Sonbhadra News: यूपी में बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर, पनबिजली गृहों से उत्पादन हुआ शून्य

उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग और खपत का आंकड़ा लगातार रिकॉर्ड ऊंचाई छू रहा है। सोमवार की रात 10:47 बजे बिजली की अधिकतम मांग 24282 पहुंच गई।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-07-13 05:08 GMT

यूपी में बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर: फोटो- सोशल मीडिया

Sonbhadra News: मानसून की बेरुखी के चलते जहां गर्मी और उमस की मार जनजीवन दुश्वार किए हुए है। वहीं बिजली की मांग और खपत का आंकड़ा लगातार रिकॉर्ड ऊंचाई छू रहा है। सोमवार की रात 10:47 बजे बिजली की अधिकतम मांग 24282 पहुंच गई। ट्रिप चल रही लैंको की 600 मेगावाट वाली पहली इकाई के उत्पादन पर आने के कारण बिजली उपलब्धता में वृद्धि हुई लेकिन सबसे सस्ती बिजली देने वाले रिहंद जल विद्युत गृह में उत्पादन शून्य बने रहने के कारण सिस्टम कंट्रोल को पीक आवर के साथ ही अर्ध रात्रि और मंगलवार की भोर में महंगी बिजली खरीदकर हालात नियंत्रित करने पड़े।

नॉर्दन रीजन लोड डिस्पैच सेंटर स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से मिल रही जानकारी के मुताबिक जुलाई माह की शुरुआत से ही बिजली की मांग और खपत का रिकॉर्ड और रोजाना 24,000 के पार बना हुआ है। गत रविवार को 24902 मेगावाट तक जा पहुंचे इस आंकड़े ने प्रदेश में अब तक की सबसे ज्यादा मांग और खपत का रिकॉर्ड बना दिया।

वहीं सोमवार को यह आंकड़ा 24502 और मंगलवार को यह आंकड़ा 24282 रिकॉर्ड किया गया। न्यूनतम मान और खपत का आंकड़ा भी 13000 के पार बना रहा मंगलवार की सुबह 7:30 बजे के करीब मिनिमम डिमांड 13272 रिकॉर्ड की गई। बिजली की मांग सोमवार की शाम से ही तेजी पकड़ रखी थी। रात 10 बजते-बजते मांग 24000 को पार कर गई।

स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती देख जहां सोनभद्र सहित प्रदेश के कई हिस्सों में कुछ देर के लिए आपात कटौती की गई। वहीं निजी सेक्टर और केंद्रीय पुल से महंगी बिजली खरीद कर हालात संभाले गए। वही ओबरा, अनपरा, लैंको अनपरा में उत्पादन उद्योग इकाइयों से अधिकतम उत्पादन करा कर बिजली की जरूरत पूरी की गई।

उपकरणों की जांच करते विद्युत कर्मी: फोटो- सोशल मीडिया


 रिहंद डैम के कम जलस्तर ने बढ़ाई बेचैनी

एशिया के विशालतम जलाशयों में तथा 20 से अधिक बिजली एवं अन्य परियोजनाओं को पानी देने के साथ ही 399 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन के लिए पानी के जरूरत की पूर्ति करने वाले रिहंद जलाशय का जलस्तर कम रहने से पावर सेक्टर में बेचैनी की स्थिति बनी हुई है। सिस्टम कंट्रोल से मिली जानकारी के मुताबिक 880 फीट जल संग्रहण की क्षमता रखने वाले इस जलाशय में 13 जुलाई की सुबह तक जल स्तर 844 फीट ही पहुंच पाया है।



पिछले वर्ष इस तिथि को यह जलस्तर 848 फीट रिकॉर्ड किया गया था। एक पखवाड़े से लगातार मानसून की बेरुखी को देखते हुए रिहंद डैम की प्यास इस बार बुझ पाएगी कि नहीं, इसको लेकर जहां ऊर्जा जगत में सिर्फ स्तर पर बेचैनी की स्थिति है।




 ओबरा डैम का जलस्तर रिहंद डैम पर ही निर्भर करता है

वहीं बेहद कम जलस्तर को देखते हुए पीक आवर में बिजली की अधिकतम मांग के बावजूद 300 मेगावाट क्षमता वाले रिहंद डैम और 99 मेगावाट क्षमता वाले ओबरा पनबिजली गृह से दो दिन से उत्पादन सुनने कर दिया गया है। गत रविवार की रात 225 मेगावाट विद्युत उत्पादन रिहंद डैम से और 60 मेगावाट विद्युत उत्पादन ओबरा डैम स्थित विद्युत गृह से लिया गया था। बता दें कि ओबरा डैम का जलस्तर रिहंद डैम पर ही निर्भर करता है और ओबरा परियोजना के जरूरत की पूर्ति के लिए ओबरा डैम का न्यूनतम जल स्तर बनाए रखने के लिए पानी के जरूरत की पूर्ति रिहंद डैम से ही पानी छोड़ कर की जाती है।

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