Sonbhadra News: घर पर बनेगा बच्चों का फ्री आधार कार्ड, पढ़ें सोनभद्र की बड़ी खबरें

डाककर्मी अब बच्चों के लिए घर-घर जाकर आधार कार्ड बनायेंगे जो नि:शुल्क होगा, पांच वर्ष से ऊपर के बच्चों और बड़ों को आधार कार्ड के लिए निर्धारित ₹50 शुल्क अदा करना पड़ेगा।

Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-07-23 21:29 IST

सोनभद्र: फोटो- सोशल मीडिया 

Sonbhadra News:  उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में आज कई जगहों पर विभिन्न घटनाएं घटित हुई। अब आधार कार्ड के लिए बैंकों या निर्धारित केंद्रों पर लाइन लगाने की जरूरत नहीं है। इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक के जरिए, ग्रामीण डाक सेवकों के माध्यम से जल्द ही यह सुविधा घर-घर पहुंच जाएगी। इसके लिए शुक्रवार से सोनभद्र सहित पूरे प्रदेश में चयनित ग्रामीण केंद्रों माध्यम से इसकी शुरुआत भी कर दी गई। इस अभियान के प्रथम चरण में पहले दिन शुक्रवार को प्रत्येक चयनित केंद्रों पर 10-10 लोगों का आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी की गई।

पहले चरण में जिले में दुद्धी तहसील के असनहर, सतबहनी, झारोखुर्द, राबर्ट्सगंज तहसील के कैथी, अक्छोर, बिच्छी, तरावां और सहिजन कला स्थित ग्रामीण डाकघरों के जरिए इस सुविधा को लोगों को उपलब्ध कराने का काम शुरू कर दिया गया। इसमें कोई भी बच्चा आधार कार्ड से छूटने ना पाए, इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके लिए ग्रामीण डाक सेवकों को अपने एरिया के गांव में कैंप लगाने का निर्देश तो दिया ही गया है। घर-घर जाकर भी बच्चों का आधार कार्ड बनाने की ताकीद की गई है। आगे चलकर सर्वर की प्रॉब्लम या कोई तकनीकी दिक्कत नहीं आती है तो धीरे-धीरे यह सुविधा सभी ग्रामीण डाक घरों और वहां तैनात ग्रामीण डाक सेवकों के जरिए घर-घर तक उपलब्ध करा दी जाएगी।

बता दें कि पिछले दो साल से आधार कार्ड बनाने के केंद्र काफी सीमित कर दिए गए थे। चयनित बैंकों में इसकी सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। इसके लिए लोगों को लंबी लाइन लगानी पड़ रही थी। लंबी दूरी तय कर पहुंचने वालों को भी कई -कई दिन नंबर ना आने की बात कहकर लौटा दिया जा रहा था। आधार कार्ड के लिए निर्धारित ₹50 की जगह 250 से 300 रुपये लेने की शिकायत भी मिल रही थी। कभी कोई कागजात तो कभी सर्वर का चक्कर लोगों को परेशान किए हुए था। अब सरकार की तरफ से ग्रामीण डाक सेवकों के जरिए घर-घर आधार कार्ड बनवाने की सुविधा उपलब्ध कराने की पहल जनमानस को बड़ी राहत देने वाली साबित होगी।


चरणवार सेवा का होता जाएगा विस्तार

जिले के डाक निरीक्षक मनीष कुमार सिंह ने बताया कि सरकार के इस अभिनव पहल की शुरुआत प्रदेश के अन्य जिलों के साथ ही सोनभद्र में भी शुक्रवार से कर दी गई। फिलहाल आठ ग्रामीण डाक घरों पर यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ग्रामीण डाक सेवकों की तकनीकी दक्षता को दृष्टिगत रखते हुए पहले चरण में आठ ग्रामीण डाक घरों पर यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है। धीरे-धीरे अन्य ग्रामीण डाकघरों पर तैनात डाकसेवकों को भी ट्रेनिंग देकर यह सुविधा बढ़ाई जाती रहेगी। सब कुछ सही रहा तो आने वाले कुछ महीनों में यह सुविधा प्रत्येक गांव और उनसे जुड़े डाक शघर पर उपलब्ध दिखाई देगी।

