Sonbhadra News: गांव में घुसा 10 फीट लंबा अजगर, वन विभाग ने किया रेस्क्यू, ग्रामीणों में दहशत
Sonbhadra News: सोनभद्र में घोरावल क्षेत्र में आए दिन मगरमच्छ निकलने से जहां दर्जनों गांव के ग्रामीण खौफ के साए में जीने को विवश हैं।
Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सोनभद्र (Sonbhadra) जिले में घोरावल क्षेत्र में आए दिन मगरमच्छ निकलने से जहां दर्जनों गांव के ग्रामीण खौफ के साए में जीने को विवश हैं। वहीं मंगलवार की सुबह घोरावल क्षेत्र के ही भरकना गांव की बस्ती में 10 फुट लंबा अजगर पहुंचने से हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंचे वन कर्मियों की टीम ने रेस्क्यू कर अजगर को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद उसे मध्य प्रदेश की सीमा से सटे झटकटा पहाड़ी की घाटी में ले जाकर छोड़ दिया।
वन विभाग के लोगों से मिली जानकारी से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार सुबह 8:30 बजे के करीब अपनी दिनचर्या में जुटे ग्रामीण अचानक से बस्ती में 10 फुट लंबा अजगर घुसा। जिसे ग्रामीण देखकर खौफजदा हो गए। जिसके बाद ग्रामीणों ने तत्काल मामले की जानकारी वन विभाग के लोगों को दी गई। इसके बाद वन क्षेत्राधिकारी घोरावल सुरजाराम की अगुवाई में वन दरोगा अंजनी मिश्रा, राजन मिश्रा, वन्य जीव रक्षक दीनानाथ यादव, और संतोष सिंह की टीम रेस्क्यू के लिए पहुंची।
एक घंटे की मशक्कत के बाद अजगर को बस्ती से बाहर निकाला जा सका
एक घंटे से अधिक की मशक्कत के बाद अजगर को बस्ती से बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद उसे बोरे में भरकर वाहन के जरिए उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित झरकटा वनघाटी ले जाया गया और वहां उनके प्राकृतिक वास स्थल के करीब छोड़ दिया गया।
अजगर का रेस्क्यू कर शिवद्वार बीट के झरकटा की घाटी में छोड़ा गया
वन क्षेत्राधिकारी सरजू प्रसाद ने बताया कि ग्रामीणों से मिली सूचना के आधार पर वन कर्मियों की टीम ने भरकना गांव पहुंचकर अजगर का रेस्क्यू किया। इसके बाद उसे प्राकृतिक वास स्थल शिवद्वार बीट के झरकटा की घाटी में ले जाकर छोड़ा गया। बता दें कि वन क्षेत्र घटने के साथ ही अजगर जैसे सांपों के दिखने की संख्या भी काफी कम हो गई थी लेकिन इस वर्ष बरसात के शुरुआत के साथ ही आबादी के बीच अजगर के मिलने की बढ़ती संख्या ने लोगों की नींद उड़ा कर रख दी है।
बता दें कि पांच दिन पूर्व दुद्धी कस्बे में अजगर घुसने का मामला प्रकाश में आया था। रात में वह गांधी स्मारक निधि केंद्र प्रभारी सुरेंद्र प्रसाद मिश्र के आवास में जा घुसा था। भयवश उन्हें पूरी रात जागते हुए गुजारनी पड़ी थी। करीब आठ फीट लंबे और लगभग 15 किलो वजन वाले अजगर को देख उनकी घिग्घी तक बंध गई थी। उनके डर का आलम यह था कि पूरी रात चारपाई पर ही बैठे रहे थे। सूचना पर अगले दिन सुबह वन कर्मियों की टीम पहुंची, तब वह चारपाई से उतारने को तैयार हुए थे।
बारिश होते ही खौफ के साए में जीने लगते हैं ग्रामीण
जैसे ही बारिश की शुरुआत होती है। घोरावल क्षेत्र के पश्चिमी अंचल में स्थित दर्जनों गांवों के ग्रामीण खौफ के साए में जीने लगते हैं। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज कुछ सालों के भीतर ही बस्ती में घुसे और गांव के आसपास मिले लगभग 260 मगरमच्छ पकड़े जाने की घटना सामने आ चुकी है। अब अजगर मिलने की घटना ने लोगों की नींद उड़ाकर रख दी है। बता दें कि इस क्षेत्र में अभी भी पशुओं को सिवान में चराने की परंपरा है।
मगरमच्छ की चपेट में आने से कई ग्रामीणों की मौत भी हुई
इस काम में ग्रामीण बच्चों की सहभागिता कुछ ज्यादा ही देखने को मिलती है। मगरमच्छ की चपेट में आकर लोगों की मौत की भी घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं। सर्पदंश भी इस इलाके में कहर ढाता है। यही कारण है कि आप इस इलाके के लोग बच्चों को खेतों और जंगल की तरफ भेजने से डरने लगे हैं।