आवाजाही पर नजर रखनी शुरू कर दी। तभी एक बोलेरो वहां से चंद कदम पर मौजूद शिव शक्ति ढाबा पर रुकी। उसमें किशोर वय के सात लड़के और कुछ लोग बैठे दिखाई दिए।
वहां जाकर उनसे पूछताछ की गई तो मामला मानव तस्करी का निकला। सभी को वाहन सहित राबर्ट्सगंज कोतवाली ले आया गया। यहां देर तक चली पूछताछ और आधार कार्ड आदि से सत्यापन करने के बाद के बाद चार की उम्र नाबालिक पाई गई। इसके बाद शाम चार बजे के करीब अवयस्क पाए गए राजलाल (16) पुत्र अर्जुन, शंखलाल (14) पुत्र राम सिंह निवासी बगंधा थाना चितरंगी, जनपद सिंगरौली, जवाहिर (16) पुत्र सोहनलाल, संतोष (13) पुत्र रामचंद्र निवासी सकेती थाना चितरंगी का जिला अस्पताल में मेडिकल कराते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी अमरेंद्र प्रोत्स्यायन को मामले की जानकारी दी गई।
च्चों को बाल गृह बालक में दाखिल कराया गया
प्रोत्स्यायन ने बाल संरक्षण समिति की टीम भेजकर बच्चों की स्थिति दिखाई और उनसे पूरे वाकया की जानकारी ली। इसके बाद चारों बच्चों को बाल गृह बालक में दाखिल कराया गया। बच्चों से मिली जानकारी के आधार पर उनके परिवारीजनों को सूचना भिजवाई गई। वहीं जो बालिग पाए गए, उनको उनके घर भेज दिया गया। जिला प्रोबेशन अधिकारी अमरेंद्र प्रोत्स्यायन ने न्यूज़ट्रैक से हुई वार्ता में बताया कि चारों बच्चों को बाल गृह बालक में दाखिल करा दिया गया है।
परिवार के लोगों को सूचना भी भेज दी गई है। उनके आने के बाद सत्यापन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके बाद बच्चों को उनके परिवार के लोगों को सुपुर्द कर दिया जाएगा। उधर पुलिस ने बच्चों को बंधुआ मजदूरी के लिए ले जा रहे नवीन कुमार पुत्र ओमपाल सिंह निवासी ग्राम भैंसवाल, थाना गद्दीमुक्ता, जनपद शामली, सोविंदर पुत्र सतपाल सिंह निवासी जिवना गुलियान माल-माजरा, थाना बिनौली, जनपद बागपत, और जगदीश जायसवाल पुत्र पतिलाल जायसवाल निवासी सकेती, थाना चितरंगी, जनपद सिंगरौली की गिरफ्तारी सुनिश्चित करते हुए संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया।
देर शाम उन्हें रिमांड मजिस्ट्रेट के यहां पेश किया गया
देर शाम उन्हें रिमांड मजिस्ट्रेट के यहां पेश किया गया। वहां से उन्हें जिला कारागार मिर्जापुर भेज दिया गया। प्रभारी निरीक्षक राबर्ट्सगंज सुभाष कुमार राय ने बताया कि पकड़े गए लोग सभी बच्चों को खेती के कार्य में मजदूरी कराने के लिए बागपत के रास्ते मेरठ लेकर जा रहे थे। पूछताछ में उनके गांव के कई लोगों को बागपत और मेरठ में काम करने की जानकारी मिली है। बच्चों के परिवारजनों को सूचना भेजवा दी गई है।
उनके आने के बाद सुपुर्दगी की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उधर, पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि रॉबर्ट्सगंज-हिन्दुआरी मार्ग पर सफेद रंग की बिना नंबर प्लेट के बोलेरो से बच्चों को ले जाया जा रहा था। शिवशक्ति ढाबा के पास से उन्हें मुक्त कराने के साथ ही मानव तस्करी में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ थाना रॉबर्ट्सगंज पर धारा 370(5) भादवि एवं 79 किशोर न्याय अधिनियम व 14(3) सीएलपीआरए एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
चारो नाबालिग बच्चों को 5000 रुपये प्रतिमाह मे काम कराने हेतु ले जाया जा रहा था
पूछताछ मे आरोपियों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा चारो नाबालिग बच्चों को 5000 रुपये प्रतिमाह मे काम कराने हेतु ले जाया जा रहा था। बता दें कि सोनभद्र के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड से जुड़े सीमावर्ती इलाके और जिले से सटे पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती इलाके मैं रहने वाले नाबालिक बच्चे मजदूरी के कार्य के लिए मानव तस्करों का आसान शिकार बने हुए हैं।
सीमावर्ती क्षेत्रों में कई गांव में सुमन ट्रैफकिंग रैकेट से जुड़े दलाल भी फैले हुए हैं। वह अच्छा खानपान और अच्छा मेहनताना दिलाने का लालच देकर आदिवासी-वनवासी समुदाय के बच्चों को बाहर ले जाते हैं। कई बार स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि काम करने गए बच्चे लापता हो जाते हैं और परिवार के लोग थाने का चक्कर लगाते रह जाते हैं।