बच्चों का नि:शुल्क बनाया जाएगा आधार कार्ड

बच्चों के लिए घर-घर जाकर आधार कार्ड बनाने की सुविधा तो उपलब्ध कराई ही जाएगी। उनसे इसके बदले में कोई शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। वहीं पांच वर्ष से ऊपर के बच्चों और बड़ों को आधार कार्ड के लिए निर्धारित ₹50 शुल्क अदा करना पड़ेगा। इस कार्य के एवज में ग्रामीण डाक सेवक को प्रति आधार कार्ड एक निश्चित पारितोषिक भी प्रदान किया जाएगा। बता दें कि करीब 22,000,00 आबादी वाले सोनभद्र में पांच वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों की संख्या अच्छी खासी है और प्राथमिक कक्षा में उनके दाखिले के लिए या उनको किसी सुविधा का लाभ देने के लिए आधार कार्ड जरूरी बना दिया गया है। इसी तरह पांच वर्ष से बड़े बच्चों और बड़ों के लिए भी सभी सरकारी कामकाज में आधार कार्ड जरूरी है। इस लिहाज से केंद्र सरकार की, ग्रामीण डाक सेवकों के जरिए घर-घर आधार कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराने की यह पहल काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

गड्ढों में तब्दील सड़कों से फजीहत, खफा लोगों ने किया प्रदर्शन

सोनभद्र: सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढे और हल्की बारिश में होता जलभराव लोगों के लिए मुसीबत बनने लगा है। कहीं आवागमन में फजीहत है तो कहीं गड्ढों में वाहनों के फंसने से आवागमन ही प्रभावित हो जा रहा है। शुक्रवार को राबर्टसगंज-घोरावल मुख्य मार्ग पर धर्मशाला चौक से लेकर कम्हारी गांव तक बने गड्ढे और जलभराव से आवागमन में होती समस्या तथा आए दिन गिरकर लोगों के चोटिल होने से खफा लोगों का गुस्सा सड़क पर फूट पड़ा। दर्जनों लोगों ने मुख्य मार्ग पर सांकेतिक जाम लगाकर प्रदर्शन करते हुए जमकर नारे लगाए। जल्द सड़कों की मरम्मत न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

अगुवाई कर रहे पूर्वांचल नव निर्माण मंच के उपाध्यक्ष गिरीश पांडेय, सूचित मोदनवाल, छोटेलाल मौर्या, लल्लन सिंह, सुरेंद्र गुप्ता, दीपक केशरी, धीरज सोनी, ताड़केश्वर गुप्त, रविंद्र केशरी, राहुल मौर्या, दुर्गेश गुप्त, पिंटू तिवारी, धीरज मोदनवाल, आलम खान, मोहन कुमार, संजय आदि का कहना था कि सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। इससे लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। बारिश का पानी जमने के बाद फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं। रतन कार्यों का कहना था कि सरकार का सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का दावा सोनभद्र में पूरी तरह विफल हो रहा है। जल्द सड़क की मरम्मत न होने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी गई। बता दें कि पिछले वर्ष राबर्टसगंज घोरावल मुख्य मार्ग को प्रदेश सरकार की तरफ से राजमार्ग का दर्जा दिया जा चुका है। बावजूद मार्ग की खराब स्थिति लोगों की रुलाई छुड़ा रही है।

