Sonbhadra News :हर दूसरे दिन आपदा की भेंट चढ़ रही लोगों की जिंदगी, 75 दिन में 56 मौत
Sonbhadra News : कहीं बारिश की बूंद तो कहीं सर्पदंश का कहर जिले में हर दूसरे दिन किसी न किसी की जिंदगी छीन रहा है।
Sonbhadra News : कहीं बारिश की बूंदों के साथ टपकती मौत तो कहीं सर्पदंश (snakebite) का कहर जिले में हर दूसरे दिन किसी न किसी की जिंदगी छीन रहा है। सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो महज 75 दिन में वज्रपात (Thunderclap) से 25 और सर्पदंश से 56 मौत की मौत हो चुकी है। शासन के निर्देश पर प्रभावितों को मदद पहुंचाने का भी काम तेज कर दिया गया है। अधिकारियों का दावा है कि ज्यादातर लोगों को मदद की राशि दे दी गई है।
सरकारी रिकर्ड के मुताबिक आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मई से अब तक राबर्टसगंज तहसील में 4, ओबरा तहसील में 8, दुद्धी तहसील में 13 कुल 25 मौत हो चुकी है। वहीं सर्पदंश से मई से अब तक राबर्ट्सगंज तहसील में चार घोरावल में सात, ओबरा तहसील में पांच और दुद्धी तहसील में 15 कुल में 56 की जान जा चुकी है।
बताते चलें कि जनपद की भौगोलिक परिस्थितियां कुछ इस तरह की हैं कि यहां प्री मानसूनी बारिश के साथ ही आकाशीय बिजली गिरने का सिलसिला शुरू हो जाता है और औसतन प्रत्येक वर्ष 40 से 45 व्यक्ति इस आपदा की भेंट चढ़ जाते हैं। इस पर नियंत्रण के लिए 5 साल पहले जिला प्रशासन ने 60 गांवों में चिन्हित स्थलों पर तड़ित चालक लगाने का प्रस्ताव बनाया था। तत्कालीन दुद्धी एसडीएम विश्राम के प्रस्ताव पर, तत्कालीन डीएम सीबी सिंह ने इसके लिए संस्तुति कर फाइल शासन को अग्रसारित भी की थी लेकिन उसके आगे पहल बढ़ नहीं पाई।
इसी तरह दुनिया के चार प्रमुख जहरीली प्रजातियों में तीन प्रजातियां सोनभद्र में पाई जाती हैं। दो तिहाई भूभाग जंगल पहाड़ से आच्छादित है। सर्प विशेषज्ञ अरविंद मिश्रा बताते हैं कि गर्मी में जब बहुत ज्यादा तपिश की स्थिति बनती है और बारिश के समय, यहां सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिसको लेकर लोगों को सचेत रहने की जरूरत है।
पानी में डूबने से 18 ने गंवाई जान
सामान्य रूप से पानी में डूब कर राबर्ट्सगंज तहसील में तीन घोरावल तहसील में एक ओबरा तहसील में एक और दुद्धी तहसील में 13 की मौत प्रकाश में आ चुकी है। जिला प्रशासन के मुताबिक शासन के निर्देश के क्रम में आपदाजनित मौतों के सूचना की पुष्टि करा कर मृतक आश्रितों को अनुमन्य सहायता राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। बता दें कि शासन से पानी में डूबने को भी आपदा की श्रेणी में शामिल किया जा चुका है और मृत्यु की दशा में सभी आपदा पीड़ित परिवारों को चार-चार लाख की धनराशि दिए जाने का प्रावधान है।
दो वाहनों से ले जाए जा रहे 16 गोवंशियों को कराया मुक्त
जिले के पुलिस ने बृहस्पतिवार की रात सात घंटे के भीतर दो महत्वपूर्ण कामयाबी दर्ज की। रात में करमा थाना क्षेत्र से लापता हुए किशोर को मिर्जापुर रेलवे स्टेशन के पास से सकुशल बरामद कर लिया गया। शुक्रवार की भोर में चार बजे के करीब शाहगंज थाना क्षेत्र से होकर दो वाहनों पर वध के लिए ले जाए जा रहे 16 गोवंशियों को मुक्त कराने में कामयाबी पाई।
पुलिस प्रवक्ता एवं सोशल मीडिया सेल प्रभारी चंद्र प्रकाश पांडेय ने बताया कि पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रसाद सिंह के निर्देश पर पूरे जिले में गोवंश तस्करी एवं इसमे संलिप्त अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई व उनकी गिरफ्तारी का अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में चौकी इंचार्ज शाहगंज आशीष कुमार सिंह की अगुवाई वाली पुलिस टीम ने शुक्रवार की भोर में लगभग 4.20 बजे कुशहरा गांव के पास से दो पिकअप वाहनों से तस्करी के लिए ले जाए जा रहे 16 राशि गोवंश को बरामद कर मुक्त कराया गया।
वाहन पर मौजूद तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। प्रकरण मे थाना शाहगंज पर शधारा 3/5क/8 गोवध निवारण अधिनियम, 11 पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कर तस्करों की तलाश की जा रही है। इसी तरह ऑपरेशन मुस्कान के थाना करमा पुलिस और सर्विलांस सेल की संयुक्त टीम ने घर से नाराज होकर निकले किशोर को सूचना मिलने के दो घंटे में सकुशल बरामद कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि रात्रि लगभग 09.20 बजे भुवनेश्वर सिंह निवासी धौरहरा ने थाना करमा पर सूचना दी कि उनका पुत्र कौत्सुभ सिंह 13 वर्ष सायंकाल लगभग पांच बजे घर से निकला था लेकिन अभी तक न ही वापस लौटा और न ही खोजबीन करने पर कोई पता चल रहा है। जानकारी मिलते ही एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह क्षेत्राधिकारी घोरावल शंकर प्रसाद के मार्गदर्शन में करमा पुलिस और सर्विलांस टीम को गुमशुदा किशोर की तलाश में लगा दिया।
सर्विलांस टीम के सहयोग से सूचना मिलने के दो घंटे के भीतर मीरजापुर रेलवे स्टेशन के पास से लापता बताए जा रहे कौस्तुभ को बरामद कर लिया गया । पूछताछ में किशोर ने बताया कि किसी बात पर परिजनों से नाराज होकर वह घर से चला गया था । पुलिस टीम द्वारा उसे समझाया-बुझाया गया और सुरक्षित वापस लाते हुए उसके पिता को सुपुर्द कर दिया। बरामदगी करने वाली पुलिस टीम की अगुवाई वरिष्ठ उप निरीक्षक विनोद यादव ने की।