Sonbhadra News: एनसीएल को मिलेंगे 11 इलेक्ट्रिक रोप शावेल, रूस से हुआ करार

एनसीएल की होल्डिंग कंपनी कोल इंडिया की तरफ से बुधवार को रूस के साथ 1461.81 करोड़ का करार किया गया। करार के माध्यम से सितंबर 2023 तक एनसीएल को 11 इलेक्ट्रिक रोप शावेल की आपूर्ति दी जाएगी।

Written By :  Kaushlendra Pandey
Published By :  Pallavi Srivastava
Update:2021-07-09 13:07 IST

करार से एनसीएल की कोयला उत्खनन प्रणाली और मजबूत होगी pic(social media)

Sonbhadra News:  मिनी रत्न कंपनी नार्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड में होने वाले कोयला खनन को अत्याधुनिकधुनिक बनाने की पहल तेज हो गई है। इसके लिए एनसीएल की होल्डिंग कंपनी कोल इंडिया की तरफ से बुधवार को रूस के साथ 1461.81 करोड़ का करार किया गया। करार के माध्यम से सितंबर 2023 तक एनसीएल को 11 इलेक्ट्रिक रोप शावेल (कोयला खनन के अत्याधुनिक मशीन) की आपूर्ति दी जाएगी। जिसका उपयोग जनपद के दुधीचुआ, खड़िया, जनपद के अनपरा-शक्तिनगर एरिया से सटे सिंगरौली के जयंत, निगाही और अमलोरी कोल प्रोजेक्ट में जरूरत अनुसार किया जाएगा।

अनुबंध में भारी मशीन की आपूर्ति, मशीन के पुर्जों और स्पेयर सामग्रियों की आपूर्ति भी शामिल pic(social media) 

बता दें कि कोल प्रोजेक्ट प्रबंधन के मुताबिक अनुबंध में भारी मशीन की आपूर्ति के साथ, आठ साल की अवधि के लिए मशीन के पुर्जों और स्पेयर सामग्रियों की आपूर्ति को भी शामिल किया गया है। अनुबंध पर कोल इंडिया की ओर से निदेशक (तकनीकी) विनय दयाल और आइजी कारटेक्स रूस की तरफ से महानिदेशक, श यान वी त्सेंतर (Yan V Tsenter)) ने अनुबंध-पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। उधर कोल प्रोजेक्ट कर्मचारी यूनियनों ने इसका स्वागत किया है। सीटिया (कोल इंडिया के तकनीकी कर्मियों का संगठन) महामंत्री बीके पटेल ने कहा कि इससे एनसीएल की कोयला उत्खनन प्रणाली और मजबूत होगी। साथ ही देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को भी पूरा करना आसान होगा। बता दें कि तापीय बिजली संयंत्रों पर ही काफी हद तक बिजली आपूर्ति निर्भर है। और इन संयंत्रों को चलाने के लिए प्रतिदिन लाखों टन कोयले की जरूरत पड़ती है। जिसकी पूर्ति कोल खदानों में किए जाने वाले उत्खनन से की जाती है।

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