खड़िया में हाइवे के गड्ढे में 36 घंटे तक फंसी रही ट्रक : गड्ढे सिर्फ लोगों के आवागमन में ही परेशानी नहीं खड़ी कर रहे हैं। जिले की लाइफ-लाइन का दर्जा रखने वाले वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर, शक्तिनगर क्षेत्र के खड़िया में मौजूद बड़े-बड़े गड्ढे हाईवे की रफ्तार भी रोक दे रहे हैं। बताते हैं कि बुधवार को एलएनटी कंपनी के लिए सीमेंट ला रहा ट्रक खड़िया में हाईवे पर मौजूद गड्ढे में फंस गया। इसके चलते जहां देर तक आवागमन प्रभावित हुआ। वहीं शुक्रवार की शाम को 36 घंटे बाद वाहन को बाहर निकाला जा सका। बता दें कि खड़िया तिराहे के पास करीब 200 मीटर तक सड़क लंबे समय से गड्ढे में तब्दील पड़ी है। इसको लेकर लोगों ने कई बार आवाज भी उठाई लेकिन अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है। यह स्थिति तब है जब इस सड़क पर प्रतिदिन सैकड़ों कोयला लदे एवं अन्य मालवाहक वाहनों का आना जाना लगा रहता है।

आएदिन अफसरों का दौरा, फिर भी जिला कारागार मार्ग पर गड्ढे ही गड्ढे

सोनभद्र: जिले में सड़कों का गड्ढों से अटूट नाता बनता जा रहा है। दूसरे मार्गो की बात दूर, वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग से होकर गुरमा स्थित जिला कारागार जाने वाले मार्गों पर गड्ढे इस कदर हो गए हैं कि कुछ देर की बारिश सड़क को तालाब की शक्ल में तब्दील कर दे रही है। जबकि इस मार्ग से प्रतिमाह डीएम-एसपी का कारागार निरीक्षण के लिए आना जाना लगा रहता है। वाहन सवार तो किसी तरह इस मार्ग से निकल जाते हैं लेकिन पैदल चलने वालों को कीचड़ भरे पानी से होकर गुजरना मजबूरी बन चुकी है। जबकि यह मार्ग सिर्फ जिला कारागार ही नहीं, कई गांवों और बस्तियों को भी राजमार्ग से जोड़ता है।

श्रमिकों का शोषण रोकने के लिए समाज के लोग दें साथ: भराला

सोनभद्र: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के जन्मदिवस के अवसर पर पिपरी में नगर पंचायत कार्यालय के समीप स्थित कल्याण मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में शुक्रवार को बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पहुंचे श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला ने कहा कि अगर कोई कारखाना मालिक मजदूरों का शोषण कर रहा है तो उसे रोकने के लिए समाज के लोग आगे आएं और श्रमिकों के साथ खड़े होकर शोषण रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।।

उन्होंने कहा कि जिस दिन समाज के सभी लोग इसको लेकर जागरूक हो जाएंगे। उस दिन मजदूरों के शोषण की समस्या अपने आप समाप्त हो जाएगी। इसके लिए उन्होंने लोगों से आगे आने के लिए अपील भी की। कहा कि वह श्रमिकों का साथ देने वाले के लिए हर वक्त तत्पर हैं। श्रमिक हितों की रक्षा के लिए वह नौ महीने जेल में भी बिता चुके हैं। श्रम कल्याण परिषद की तरफ से मजदूरों को दिए जा रहे लाभ और उससे लाभान्वित होने वालों के बारे में जानकारी ली और कार्यक्रम में मौजूद लोगों से आह्वान किया कि वह अपने स्तर से श्रमिकों को इन योजनाओं का लाभ अवश्य दिलाएं ताकि वह सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को जागरुकता और जीवंतता की मिसाल बताते हुए कहा कि उनका पूरा जीवन समाज और देश के लिए समर्पित रहा। युवा पीढ़ी को उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है।

