Sonbhadra News: बारिश से उफान पर आईं नदियां, दहशत में ग्रामीण
जनपद में तीन दिनों से लगातार हो रही तेज बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
Sonbhadra News: जनपद में तीन दिनों से लगातार हो रही तेज बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पूर्वी उत्तर प्रदेश में चित्रकूट के बाद यहां सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई है। वहीं नदियों में आए जबरदस्त उफान के चलते कई गांव पानी से घिर गए हैं। इसके चलते जर्जर और कच्चे मकानों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है। शनिवार को घाघर मुख्य नहर के तेज बहाव में बहने से एक किशोर की मौत भी हो गई थी। वहीं अनपरा परिक्षेत्र में कुलडोमरी ग्राम पंचायत के पड़रवा में पानी के तेज बहाव की चपेट में आकर एक अधेड़ बह गया। बांधों के भी जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है।
नगवां और धंधरौल बांध में पानी चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचने के कारण नहरों में पूरी क्षमता से छोड़ा जा रहा है। एशिया के विशालतम जलाशयों में एक रिहंद डैम के जलस्तर में भी 24 घंटे के भीतर 5 फीट की वृद्धि दर्ज हुई है। लगातार बारिश के चलते बेलन, कनहर, मलिया, घाघर, कर्मनाशा आदि नदियां और नाले जबरदस्त उफान पर हैं। वहीं इसके चलते कई गांव पानी से घिर गए हैं। सोन, रेणुका आदि नदियों में तेजी से बढ़ते जलस्तर ने तटवर्ती इलाकों में खतरे की घंटी बजा दी है।
प्रशासन की तरफ से क्षेत्रीय लेखपालों के जरिए लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। जल निकासी व्यवस्था ध्वस्त होने के कारण जिला मुख्यालय राबर्ट्सगंज में हर ओर पानी ही पानी जमा हो गया है। राबर्ट्सगंज और शक्तिनगर में हाइवे पर पानी जमा होने से जहां आवागमन प्रभावित हो रहा है, वहीं हाइवे पर मौजूद गड्ढों में वाहन फंस जा रहे हैं। नदियों में लगातार पानी के बढ़ाव और बारिश का क्रम बने रहने से निचले इलाकों की बस्तियों में टापू सरीखी स्थिति बनने लगी है। राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के बिजौली गांव में शनिवार की रात तीन मकान धराशाई होने से ग्रामीणों ने पूरी रात डर के साए में गुजारी।
चारों तरफ पानी से घिरे होने के बावजूद गांव में सुबह तक राहत कार्य न पहुंचने से नाराज ग्रामीणों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन भी किया। दोपहर में प्रशासन की तरफ से टीम पहुंची तब जाकर लोग शांत हुए। उधर, बेलन नदी में उफान के कारण पानी से घिरे रजगढ़ गांव के लोग भी राहत को लेकर परेशान रहे।
नहर परियोजना का निर्माण कार्य पड़ा ठप
लगातार बारिश के चलते सोन नदी की सहायक नदी कनहर में बनी बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कनहर परियोजना का निर्माण कार्य रोक दिया गया है। प्रशासन की तरफ से इसके तटवर्ती गांव को भी अलर्ट कर निचले हिस्से में रह रहे लोगों से सुरक्षित जगह जाने की अपील की जा रही है।
चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचा बांधों का जलस्तर
जिले में स्थित नगवां बांध, धंधरौल बांध और ओबरा बांध का जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच गया है। ओबरा बांध के चेतावनी बिंदु का जलस्तर 193.24 मीटर निर्धारित है सुबह 10 बजे तक यह जलस्तर 193.5 मीटर तक पहुंच गया था। जलस्तर नियंत्रित रखने के लिए यहां स्थापित जलविद्युत गृह की इकाइयों से लगातार विद्युत उत्पादन लिया जा रहा है। उनसे करीब 5000 क्यूसेक पानी लगातार रेणुका नदी के जरिए सोन नदी में छोड़ा जा रहा है।
किसी भी समय ओबरा बांध के फाटक खोलने की स्थिति बनती देख चोपन से कोन तक के एरिया के प्रधानों को अपने-अपने गांव में मुनादी कर ग्रामीणों को अलर्ट करने के निर्देश दे दिए गए हैं। उधर, रिहंद बांध के जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि शुरू हो गई है। कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह 845 फीट के आसपास रहा जलस्तर रविवार की सुबह 850 फीट को पार कर गया है।
बाढ़ राहत टीमों को भी किया गया सतर्क
