Sonbhadra News: बिजली उपलब्धता में आई कमी के चलते निजी सेक्टर से खरीदनी पड़ी महंगी बिजली
Sonbhadra News: बृहस्पतिवार को बिजली की खपत रिकॉर्ड 24838 पर पहुंच गई। रिहंद डैम में जलस्तर काफी कम होने के कारण ओबरा और रिहंद जल विद्युत गृह से मिलने वाली सस्ती बिजली उपलब्ध नहीं हो पाई।
Sonbhadra News: तकनीकी कारणों से एनटीपीसी सिंगरौली का 1200 मेगावाट पर चल रहा उत्पादन लुढ़ककर 600 मेगावाट के करीब आ गया, जिसके चलते बिजली उपलब्धता में आई कमी ने पावर सेक्टर में हड़कंप मचा दिया। बृहस्पतिवार को बिजली की खपत रिकॉर्ड 24838 पर पहुंच गई। रिहंद डैम में जलस्तर काफी कम होने के कारण ओबरा और रिहंद जल विद्युत गृह से मिलने वाली सस्ती बिजली उपलब्ध नहीं हो पाई। इसके कारण सिस्टम कंट्रोल को केंद्रीय पुल और निजी सेक्टर से महंगी बिजली खरीदनी पड़ी।
उत्पादन लुढ़ककर 600 मेगावाट
बता दें कि दिन में तेज धूप और रात में भारी उमस ने जहां लोगों को तड़पा कर रखा है वहीं बृहस्पतिवार को बिजली की खपत रिकॉर्ड 24838 पर पहुंच गई। वहीं तकनीकी कारणों से एनटीपीसी सिंगरौली का 1200 मेगावाट पर चल रहा उत्पादन लुढ़ककर 600 मेगावाट के करीब आ गया, जिसके चलते बिजली उपलब्धता में आई कमी ने पावर सेक्टर में हड़कंप मचा दिया।
इसके बाद रात में सोनभद्र सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में थोड़ी-थोड़ी देर के लिए कटौती एवं महंगी बिजली खरीद हालात संभाले जाते रहे। शुक्रवार की सुबह मांग कम होकर 13,000 मेगावाट के करीब आने के बावजूद 7रू30 बजे के करीब लगभग ढाई रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीद कर, जरूरत की पूर्ति की जाती रही।
खरीदनी पड़ी महंगी बिजली
माह की शुरुआत के साथ ही थमी मानसूनी बारिश न होने के कारण गर्मी और भारी उमस की स्थिति बनी हुई है। इसके चलते बिजली की लगातार रिकॉर्ड मांग बनी हुई है। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक बृहस्पतिवार की रात 9रू37 बजे ही बिजली की मांग ने 24,838 का आंकड़ा छू लिया। यह अब तक के खपत का दूसरा सर्वाधिक आंकड़ा है।
पीक आवर में हालात संभालने के लिए उत्पादनरत इकाइयों से सामान्य से ज्यादा उत्पादन लिया गया। रिहंद डैम में जलस्तर काफी कम होने के कारण ओबरा और रिहंद जल विद्युत गृह से मिलने वाली सस्ती बिजली उपलब्ध नहीं हो पाई। इसके कारण सिस्टम कंट्रोल को केंद्रीय पुल और निजी सेक्टर से महंगी बिजली खरीदनी पड़ी।
बिजली के लिए मारामारी
बिजली के रिकॉर्ड आपूर्ति के बावजूद लोगों में बिजली को लेकर हाय तौबा मची हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रात में निर्बाध आपूर्ति के निर्देश दे रखे हैं। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा बिजली की पर्याप्त उपलब्धता का दावा भी कर रहे हैं लेकिन जहां रात में होने वाली बिजली कटौती को लेकर जिले के साथ ही गैर जनपदों से भी लगातार आवाज उठ रही है। ऊर्जा मंत्री के ट्विटर हैंडल पर भी लोग रोजाना अपनी पीड़ा बयां कर रहे हैं।
संतुलन बनाए रखने के लिए करनी पड़ रही कटौती
जैसे ही बिजली की मांग 24,000 मेगावाट पहुंच रही है। विद्युत उपलब्धता और मांग में संतुलन बनाए रखने के लिए ताबड़तोड़ कटौती का क्रम शुरू हो जा रहा है। उधर नार्दन रीजन लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक एनटीपीसी सिंगरौली की दो इकाइयां पहले से बंद चल रही हैं।
बृहस्पतिवार की रात भी तकनीकी प्रॉब्लम आने के कारण पावर 1200 मेगावाट के करीब चल रहा उत्पादन लुढ़ककर 600 मेगा वाट के करीब आ गया। इंजीनियरों की टीम उत्पादन को बेहतर स्थिति में लाने के लिए लगी हुई है।