Sonbhadra News: मनरेगा में करोड़ों का घोटाला, ग्रामीणों ने ऐसे खोला राज

Sonbhadra News: सोनभद्र में मनरेगा के कार्यों में 300 करोड़ का घोटाला।

Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-07-26 17:23 IST
मनरेगा में हुए घोटाले की तस्वीर(डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सोनभद्र (Sonbhadra) जिले में 300 करोड़ के मनरेगा (Mgnrega) घोटाले में सीबीआई जांच को लेकर सुर्खियों में रह चुके सोनभद्र में मनरेगा कार्यों में घपले की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब चतरा ब्लॉक के तियरा कला ग्राम पंचायत मनरेगा से कराए गए कार्यों में लाखों के बंदरबांट का मामला सामने आया है।

बिना काम किए निकाल लिए लाखों रुपए

ग्रामीणों ने कई कार्यों को कराए बगैर ही लगभग 21 लाख का फर्जी भुगतान लेने की शिकायत पिछले दिनों डीएम अभिषेक सिंह से की थी। जिसके बाद डीएम के निर्देंश पर उपायुक्त मनरेगा अरुण जौहरी ने सोमवार को जांच के लिए त्रिस्तरीय समिति गठित की। जांच टीम में खंड विकास अधिकारी चतरा उमेश सिंह, एपीओ और जूनियर इंजीनियर को शामिल किया गया है। सात दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

मनरेगा में कार्य करते हुए लोग (फोटो:सोशल मीडिया )


साल 2017 से 21 तक लाखों रुपयों का घोटला

लाल जी देव पांडेय, सुरेश पांडेय, राजेश कुमार, भोला, प्रसन्न कुमार, धर्मजीत गौतम आदि ग्रामीणों ने 17 जुलाई 2021 को डीएम अभिषेक सिंह को प्रार्थना पत्र और शपथ पत्र सौंप कर तियरा कला ग्राम पंचायत में वर्ष 2017-18 से लेकर 2020-21 तक मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों में लाखों का घपला किए जाने का आरोप लगाया था।

डीएम ने जांच करने के दिए निर्देश

जिसके बाद जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने सीडीओ को और सीडीओ ने उपायुक्त मनरेगा को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उपायुक्त मनरेगा अरुण जौहरी ने बताया कि मिले निर्देशों के क्रम में तियरा कला ग्राम पंचायत में मनरेगा के कार्यों में की गई गड़बड़ी की जांच शुरू करा दी गई है।

जांच टीम एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट सौपेंंगी

इसके लिए बीडीओ चतरा की अध्यक्षता में त्रिस्तरीय समिति का गठन किया गया है। जांच टीम को एक सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जांच के दौरान जो भी गढ़बड़ियां सामने आएंगी, उसके अनुरूप कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

ग्रामीणों के द्वारा शिकायत में कहा गया है कि मझिगवां संपर्क मार्ग से जितेंद्र देव के घर तक इस सड़क पर जवाहर रोजगार योजना से वर्ष 2002 में काम कराया गया था। उसके बाद से कोई काम कराए बगैर 2017-18 में मोरंग का काम दिखा कर 2,37,540 रुपये निकाल लिया गया।

बिना सड़क का काम कराए निकाली धनराशी

ग्रामीणों का दावा है कि उस सड़क पर मनरेगा से बगैर कोई कार्य कराए ही उक्त धनराशि निकालकर तत्कालीन प्रधान, सेक्रेटरी, तकनीकी सहायक और ब्लॉक के कुछ लोगों ने मिलकर धनराशि का बंदरबांट कर लिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाय कि है कि इसी तरह गांव के शिव मंदिर से मुख्य मार्ग तक विधायक निधि से बनी सड़क पर मनरेगा का हल्का काम करा कर लाखों रुपए की धनराशि बंदरबांट कर ली गई।

तियरा कला ग्राम पंचायत के मड़रहिया में तालाब के गहरीकरण पर साढ़े सात लाख का खर्च दिखाया गया है। ग्रामीणों के अनुसार क्षेत्र के एक राइस मिल मालिक ने जेसीबी से मिट्टी निकलवाई और ट्रैक्टर से मिटटी डलवा कर राइस मिल परिसर में पटवाया। बाद में जॉब कार्ड धारकों से सेटिंग कर तालाब का गहरीकरण दिखा दिया गया और इसके नाम पर साढ़े सात लाख रुपये सरकारी कोष से भुगतान ले लिया गया।

खुदाई के कार्य में भी हुआ लाखों का घोटला

ग्रामीणों ने बह्मबाबा मंदिर के पास स्थित तालाब खुदाई के कार्य में भी लाखों के घपलेबाजी का आरोप लगाया गया है। ग्रामीणों ने शिकायत में कहा है कि यहां की पूरी मिट्टी जेसीबी से निकाली गई है लेकिन उसे जॉब कार्डधारकों द्वारा कार्य किया जाना बताकर भुगतान ले लिया गया है। इसी तरह कई और कार्यों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की गई है।

सोनभद्र में 500 करोड़ के कार्य में तीन सौ करोड़ का  

वर्ष 2007 से 2010 के बीच सोनभद्र में मनरेगा से कराए गए 500 करोड़ के कार्य में 300 करोड़ के घोटाले का मामला सामने आया था। हाई कोर्ट के निर्देश पर इसकी सीबीआई जांच शुरू हो गई है। कुछ साल तक इसमें तेजी देखने को मिली। इस समय यह मामला करीब करीब ठंडा पड़ा हुआ है।

Tags:    

Similar News