लगातार बारिश के चलते मध्य प्रदेश के बाणसागर बांध से भी सोन नदी में लाखों क्यूसेक पानी छोड़ने की संभावना बढ़ गई है। बारिश के चलते उनकी सहायक नदियों में उफान के चलते सोन नदी का भी जलस्तर चेतावनी बिंदु को छूने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से बाढ़ राहत टीमों को भी सतर्क कर दिया गया है। बता दें कि वर्ष 2013 में बाणसागर बांध से छोड़ा गया पानी सोन नदी के तटवर्ती इलाकों में तबाही मचा चुका है। वह बेलन नदी के भी कई तटवर्ती गांव बाढ़ से चलते तबाही का मंजर देख चुके हैं। इसको देखते हुए पिछले तीन दिन से हो रही बारिश ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। शनिवार की रात कई गांव के लोग रतजगा कर पानी की स्थिति पर नजर बनाए रहे। रविवार को भी पानी से घिरते जा रहे गांव में अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही।
मुख्यालय से कट सकता है दर्जनों गांवों का संपर्क
लगातार बारिश और नदियों-नालों में बढ़ती उफान की स्थिति के चलते जिला मुख्यालय से कई गांवों का संपर्क टूटने का खतरा बढ़ता जा रहा है। बिजुल नदी का पानी महलपुर गांव के पास स्थित पुल से सटकर बहने के कारण जहां इससे होने वाले कई गांव का आवागमन ठप होने का खतरा बढ़ गया है। वहीं दुद्धी के पास लावा नदी में लगातार बढ़ते पानी के दबाव को देखते हुए अस्थाई पुल के टूटने की आशंका ने रीवा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग से आवागमन करने वालों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। राबर्ट्सगंज-घोरावल मार्ग और राबर्ट्सगंज-पन्नूगंज मार्ग पर पानी के बढ़ते बहाव के चलते इन मार्गों से होने वाले आवागमन को भी प्रभावित होने की संभावना बनने लगी है। मुख्य मार्गों से गांव को जोड़ने वाले कई रास्तों पर भी जमा पानी आवागमन प्रभावित करने का कारण बना हुआ है।
पानी के तेज बहाव में समा गईं दो जिंदगियां
पानी के तेज बहाव के चलते शनिवार को किशोर सहित दो जिंदगियां पानी में समा गईं। दीपक (13) पुत्र नंदू निवासी बगही पंद्रह दिन पूर्व से करमा थाना क्षेत्र के बहेरा गांव निवासी अपने मौसा नरेश पुत्र विशुन के यहां आया हुआ था। शनिवार की दोपहर अपने मौसा की बकरियां लेकर घाघर मुख्य नहर की तरफ निकल गया। चरने के दौरान बकरियां नहर के पानी से होकर दूसरी तरफ चली गईं। यह देख दीपक भी नहर को तैरकर पार करने लगा। उसी दौरान पानी के तेज बहाव और उफान की चपेट में आकर बहते हुए वह पानी में समा गया। दूसरी तरफ रामखेलावन यादव 55 वर्ष कुलडोमरी ग्राम पंचायत के पड़रवा में गांव के दूसरे लोगों के साथ खेत की तरफ गया था। उसी दौरान नदी को पार करने के चक्कर में तेज बहाव की चपेट में आ गया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस गोताखोरों के जरिए घंटों उसकी तलाश में लगी रही, लेकिन पता नहीं चला।
सैकड़ों गांवों की बत्ती गुल, कस्बों में भी हायतौबा
बारिश ने जिले की विद्युत व्यवस्था छिन्न-भिन्न करके रख दी है। हालत यह है कि कहीं दो दिन तो कहीं तीन दिन से बिजली गायब है। इसके चलते सैकड़ों गांव में आपूर्ति ठप पड़ी है। गुरमा फीडर से जुड़े मारकुंडी, सलखन, नगवां अंचल के मकरीबारी, चिरुई मड़कुडी पल्हारी, चोपन ब्लाक के पटवध कनछ, कन्हौरा, बसुहारी, चकरिया, ससनई, फागन फीडर से जुड़े जमगांव सहित सौ से अधिक गांव में 25 से 30 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप पड़ी हुई है। वहीं शाहगंज अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट चालू करने का काम भी दो दिन तक प्रभावित रहा। रविवार को भी दोपहर तक जब बिजली नहीं उपलब्ध हो पाई, तब जनरेटर की व्यवस्था कर ऑक्सीजन प्लांट की टेस्टिंग कराकर अस्पताल प्रशासन को सौंपा गया।
बभनी और नजरा सब स्टेशन के सौ गांवों में भी घंटों बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। बिजली महकमे के लोगों का कहना था कि पिपरी से नधिरा और बभनी को मिलने वाली सप्लाई में ही फाल्ट आ जा रहा है, जिसके चलते दिक्कत आ रही है। नगवां इलाके के दुबेपुर विद्युत सब स्टेशन से होने वाली 80 गांवों की आपूर्ति भी शुक्रवार की दोपहर से ही ठप बताई जा रही है। खलियारी, मांची फीडर सभी की आपूर्ति घंटों प्रभावित रही। इसी तरह जिले के अन्य हिस्सों में भी घंटों बिजली के गायब रहने, फाल्ट दुरुस्त होने के कुछ देर बाद से ही बिजली गायब होने का सिलसिला बना रहा। ओबरा नगर में गैर परियोजना क्षेत्र मैं शनिवार से ही बत्ती गुल होने से लोग बिलबिला उठे हैं, वहीं कई घरों के इनवर्टर भी जवाब दे चुके हैं। नाराज उपभोक्ता विद्युत विभाग के खिलाफ विभिन्न माध्यमों से भड़ास निकालने में लगे हुए हैं।