भराला ने श्रम कल्याण परिषद द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रचार प्रसार की भी समीक्षा की। बताया कि श्रम कल्याण परिषद द्वारा आठ और श्रम विभाग द्वारा 13 योजनाएं संचालित हो रही हैं। जिन श्रमिकों के बच्चे हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, स्नातकोत्तर की परीक्षा में 60 फ़ीसदी से अधिक अंक पाते हैं, उन्हें गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार राशि योजना के तहत पांच हजार, अगर 75 फ़ीसद से अधिक अंक पाते हैं तो उन्हें एकमुश्त 7500 रुपए की धनराशि प्रदान की जाएगी। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक शिक्षा सहायता योजना के तहत प्रति पात्र अभ्यर्थी को डिग्री पाठ्यक्रम के लिए ₹15000, डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिए 10000, सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम के लिए ₹7000 दिए जाएंगे। कार्यक्रम में श्रमिक नेता राकेश पांडेय, चांदप्रकाश जैन, श्रम कल्याण परिषद के सदस्य ओमकार केसरी, एससी एसटी आयोग के सदस्य श्रवण सिंह गोंड़, डीएलसी सरजू राम, प्रभाकर मिश्र, पारसनाथ गुप्त, अजयानन्द त्रिपाठी, सुरेश, प्रभाकर गिरी, प्रदीप सिंह रानू आदि मौजूद रहे।


खेत में पड़ा मिला 10 फीट लंबा मगरमच्छ, घंटों ग्रामीणों की उड़ी रही नींद

सोनभद्र: घोरावल कोतवाली क्षेत्र के मूर्तिया गांव में बंधी से करीब डेढ़ सौ मीटर दूर 10 फीट लंबे मगरमच्छ के मिलने से हड़कंप मच गया। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने उसे अपने कब्जे में ले लिया। शुक्रवार को उस मगरमच्छ को बेलन नदी पर स्थित मुक्खाफाल के दह में ले जाकर छोड़ा गया।

वन विभाग के लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक कोतवाली क्षेत्र के मूर्तिया गांव में मूर्तिया बंधी से करीब डेढ़ सौ मीटर दूर बृहस्पतिवार की देर रात 10 फीट लंबा मगरमच्छ दिखाने के बाद हड़कंप मच गया। मूर्तिया निवासी कमलेश ने रात में अपने खेत पर जाते समय मगरमच्छ को सबसे पहले देखा इसके बाद दूसरे ग्रामीणों को सूचना दी। मगरमच्छ मिलने की सूचना पाकर दर्जनों ग्रामीण मौके पर जुट गए। इसके बाद मामले की जानकारी मूर्तिया वन रेंज कार्यालय पर मौजूद कर्मियों को दी गई। कर्मियों के पहुंचने तक तक ग्रामीणों ने बांस की मदद से मगरमच्छ को नियंत्रित कर रखा।

वन विभाग की विश्वजीत कुशवाहा और शैलेन्द्र कुमार सिंह लोधी की अगुवाई में टीम कुछ देर बाद मौके पर पहुंच गई। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से उसे कब्जे में ले लिया गया शुक्रवार को ले जाकर उसे सुरक्षित मुक्खा फाल के पास स्थित गहरे पानी वाले इलाके में छोड़ दिया गया। वन जीव रक्षक विश्वजीत कुशवाहा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया की मगरमच्छ 10 फिट लंबा और नर प्रजाति का था। बताया कि घोरावल क्षेत्र में बारिश के समय अक्सर मगरमच्छ निकलने की घटनाएं होती रहती हैं इसको देखते हुए लोगों से नदी तालाब, बंधी, खेत की तरफ जाते समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। अंधेरा होने पर बहुत जरूरी काम आने पर ही पानी वाले जगहों पर जाने का अनुरोध लोगों से किया जा रहा है।।

घोरावल क्षेत्र में पांच वर्षों में पकड़े जा चुके हैं 258 मगरमच्छ

वन विभाग के आंकड़ों पर ध्यान दें तो 5 वर्षों में जहां अब तक 258 मगरमच्छ पकड़े जा चुके हैं। उसमें इस वर्ष अब तक 28 मगरमच्छ पकड़े जा चुके हैं। वहीं महिला सहित दो की जान भी जा चुकी है। बता दें कि घोरावल क्षेत्र की परिस्थितियां मगरमच्छों के लिए काफी मुफीद हैं। यहां बेलन नदी और इसके तटवर्ती इलाके में स्थित तालाबों, बंधियों में अक्सर मगरमच्छ मिलने की घटनाएं सामने आती रहती हैं।


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